Just In
- 2 hrs ago Chandra Grahan 2024 Rashifal: साल का पहला चंद्र ग्रहण इन 5 राशियों के लिए रहेगा बेहद सौभाग्यशाली
- 11 hrs ago अनुपमा फेम रुपाली गांगुली है Working Mom Guilt का शिकार, जानें क्या होता है और ऐसा होने पर क्या करें?
- 12 hrs ago Animated Images से खास दोस्तों को दें Holi Wishes, खुशियों और रंगों का मजा हो जाएगा दोगुना
- 13 hrs ago Retinal Detachment सर्जरी के लिए ब्रिटेन जाएंगे आप सांसद राघव चड्डा, ये हैं बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज
Don't Miss
- Finance Share Bazar News: Sensex फिर धड़ाम, 376 अंक टूटा, जानिए टॉप 5 लूजर शेयर
- News ना दूध, ना रोटी ना चावल का एक दाना, हृदय चीर देगा बच्चों का रोना.. गाजा पट्टी में भुखमरी से विनाशक हुए हालात
- Movies Bollywood Hindi News Live: 'योद्धा' का मंडे टेस्ट में हुआ बुरा हाल, टीवी शो रातों-रात निकाल गए एक्टर्स
- Technology Infinix Note 40 सीरीज 108MP कैमरा के साथ ग्लोबली लॉन्च, इस दिन से शुरू हो रही सेल, जानें कीमत
- Education SEBI Recruitment 2024 सहायक प्रबंधक रिक्तियों के लिए आवेदन 13 अप्रैल से, सैलरी 1,49,000 रु प्रतिमाह
- Travel रमज़ान 2024 : इफ्तारी नहीं, हैदराबाद में ये हैं सेहरी के लिए बेस्ट जगहें, जरूर Try करें
- Automobiles Top-10 Bikes : February में इन टॉप-10 बाइक की हुई जबरदस्त बिक्री, जानें किसने किया नंबर-01 की पोजिशन पर कब्जा
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
World Malaria's Day पर जाने कि कैसे आते है मलेरिया की चपेट में और कैसे करे बचाव?
मलेरिया सुनने में बहुत सामान्य सी एक बीमारी लगती है, जिसे लोग ज्यादात्तर मौसमी बीमारी समझकर लापरवाही बरतते है और अक्सर इसकी चपेट में आ जाते है। आप को जानकर थोड़ी सी हैरत होगी कि दुनिया की आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए मलेरिया बहुत बड़ा मुद्दा बन गया है।
यहीं कारण है लोगों को इसके प्रति जागरुक करने के लिहाज से हर साल 25 अप्रैल को विश्वभर में मलेरिया दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थय संगठन द्वारा इस दिन को मनाने का उद्देश्य मलेरिया जैसे रोग पर जनता का ध्यान केंद्रित करना था, जिससे हर साल लाखों लोग मरते हैं। इस मुद्दे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम चलाने से बहुत सी जानें बचाई जा सकती हैं।
WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार बीमारियों से होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा मौतें मलेरिया की वजह से होती है। जलवायु परिवर्तन के चलते लगातार तापमान बढ़ रहा है और इसी के साथ मलेरिया का खतरा भी बढ़ गया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक़ तापमान बढ़ने के कारण मलेरिया के मरीज़ों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है। विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर जानते है कि किस तरह मलेरिया फैलता है इसके लक्षण और इसके बचाव के बारे में।
एनोफिलीज' मच्छर से फैलता है मलेरिया
मलेरिया एक ऐसा रोग है जो मादा 'एनोफिलीज' मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर गंदे और दूषित पानी में पनपते हैं, इस मादा मच्छर के काटने पर मलेरिया की सम्भावनाएं बढ़ जाती है। डेंगू के मच्छर का काटने का समय जहां सूर्यास्त से पहले होता है वहीं, मलेरिया फैलाने वाले मच्छर सूर्यास्त के बाद काटते हैं। इन्हीं सब चीजों के प्रति सचेत रहने और खुद को इस रोग से बचाने के लिए आमतौर पर मलेरिया का रोग अप्रैल से शुरू हो जाता है लेकिन जुलाई से नवंबर के बीच में यह रोग अपने चरम पर होता है। यानि कि इसी दौरान लाखों लोग इसकी चपेट में आते हैं।
ऐसे लेता है चपेट में..
मलेरिया एक परजीवी रोगाणु से होता है, जिसे प्लास्मोडियम कहते हैं। ये रोगाणु एनोफिलीज' प्रजाति के मादा मच्छर में होते हैं और जब यह किसी व्यक्ति को काटती है, तो उसके खून की नली में मलेरिया के रोगाणु फैल जाते हैं।
ये रोगाणु व्यक्ति के कलेजे की कोशिकाओं तक पहुंचते हैं और वहां इनकी गिनती बढ़ती है। जब कलेजे की कोशिका फटती है, तो ये रोगाणु व्यक्ति की लाल रक्त कोशिकाओं पर हमला करके प्रतिरोधक क्षमता को कम करने में लग जाती है।
मलेरिया के रोगाणु लाल रक्त कोशिकाओं पर तब तक हमला करते हैं, जब तक की वो नष्ट नहीं हो जाएं। जब लाल रक्त कोशिका फटती है, तो रोगाणु दूसरी लाल रक्त कोशिकाओं पर हमला करते हैं और यह सिलसिला जारी रहता है। जब तक की व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह खत्म नहीं हो जाएं।
एक से 4 हफ्ते के बीच में दिखते है लक्षण
अगर आपको मलेरिया हो जाता है, तो फौरन इलाज करवाए। इस बात को ध्यान में रखिए कि मलेरिया के मच्छर के काटने के 1 से 4 हफ्ते बाद बीमारी के लक्षण नज़र आ सकते हैं। ये होते है इसके लक्षण।
- तेज़ बुखार
- पसीना
- ठंड और कँपकँपी
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- जी मचलना
- उल्टी
- दस्त
- चाय, कॉफी व दूध लें। चाय में तुलसी के पत्तें काली मिर्च, दालचीनी या अदरक डाल कर पियें।
- मलेरिया के रोगी को सेब खिलाएं, यह मलेरिया में फायदा करता है।
- दाल-चावल की खिचड़ी, दलिया, साबूदाना का सेवन करें। ये पचने में आसान होते हैं और पोष्टिक भी होते हैं।
- नीबू को काटकर उस पर काली मिर्च का चूर्ण व सेंधा नमक डालकर चूसें, स्वाद ठीक होगा और फायदा भी पहुंचेगा।
- मलेरिया ज्वर में अमरूद खाने से रोगी को लाभ होता है।
अगर मलेरिया का इलाज न करवाया जाए, तो शरीर में खून की भारी कमी हो सकती है और जान भी जा सकती है। इससे पहले कि हालत और खराब हो, जल्द-से-जल्द इलाज करवाएं, खासकर जब बच्चों या गर्भवती स्त्रियों की तबीयत खराब हो।
गर्भावस्था में रखे खास ख्याल
डेंगू की ही तरह मलेरिया होना भी प्रेगनेंसी के दौर में बहुत खतरनाक है। इससे गर्भपात जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा मलेरिया के कारण गर्भवती महिलाओं को एनीमिया, किडनी फेल होना और कई महत्वपूर्ण अंगो के डैमेज होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके कारण महिला की मौत भी हो सकती हैं इसलिए इस रोग के लक्षणों को बिल्कुल भी अनदेखा न करें।
मलेरिया होने पर ये खाएं