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बारिश में कंजंक्टिवाइटिस कहीं कोरोना संक्रमण तो नहीं, जानें कैसे रखें ख्याल
कंजंक्टिवाइटिस मानसून में एक आम नेत्र संक्रमण है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स ने ये भी चेतावनी दी है कि आंखों से संबंधित इस समस्या को नजरअंदाज करना घातक हो सकता है। कंजंक्टिवाइटिस कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण भी हो सकता है। विशेषज्ञों ने भी कुछ दिनों पहले कंजंक्टिवाइटिस या गुलाबी आंख को कोरोना का एक असामान्य लक्षण बताया था। ऐसे में डॉक्टर्स आंखों के प्रति खास देखभाल बरतने की बात कर रहे हैं। कोरोनावायरस संक्रमण मुंह, नाक के साथ ही आंखों से भी फैल सकता है। ऐसे में इससे बचने के लिए आंखों की स्वच्छता और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बहुत जरूरी है।
क्या है कंजंक्टिवाइटिस?
मानसून में कंजंक्टिवाइटिस आम है। एक एसिम्प्टोमेटिक रोगी भी आंसू या डिस्चार्ज के जरिए कोरोना रोग का प्रसार कर सकता है। ऐसे में आई प्रोटेक्शन को पहनना महत्वपूर्ण है। 2003 में टोरंटो में सार्स के प्रकोप के फैलने का मुख्य कारण था आई प्रोटेक्शन ना पहनना। इसके कारण कोरोना संक्रमित रोगियों से काफी स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोनवायरस होने का खतरा बढ़ गया था। प्रकाशित वैज्ञानिक अध्ययन दर्शाते हैं कि कंजंक्टिवाइटिस बुखार , सूखी खांसी या रेस्पिरेटरी लक्षणों के अलावा सक्रिय कोविड-19 संक्रमण का एकमात्र संकेत और लक्षण हो सकता है।
कोरोना के मरीज यूं रखें आंखों का ध्यान
1. जब एक कोरोनोवायरस का मरीज , भले ही वह एसिम्प्टोमेटिक हो, तो बोलने, खांसने या छींकते समय ड्रॉपलेट्स फैलाता है, जिससे कोरोना बीमारी फैल सकती है। जो लोग कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं, उन्हें महामारी के दौरान चश्मे का उपयोग करना चाहिए और आंखों की स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए।
2. अपने हाथ साबुन और पानी से धोएं। फिर सादे पानी से अपनी आंखें धोएं, इसे बार-बार दोहराएं। डॉक्टर द्वारा बताए गए मेडिकेटेड आई ड्रॉप का उपयोग करें।
3. आंखों को अधिक स्ट्रेन पड़ने से भी बचाएं। लगातार लैपटॉप या किसी भी स्क्रीन को देखने से बचें। हर घंटे 10 मिनट का ब्रेक लेने की कोशिश करें। इससे आंखों को रगड़ने की प्रवृत्ति कम होगी। बालकनी में लगे पौधों को देखें। सोसायटी के पार्क में बैठकर हरे-भरे पेड़ों को देखें।
4. अपने खानपान का खास ख्याल रखें। पालक, खुबानी , शकरकंद , मछली के साथ ही विटामिन सी, कैल्शियम और जिंक शामिल करें। जो डॉक्टर आंखों की समस्या से ग्रस्त मरीजों का इलाज कर रहे हैं, उन्हें भी संक्रमण होने की संभावना को रोकने के लिए फेस शील्ड और पीपीई का उपयोग करना चाहिए।