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वैक्‍सीनेशन के बाद सामने आ रही है ये खतरनाक बीमारी सामने, जानें लक्षण और वजह

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वैज्ञानिकों ने हालिया हुई अध्ययन में बताया है कि वैक्सीनेशन के साइड-इफेक्ट्स के रूप में कुछ लोगों में गुलियन-बैरे सिंड्रोम नाम की गंभीर समस्या देखी जा रही है। तंत्रिका तंत्र से जुड़ी यह बीमारी गंभीर रूप में लोगों को लकवाग्रस्त भी बना सकती है।

यहां आपके लिए जानना आवश्यक है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेक को भारत में कोविशील्ड वैक्सीन के रूप में प्रयोग में लाया जा रहा है। आइए इस लेख में गुलियन-बैरे सिंड्रोम के बारे में विस्तार से जानते हैं। इसके साथ ही इसके लक्षणों और बचाव के तरीकों को भी जानने की कोशिश करते हैं।

प्रतिरोधक क्षमता में कमी है कारण

प्रतिरोधक क्षमता में कमी है कारण

गुलियन बैरे सिंड्रोम ये एक रेयर प्रकार की ऑटोइम्यून बीमारी है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पेरिफेरल नर्वस सिस्टम पर हमला करके उसे कमजोर बनाती है। इस वजह से पेरिफेरल नर्वस सिस्टम की माइलीन शीथ को हान‍ि पहुंचाता है, ऐसा होने पर शरीर को मिलने वाले संकेतों को एक से दूसरी जगह पहुंचने में दिक्‍कत होती है।

बीमारी के लक्षण

बीमारी के लक्षण

- रोगी के शरीर खासकर हाथों व पैरों में सुन्नपन।

- अंगुलियों में सुई सी चुभन महसूस व दर्द । हाथ व पैरों में कमजोरी महसूस होने लगती है। चलने में भी परेशानी, शरीर के अंग जाम।

- गर्दन की मांसपेशी भी प्रभावित हो सकती है।

- कुछ रोगी में सिर व चेहरे में स्थित क्रेनियल नर्व्स भी प्रभावित होती है।

- चेहरे की मांसपेशियों कमजोर हो जाती है और चेहरा सूज जाता है।

- रीढ़ की हड्‌डी के निचले हिस्से में तेज दर्द। सांस लेने में परेशानी होने से लकवा भी ।

गुलियन बैरे सिंड्रोम के कारण

गुलियन बैरे सिंड्रोम के कारण

फिलहाल गुलियन बैरे सिंड्रोम के कारणों के बारे में स्‍पष्‍ट पता चल नहीं पाया हैं। इसके कारणों के बार में मालूम करने के ल‍िए कई रिसर्च चल रहे हैं। तत्काल में इसे प्रतिरक्षा प्रणाली का नसों पर हमला करना प्रमुख कारण माना जाता है।

बचाव का तरीका

बचाव का तरीका

जिस तरह इसके कारणों के बारे में स्‍पष्‍ट कोई जानाकारी नहीं है। इसी तरह इसके इलाज के बारे में कोई स्‍पष्‍ट जानकारी नहीं है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक गुलियन-बैरे सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है। हालांकि इसको ठीक करने के लिए प्लास्मफेरेसिस या इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी को प्रयोग में लाया जा सकता है। प्लास्मफेरेसिस के दौरान रोगी के रक्त से उन एंटीबॉडी को निकाला जाता है जो नसों पर हमला कर सकती हैं। वहीं इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी में रोगी को इम्युनोग्लोबुलिन की हाई डोज देकर गुलियन-बैरे सिंड्रोम का कारण बनने वाली एंटीबॉडी को अवरुद्ध किया जाता है।

English summary

Guillain-Barré syndrome: Symptoms, causes, diagnosis, and treatment in hindi

here we talking about the Guillain-Barré syndrome is a very rare and serious condition that affects the nerves. Check out the Symptoms, causes, diagnosis, and treatment in hindi. Read on.
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