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महिलाओं की तरह पुरुषों को भी होता है मेनोपॉज...
उम्र बढ़ने के साथ जहां महिलाओं के प्रजनन क्षमता और कामेच्छा में असर पड़ता हैं, 60 साल की उम्र तक पहुंचकर महिलाओं के अंडाशय में अंडों का बनना बंद हो जाता है। इस स्थिति को मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति कहते हैं। वहीं उम्र के एक दौर के बाद पुरुषों के साथ भी ऐसा कुछ होता है।
जी हां पुरुषों को भी मेनोपॉज होता है, जिसे वैसे एंडोपॉज कहा जाता हैं। महिलाओं और पुरुषों के मेनोपॉज में अंतर बस इतना है कि पुरुष पूरी तरह से प्रजनन के लिए अक्षम नहीं हो जाते बल्कि उनकी प्रजनन क्षमता थोड़ी कम हो जाती है। 50-60 साल की उम्र के बीच पुरुषों के अंदर कई तरह के हार्मोनल चेंज देखने को मिलते हैं। ऐसे में उनमें टेस्टोस्टेरॉन लेवल में काफी कमी देखी जाती है। आइये जानते हैं मेल मेनोपॉज के बारे में और भी-
हडि्डयों और मसल्स में कमी..
मेनोपॉज के दौरान पुरुषों के वजन में बढ़ोत्तरी देखी जाती है। इसके अलावा उनके मसल्स लूज होने लगते हैं तथा बाल भी झड़ने लगते हैं। घुटनों में तकलीफ बढ़ जाती है। मेल मेनोपॉज के दौर में टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण हड्डियाँ भी कमजोर होने लगती हैं।
मूड स्विंग और तनाव
टेस्टोस्टेरॉन की कमी की वजह से सीधे तौर पर तनाव की समस्या नहीं होती लेकिन इसकी वजह से कामेच्छा में कमी और थकान होती है। इस वजह से व्यक्ति तनाव और अवसाद की चपेट में आ सकता है। हार्मोनल चेंज होने पर मूड स्विंग काफी आम होता है। भले वह आदमी हो या फिर औरत, दोनों में ही मूड स्विंग काफी परेशानी पैदा कर देता है। एक पल में आप हसंने लगेगे और दूसरे ही पल आप गुस्सा हो जाएंगे। मेनोपॉज के समय क्रोध एक आम संकेत है। जबकि वहीं पर कुछ लोग बेचैन हो जाते हैं और दूसरे पुरुष आलस से भर जाते हैं।
प्रोस्टेट ग्रंथि का वजन बढ़ जाना
जब पुरुषों में मेनोपोज या एंड्रोपॉज की स्थिति आती है तो कई लोगों में प्रॉस्टेट ग्रंथि का साइज़ बड़ा होने लगता है जो कि टेस्टोस्टेरोन लेवल के कम होने का प्रमुख लक्षण है। इस दौरान प्रॉस्टेट ग्रंथि बढ़ने लगती है और कठोर हो जाती है। हालांकि यह बात अलग अलग व्यक्तियों पर अलग तरह से निर्भर करता है। पुरुषों में इसका साइज़ 35 ग्राम से लेकर 650 ग्राम तक हो सकता है। वैसे इसका औसतन साइज़ सिर्फ 60 ग्राम ही होता है। प्रॉस्टेट ग्रंथि, यूरिनरी ब्लैडर के आस पास ही घिरी रहती है जिससे इसके बढ़ जाने से पुरुषों को पेशाब करने में तकलीफ होने लगती है।
शरीर में परिर्वतन..
मेल मेनोपॉज में रात में खूब पसीने की समस्या होती है। इस वजह से बार बार नींद खुल जाती है। यदि आपको ठंड के साथ पसीना भी आ रहा है तो यह भी मेनोपॉज का ही लक्षण है।
कामेच्छा में कमी
टेस्टोस्टेरॉन की कमी की वजह से कामेच्छा में कमी आती है, लेकिन पुरुषों में पूरी तरह से बांझपन नहीं होता। मेनोपॉज के दौरान बस उनकी प्रजनन क्षमता थोड़ी कमजोर हो जाती है।
बाल झड़ना
गंजापन होना या बालों का अधिक झड़ना भी टेस्टोस्टेरोन लेवल के कम होने का एक लक्षण है।