Just In
- 50 min ago छोटी उंगली की लंबाई बता सकती है आपके कई राज, जानें कैसी है आपकी शख्सियत
- 2 hrs ago Delhi Bus Viral Video: DTC बस में ब्रा और अंडरवियर में चढ़ गई महिला, इसके बाद जो हुआ, वीडियो में देखें
- 3 hrs ago Raj Kundra Net Worth: कितने अमीर हैं राज कुंद्रा, जिनकी 100 करोड़ रुपयों की प्रोपर्टी ED ने की जब्त
- 5 hrs ago Foods Avoid While Drinking Alcohol : दारू पीते हुए चखने में न खाएं ये चीजे, पेट में जाते ही बन जाती हैं जहर
Don't Miss
- News 'ये तो बेस्ट है... ', कौन है ये कातिल हसीना जो धवन की इमोशनल पोस्ट पर हार बैठीं दिल
- Finance HDFC Life Q4 Results: बंपर तेजी के साथ 411 करोड़ रुपए पहुंचा एचडीएफसी लाइफ का नेट प्रॉफिट
- Movies टीवी की पहली नागिन, रातों-रात हुईं पॉपुलर, स्टारडम बना घातक, बेचना पड़ा गाड़ी-बंगला
- Education उत्तराखंड हाई कोर्ट जूनियर असिस्टेंट और स्टेनोग्राफर रिजल्ट 2024 जारी, डाउनलोड लिंक यहां
- Technology गूगल ला रहा है "Quarantine Apps" फीचर, स्पैम ऐप की खैर नहीं
- Automobiles Bigg Boss फेम आयशा खान ने खरीदी MG की ये धांसू कार, जानें क्या है खासियत?
- Travel सऊदी अरब ने बदला उमराह Visa Rule, अब 90 दिनों तक वीजा रहेगा वैध, Details
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
असम में बरपा जापानी इंसेफलाइटिस का कहर, जाने लक्षण और बचाव के बारे में
कुछ दिन पहले तक बिहार में इन्सेफलाइटिस से बड़ी संख्या में होने वाली मौतों को लेकर मचा कोहराम थमा ही नहीं था कि अब असम में जापानी इंसेफलाइटिस की वजह से 45 लोगों की मरने की खबर सामने आई है। जापानी इन्सेफेलाइटिस को जापानी बुखार के नाम से भी जाना जाता है, यह एक प्रकार का दिमागी बुखार है जो वायरल संक्रमण के कारण होता है यह संक्रमण ज्यादा गंदगी वाली जगह पर पनपता है साथ ही मच्छर के काटने से भी होता है। पिछले साल इस बुखार की वजह से उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में 45 दिनों में 71 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी।
जापानी मस्तिष्क ज्वर एक घातक संक्रामक बीमारी है जो मच्छर जनित फ्लैविवाइरस (Flavivirus) नामक वायरस के वजह से होती है। सबसे पहले साल 1871 में इस बीमारी का जापान में पता चला था इसलिए इसका नाम ''जापानी इन्सेफ्लाइटिस'' पड़ा है। सुअर और जंगली पक्षी इस बुखार के वायरस के मुख्य स्रोत होते हैं। आइए जानते है जापानी इन्सेफेलाइटिस के लक्षण और इलाज के बारे में।
जापानी इन्सेफेलाइटिस के लक्षण
- जापानी इन्सेफेलाइटिस में बुखार होने पर बच्चे की सोचने, समझने, और सुनने की क्षमता प्रभावित हो जाती है।
- तेज बुखार के साथ बार- बार उल्टी होती है।
- शरीर में जकड़न नज़र आना
- इस बीमार की कैसेज ज्यादात्तर अगस्त, सितंबर और अक्टूबर माह में देखने को मिलते हैं और 1 से 14 साल की उम्र के बच्चें इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित होते हैं।
बचाव
- इस बीमारी का सबसे बड़ा बचाव है साफ-सफाई पर ध्यान दें।
- इसके अलावा नवजात बच्चे का समय पर टीकाकरण कराएं और बच्चों की साफ सफाई का ख़ास ख्याल रखे और उन्हें गंदे पानी के संपर्क में आने से रोकें।
- गंदे पानी को जमाव न होने दें
- घर में मच्छर होते ही कीटनाशक का उपयोग करें।
- बरसात के दिनों में साफ और उबाल कर पानी पिएं।
- बारिश के मौसम में बच्चों को बेहतर खाना दे।
- हल्का बुखार होने पर लापरवाही न बरतें और डॉक्टर को तुरंत दिखाएं।
जापानी इन्सेफेलाइटिस का इलाज
इस घातक बीमारी की गणना विश्व की उपेक्षित उष्णकटिबंधीय बीमारियों में होती है। हर साल इस बीमारी के सबसे ज्यादा कैसेज एशियाई देशों में ही देखने को मिलते हैं। यह रोग विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और कम प्रतिरक्षा क्षमता वाले कमजोर व्यक्तियों को प्रभावित करता है। सेरीब्रोस्पाइनल फ्लूइड की जांच से इस बीमारी की पहचान होती है। अभी तक इस बीमारी के लिए कोई भी एंटीबॉयोटिक ईजाद नहीं किया गया है। लेकिन इस बीमारी से बचाव के लिए वैज्ञानिकों के संयुक्त प्रयास से जेई का एक टीका विकसित किया है।
Most Read :रात में नहीं दिन में होता है डेंगू, होम्योपैथी है इसका कारगार इलाज
जापानी इंसेफलाइटिस और अक्यूट इन्सेफलाटिस सिंड्रोम में है फर्क
ऐसे में लोग बिहार और असम में फैली इस बीमारी को एक साथ जोड़कर देख रहे हैं। तो आपको पहले एक चीज बता दे कि जापानी इन्सेफलाइटिस वायरस (JEV) और अक्यूट इन्सेफलाटिस सिंड्रोम (AES) दोनों अलग-अलग तरह की बीमारी है।
एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस ) जिसे चमकी बुखार के नाम से भी जाना जाता है। ये एक तरह का दिमागी बुखार है जो रक्त में कम ब्लड शुगर और सोडियम की कमी की वजह से होता है। वहीं जापानी इंसेफलाइटिस जिसे जापानी फीवर या बुखार के नाम से जाना जाता है। ये मच्छरों के काटने पर फ्लैविवाइरस (Flavivirus) नामक वायरस के संक्रमण के वजह से होता है।