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घर पर रहते हुए Proning की मदद से अपना ऑक्सीजन लेवल बढ़ाएं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है इसकी मंजूरी

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पूरे देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण हालात नियंत्रण से बाहर होते दिख रहे हैं। मौजूदा समय में कोरोना वायरस कि गिरफ्त में आए लोगों में ऑक्सीजन का गिरता लेवल चिंता का विषय बना हुआ है। देशभर में ऑक्सीजन की भारी कमी देखने को मिल रही है जिसकी वजह से लोगों का जीवन संकट में आ गया है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में मृतकों की संख्या का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। इस वजह से लोगों के बीच भय की स्थिति बनी हुई है।

इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन मरीजों के लिए proning का सुझाव दिया है जिन्हें सांस की तकलीफ हो रही है। यदि समय रहते रोगी को Proning दी जाए तो स्थिति को संभाला जा सकता है। जानते हैं ये Proning की प्रक्रिया क्या है, ये कैसे काम करता है और किन लोगों को इसे करने से बचना चाहिए।

प्रोनिंग (Proning) क्या है?

प्रोनिंग (Proning) क्या है?

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, प्रोनिंग की जरूरत तब पड़ती है जब रोगी को सांस लेने में मुश्किल हो रही हो और शरीर में ऑक्सीजन का लेवल 94 से नीचे चला जाए तब इस स्थिति में प्रोनिंग देना चाहिए। प्रोनिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे मरीज अपना ऑक्सीजन लेवल खुद ही मेंटेन कर सकता है। यह प्रक्रिया 80 प्रतिशत तक कारगर है। यह खून में ऑक्सीजन के स्तर को बिगड़ने से नियंत्रित करता है। होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों के लिए ये बहुत लाभकारी है।

घर पर कैसे करें प्रोनिंग

घर पर कैसे करें प्रोनिंग

प्रोनिंग की प्रक्रिया में सबसे पहले मरीज को पेट के बल लिटा दें। गर्दन के नीचे एक तकिया रखें फिर एक या दो तकिये छाती और पेट के नीचे बराबर रखें और दो तकिये पैर के पंजे के नीचे रखें। 30 मिनट से लेकर 2 घंटे तक इस पोजीशन में लेटे रहने से मरीज को फायदा मिलता है। ध्यान रहे हर 30 मिनट से दो घंटे में मरीज के लेटने के पोजीशन में बदलाव जरूर करें। मरीज को पेट के बल लिटाने के बाद इसी समयावधि में बारी-बारी दाईं और बाईं तरफ करवट करके लिटाएं। इसके बाद मरीज को बिठा दें और फिर उसे पेट के बल लिटा दें।

इस प्रक्रिया की मदद से फेफड़ों में खून का संचार पहले के मुकाबले अच्छा होने लगता है। साथ ही फेफड़ों में मौजूद फ्लूइड इधर-उधर हो जाता है, जिससे लंग्स में ऑक्सीजन आसानी से पहुंच पाता है। ऑक्सीजन का लेवल बनाए रखने में मदद मिलती है।

कब न करें प्रोनिंग

प्रोनिंग की प्रक्रिया करने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है। मरीज खाना खाने के तुरंत बाद ही प्रोनिंग की प्रक्रिया न करे। खाना खाने के कम से कम एक घंटे बाद ही इस प्रक्रिया को करें। गर्भवती महिलाएं इसे करने से बचें। गंभीर कार्डिएक कंडीशन या जिन लोगों के शरीर में स्पाइनल से जुड़ी कोई समस्या या फिर फ्रैक्चर हो तो इस प्रक्रिया को न करें।

English summary

How proning can help Covid patients improve oxygen levels at home in Hindi

The health ministry has issued a guideline on proning for self-care for Covid-19 patients at home. Know the process in Hindi
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