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Delta variant: इन लोगों को है 'डेल्टा वैरिएंट' से ज्‍यादा खतरा, इससे बचने के लिए करें ये काम

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कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार धीरे-धीरे कम होती जा रही है, लेक‍िन अभी भी लोगों में तीसरी लहर की आशंका को लेकर भय देखने को मिल रहा है। भले ही कोरोना वायरस के मामलों में कमी देखने को मिल रही है लेकिन अभी भी डरने की बात इसल‍िए है क‍ि धीरे-धीरे समय के साथ ये वायरस अपना स्‍वरुप और लक्षण बदलता जा रहा है। जैसे जैसे कोरोना के संस्‍करणों में बदलाव आ रहा है। वैसे-वैसे इसके लक्षण भी पहली की तुलना में खतरनाक होते जा रहे है। इन द‍िनों कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को लेकर काफी डर देखने को मिल रहा है। एक्सपर्ट्स भी इसे तीसरी लहर का कारण भी मान रहे हैं। आइए जानते है क्‍या है 'डेल्टा वैरिएंट' और क‍िसे है इससे ज्‍यादा खतरा और इससे बचने के ल‍िए क्‍या करें?

क्‍या है डेल्टा प्लस वैरिएंट ?

क्‍या है डेल्टा प्लस वैरिएंट ?

डेल्टा प्लस वैरिएंट कोरोना वायरस के 'डेल्टा' वैरिएंट का खतरनाक स्‍वरूप है, इसका सबसे पहला मामला भारत में ही म‍िला था। अब ये वैरिएंट दुन‍ियाभर के अलग-अलग 85 देशों में म‍ि‍ला है!

क्‍या वैक्‍सीन इफेक्टिव है इस वैर‍िएंट को रोकने में

क्‍या वैक्‍सीन इफेक्टिव है इस वैर‍िएंट को रोकने में

टाइम्‍स ऑफ इंड‍िया की एक के रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत में वैक्‍सीन को कोरोना वायरस के अल्फा वैरिएंट के अनुसार विकसित किया गया था। इसल‍िए इस बात की संभावना है कि डेल्टा वैरिएंट वैक्‍सीन द्वारा बनाए गए एंटीबॉडी को आसानी से पार कर सकते है।

हेल्‍थ एक्‍सपर्ट की मानें तो वैरिएंट में ऐसी क्षमताएं भी है जो उन्हें प्रतिरक्षा सुरक्षा से बचने में मदद करने के साथ वैक्सीन से बनी सुरक्षा तंत्र को भी आसानी से चकमा देने में सक्षम है। जो क‍ि चिंता की बात है हालांक‍ि कुछ रिसर्च की मानें तो कुछ वैक्‍सीन डेल्‍टा संस्करण के इस नए वैरिएंट के खतरे को टाल सकते है। कोविशील्ड और कोवैक्सिन के अलावा, रूसी वैक्‍सीन स्पुतनिक भी डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ सफल नजर आए है।

कौन है खतरे में

कौन है खतरे में

यूके के अधिकारियों द्वारा जारी डाटा के अनुसार, डेल्टा वैरिएंट अधिक खतरनाक है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के अनुसार कम उम्र के लोग, बिना टीकाकरण वाले और आंशिक रूप से टीकाकरण वाले व्यक्तियों को संक्रमण की संभावना अधिक रहती है।

इसके लक्षण क्‍या है?

इसके लक्षण क्‍या है?

इस वैरिएंट के कुछ लक्षणों में खांसी, दस्त, बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, उंगलियों और पैर की उंगलियों में बदले हुए रंग। सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्‍याएं हैं। इसके अलावा कुछ मामलों में पेट में दर्द, मतली और भूख में कमी जैसे लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं।

डेल्टा प्लस से बचाव

डेल्टा प्लस से बचाव

डब्ल्यूएचओ के अनुसार इस खतरनाक वैर‍िएंट से लड़ने के ल‍िए फेस मास्क पहनना और वैक्सीन लगवाना जरुरी है।इस वैर‍िएंट से बचने के ल‍िए हाथों को नियमित रूप से हैंडवॉश या साबुन से धोते रहें। घर से बाहर जाते हुए मास्क जरुर पहनें और सैनिटाइजर साथ रखें। अपने मास्क और अन्‍य किसी भी चीज को छूने से बचें।छींकते या खांसते समय अपने मुंह को रुमाल या टिश्यू पेपर से कवर करें और इन्‍हें सही जगह फेंके। ध्रूमपान से बचें और फेफड़ों को प्रभावित करने वाली हर चीज से दूरी बना लें। बेवजह घर से न‍िकलने से बचें और सोशल डिस्‍टेसिंग का पालन जरुर करें।

English summary

Find out who is at higher risk of contracting the Delta Variant, know about precautions

what exactly is the delta variant of COVID-19 and what do we need to know about it right now? We reached out to experts to help shed some light on the subject.
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