Just In
- 6 min ago Mukhtar Ansari Networth : मुख्तार अंसारी का निधन, जानें कितनी बेशुमार दौलत के थे मालिक?
- 51 min ago कौन थे पंजाबी रॉकस्टार अमरसिंह चमकीला? जिनकी मौत के 35 साल बाद भी नहीं सुलझी गुत्थी
- 1 hr ago ड्राई स्किन और डार्क सर्कल के लिए कंसीलर खरीदते हुए न करें ये गलतियां, परफेक्ट लुक के लिए ऐसे करें अप्लाई
- 5 hrs ago Lemon Juice Bath : नींबू पानी से नहाने के फायदे जान, रोजाना आप लेमन बाथ लेना शुरु कर देंगे
Don't Miss
- News Uttarakhand: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने डीडीहाट में अजय टम्टा के पक्ष में किया प्रचार, समर्थकों के साथ की पदयात्
- Education MHT CET 2024 Exam Dates: एमएचटी सीईटी 2024 परीक्षा की तारीखें फिर से संशोधित की गई, नोटिस देखें
- Movies बेटे अकाय के जन्म के बाद अनुष्का शर्मा ने शेयर की अपनी पहली तस्वीर, दूसरी डिलिवरी के बाद ऐसी हो गई हैं हसीना
- Finance Gaming का बिजनेस भारत में पसार रहा पांव, आने वाले सालों में 6 अरब डॉलर तक का होगा कारोबार
- Automobiles अब Toll प्लाजा और Fastag से नहीं, इस खास सिस्टम से होगा Toll Collection! नितिन गडकरी ने दिया बड़ा अपडेट
- Technology Oppo F25 Pro भारत में नए Coral Purple कलर में उपलब्ध, जानिए, स्पेक्स और उपलब्धता
- Travel Good Friday की छुट्टियों में गोवा जाएं तो वहां चल रहे इन फेस्टिवल्स में भी जरूर हो शामिल
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
कांगो बुखार का फैला कहर, जानें लक्षण और बचाव के बारे में
कोरोना महामारी संकट के बीच वायरल फ्लू, डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों से तो लोग जूझ ही रहे हैं, अब कांगो बुखार ने भी लोगों की चिंता बढ़ा दी है। महाराष्ट्र के पालघर जिले में इस बीमारी के संभावित संक्रमण को लेकर अधिकारियों को सावधान रहने का निर्देश दिया गया है। कांगो बुखार यानी क्राइमियन कांगो हेमोरेजिक फीवर (CCHF) से बचाव को लेकर एहतियात बरतने को कहा गया है, क्योंकि इसका कोई विशेष और कारगर इलाज उपलब्ध नहीं है। कोरोना की ही तरह इसके लक्षणों का उपचार किया जाता है।
क्या है कांगो फीवर?
यह वायरल बीमारी खास तरह के कीट (किलनी) के जरिए एक जानवर से दूसरे जानवर में फैलती है। संक्रमित जानवरों के खून के संपर्क में आने या ऐसे जानवरों का मांस खाने पर इंसानों में यह बीमारी फैलती है।
सही समय पर बीमारी का पता लगाकर इलाज नहीं किया गया तो 30% मरीजों की मौत हो जाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इसके लक्षण दिखने में 6 से 13 दिन का समय लगता है।
कहां से आया कांगो फीवर?
इस बीमारी का पहला मामला 1944 में यूरोप के क्रीमिया में आया था। लेकिन 1956 में अफ्रीका के कांगो में इसी वायरस के मामले सामने आए, इसलिए इस बीमारी का पूरा नाम क्रीमियन-कांगो फीवर रखा गया। हालांकि बोलचाल की भाषा में इसे कांगो फीवर ही कहा जाता है। अब इसका वायरस दूसरे देशों में भी पहुंच रहा है।
लक्षण
- इससे संक्रमित होने वाले मरीजों में बुखार के साथ मांसपेशियों में दर्द होना, सिरदर्द और चक्कर आना जैसे लक्षण दिखते हैं।
- कुछ मरीजों को सूर्य की रोशनी से दिक्कत होती है, आंखों में सूजन रहती है।
- संक्रमण के 2 से 4 दिन बाद नींद न आना, डिप्रेशन और पेट में दर्द के लक्षण भी सामने आते हैं।
- मुंह, गर्दन और स्किन पर चकत्ते आने के साथ हार्ट रेट भी बढ़ सकता है।
इलाज
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, लक्षण दिखने पर मरीजों को एंटीवायरल ड्रग दी जाती है। इसका इलाज ओरल और इंट्रावेनस दोनों तरह से किया जाता है। इसके 30 फीसदी मरीजों की मौत बीमारी के दूसरे हफ्ते में होती है। मरीज अगर रिकवर हो रहा है तो इसका असर 9वें-10वें दिन दिख जाता है। इसकी अब तक कोई वैक्सीन नहीं तैयार की जा सकी है। वैक्सीन न होने के कारण बचाव ही इलाज है।