Just In
- 1 hr ago IPL 2024: कौन हैं क्रिकेटर केशव महाराज की स्टाइलिश वाइफ लेरिशा, इंडिया से हैं स्पेशल कनेक्शन
- 3 hrs ago 'हीट वेव' से बचाने के लिए चुनाव आयोग ने जारी की एडवाइजरी, सेफ रहने के लिए हाइड्रेड रहें और ये काम न करें
- 5 hrs ago तपती गर्मी में भी नहीं सूखेगा तुलसी का पौधा, बस अपनाएं ये छोटे-छोटे टिप्स
- 6 hrs ago Crispy Chicken Strips : इफ्तार के लिए इस तरह बनाएं टेस्टी-टेस्टी क्रिस्पी चिकन स्ट्रिप्स, पढ़ें पूरी रेसिपी
Don't Miss
- News बिहार में INDIA गठबंधन में हुआ सीटों का बंटवारा, किस पार्टी के खाते में गई कौन सी सीट? देखें पूरी लिस्ट
- Movies दो साल में टूटी शादी, बॉयफ्रेंड की हुई कैंसर के कारण मौत, 72 साल की उम्र में ऐसे जी रही ये हसीना
- Travel खुल गया है लद्दाख पहुंचने का नया रास्ता, मनाली से लेह को जोड़ने वाला यह है सबसे छोटा रूट
- Technology 6000mAh बैटरी, 70W चार्जिंग के साथ TECNO POVA 6 Pro भारत में लॉन्च, जानें कीमत
- Finance 4 ETF Mutual Fund ने 3 साल में इन्वेस्टरों को दिया जबरदस्त रिटर्न
- Education एनआईओएस कक्षा 10वीं, 12वीं हॉल टिकट 2024 हुए जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड
- Automobiles Tesla को टक्कर देने के लिए Xiaomi ने लॉन्च की पहली इलेक्ट्रिक कार, सिंगल चार्ज में मिलेगी 810KM की रेंज
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
दिवाली पर चढ़ाते हैं खील-बताशे का प्रसाद, जानें इसे खाने के फायदे
त्यौहार आनंद और उत्साह का समय है, और भावनाओं को बढ़ाने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है कि ये वो अवसर होता है जब आप पारंपरिक भोजन का स्वाद लेते हैं। दिवाली का मुख्य आकर्षण होता है, ढेर सारी मिठाईयां। लेकिन एक मिठाई ऐसी भी होती है जो सुनने में बहुत मामूली सी लगती है लेकिन दीवाली की पूजा इसके बिना अधूरी है। हम बात कर रहे हैं खील और बताशे की, जो पूजा के दौरान मुख्य प्रसाद होता है आइए जानते है इससे जुड़ी मान्यता और इसे खाने के फायदे।
क्या होता है खील और बताशे
कई 'धार्मिक' खाद्य पदार्थों में से एक, खील बताशा एक पारंपरिक मिठाई है जिसे आमतौर पर हिंदू मंदिरों में प्रसाद के रूप में दिया जाता है और उत्सव के अवसरों पर तैयार किया जाता है। खील बताशा चीनी के साथ मिश्रित चावल के साथ बनाया जाता है, और इसकी चीनी समृद्धि के अलावा, दिवाली की अवधि के दौरान भी इसका महत्व है, और यहां क्यों है।
ज्योतीषीय महत्व
खील बताशों का ज्योतिषीय महत्व भी होता है। दीपावली धन और वैभव की प्राप्ति का त्योहार है और धन-वैभव का दाता शुक्र ग्रह माना गया है। शुक्र ग्रह का प्रमुख धान्य धान ही होता है। शुक्र को प्रसन्न करने के लिए हम लक्ष्मी को खील-बताशे का प्रसाद चढ़ाते हैं। यहीं कारण है कि दिपावली के दिन खील-बताशे चढ़ाये जाते है।
धार्मिक महत्ता
खील धान (चावल) से तैयार की जाती है, जो भारत में एक प्रमुख अनाज है। चावल देश के अधिकांश हिस्सों में मध्य वर्ष के आसपास बोया जाता है, और दिवाली के समय के आसपास काटा जाता है। चावल के ताजा बैच से तैयार कील बताशा देवी लक्ष्मी को सम्मान के प्रतीक के रूप में, और स्वास्थ्य, धन और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए पेश किया जाता है।
स्वास्थय की दृष्टि से महत्ता
पितृ पक्ष की सोलह दिन की तक, सख्त आहार खाया जाता है, इसके बाद उपवास के रूप में एक और नौ दिनों का सख्त परहेज़ किया जाता है, जो हमारे पाचन को प्रभावित करता है। हमारे पाचन को सामान्य करने के लिए, हमें अपने पेट को सरल भोजन खिलाना चाहिए जो पचाने में आसान हो। खील बताशा, जो मुख्य रूप से चावल और चीनी से बना होता है, पचने में आसान होता है, और पेट पर हल्का होता है, इसलिए दिवाली के दौरान यह एक महत्वपूर्ण मिठाई और प्रसाद के रुप में चढ़ाया जाता है।
बीमारियों से बचाता है
खील में भरपूर रूप से कार्बोहाइड्रेट होता है, जो आपको इंस्टेंट एनर्जी देता है। इसके साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जो आपको कई बीमारियों से बचा सकता है। अगर देशी घी में बताशा मिलाकर खाया जाए तो ये आपके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने का काम करते हैं, जिससे आपको वजन घटाने में मदद मिलती है।