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स्टडी: मक्खियां भी फैला सकती हैं कोरोना, जानें कितने दिन तक इंसान के मल में जिंदा रहता है वायरस
कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर लगातार जारी है। जहां एक तरफ अस्पताल में मरीज भर्ती हैं, तो वहीं एक्टिव केसों की संख्या भी काफी ज्यादा है। लोग घरों में बंद रहकर भी इस वायरस के चपेट में आ रहे हैं। ये वायरस कैसे फैलता है और फैल सकता है। इसे लेकर कई तरह के अध्ययन सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में एक और अध्ययन बताता है कि घर की मक्खियों से सार्स COV-2 वायरस फैल सकता है। साथ ही ये वायरस व्यक्ति के मल में भी काफी दिनों तक जिंदा रहने जैसी बातें सामने आई है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
दरअसल, सार्स COV-2 ही कोरोना वायरस बीमारी का कारण बनता है। ये मुख्य रूप से हमार शरीर से निकलले वाले ड्रॉपलेट्स यानी बूंदों के जरिए फैलता है। जब संक्रमित व्यक्ति छींकता, बोलता या फिर खांसता है, तो नाक और मुंह के जरिए कुछ बूंदें निकलती हैं, जो एरोसोल में बदल जाती हैं। ये बूंदें जमीन या सतह पर चिपक सकती हैं। ऐसे में अगर इनके संपर्क में कोई आया तो वो इससे संक्रमित हो सकता है।
यही नहीं, घर की मक्खियां भी सार्स COV-2 जीनोमिक आरएनए को आसपास के वातावरण में 24 घंटे बाद तक भी फैला सकती हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि मक्खियां 250 से ज्यादा विभिन्न रोगजनकों को ले जा सकते हैं। ये मक्खियां अपनी बाहरी सतह जैसे पैर, मुंह और पंखों के जरिए संक्रमण फैला सकती हैं।
इतने दिन तक रहता है मानव के मल में वायरस
जर्नल पर्यावरण अंतरराष्ट्रीय प्रोफेसर क्विलियम और स्टर्लिंग के प्राकृतिक विज्ञान संकाय के सहयोगियों ने एक अध्ययन के जरिए पाया कि 33 दिन बाद तक भी ये वायरस मानव मल में पाया जा सकता है। प्रोफेसर क्विलियम ने कहा, 'हम जानते हैं कि कोविड-19 खांसी और छींकने से निकली बूंदों या संक्रमण वाली वस्तुओं या अन्य चीजों के जरिए फैलता है।' उन्होंने आगे जानकारी दी कि, ' इस बात की पुष्टि की गई है कि मरीज की कोविड-19 रिपोर्ट निगेटिव आने के 33 दिन बाद तक ये वायरस मानव मल में भी पाया जा सकता है