Just In
- 1 min ago Rash Under Breast: ब्रेस्ट के नीचे रैशेज ने कर दिया हाल बुरा, इन घरेलू इलाज से छुटकारा पाए
- 1 hr ago Mahavir Jayanti 2024: कब मनाया जाएगा जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व महावीर जयंती, जानें इसका इतिहास
- 2 hrs ago LokSabha Chunav 2024 : सही करो मतदान तो, हो उत्तम सरकार... इन संदेशों से लोगों को वोटिंग के लिए करें प्रेरित
- 3 hrs ago नारियल पानी Vs नींबू पानी, गर्मियों में हाइड्रेड रहने के लिए क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?
Don't Miss
- News Lok Sabha Election: बस्तर में मतदान केंद्र से 500 मीटर दूर ब्लास्ट में जवान घायल, सीएम विष्णुदेव ने जताया दुख
- Education पीएसईबी 10वीं रिजल्ट 2024 लिंक pseb.ac.in सक्रिय, कैसे डाउनलोड करें पंजाब बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट मार्कशीट
- Finance Gold Rate Today: सोने के दाम पर लोकसभा चुनाव के दौरान कैसा रहा असर, क्या किमतों में मिली राहत
- Technology बच कर रहें कहीं REMOTLY कोई फोन न हैक कर लें
- Movies किसी आलीशान होटल में नहीं बल्कि इस मंदिर में शादी करेंगी गोविंदा की भांजी आरती, वेडिंग कार्ड की झलक आई सामने
- Travel दुनिया के सबसे व्यस्त और Best एयरपोर्ट्स की लिस्ट में दिल्ली का IGI एयरपोर्ट भी शामिल, देखें पूरी लिस्ट
- Automobiles नई Land Rover Defender के साथ नजर आयी बॉलीवुड सिंगर Neha Kakkar, कीमत जान होश उड़ जाएंगे!
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
ज्यादा देर सिटिंग से भी हो जाता बवासीर, मिट्टी का तेल लगाने से इस बीमारी में मिलता है आराम
बदलती लाइफस्टाइल और वर्क ऑफ हॉम की वजह से कई लोगों में कई सारी प्रॉब्लम हो रही है। ज्यादात्तर लोग पेट से जुड़ी शिकायत करने लगे हैं। पेट की सारी बीमारियों की समस्या गलत खानपान से ही शुरु होती है। इसी तरह पाइल्स जिसे बवासीर भी कहा जाता है, ये भी पेट की खराबी, कब्ज या लंबी सिटिंग की वजह से होता है। पाइल्स में एनस के अंदरूनी या बाहर हिस्से में कुछ मस्से बन जाते हैं। इन मस्सों से खून निकलना और दर्द की शिकायत भी रहती है। कभी-कभी जोर लगाने पर ये मस्से बाहर की ओर आ जाते और फूट जाते है। इस आर्टिकल में पाइल्स के कारणों, उनका निदान, उपचार कैसे करें, और शरीर पर उनके क्या प्रभाव हो सकते हैं, इसका पता लगाएगा।
पाइल्स होने की मुख्य वजह...
1. सिटिंग वर्क- ज्यादा देर तक बैठे रहने का काम है तो भी पाइल्स की प्रॉब्लम हो सकती है।
2. कब्ज- पाइल्स होने का सबसे बड़ा कारण कब्ज है। पेट ठीक से साफ नहीं होने की स्थिति में एनस में मस्से बन जाते हैं।
3. लाइफस्टाइल- सिगरेट, शराब, जंक फूड वगैरह ज्यादा लेने से भी डाइजेशन बिगड़ता है और पाइल्स हो सकता है।
4. प्रेग्नेंसी- प्रेग्नेंसी के दौरान डाइजेशन की प्रॉब्लम होती है। इसकी वजह से कई महिलाओं को कब्ज की समस्या होती है और इस वजह से पाइल्स हो जाती है।
5. फैमिली हिस्ट्री- फैमिली में अगर किसी को ये प्रॉब्लम रही है तो अगली पीढ़ी में भी इसके होने की संभावना होती है।
ये हैं पाइल्स की 4 स्टेज
पाइल्स की चार स्टेज होती हैं। पहली या दूसरी स्टेज पर अगर ध्यान दे दिया जाए तो इसे सीरियस प्रॉब्लम होने से बचाया जा सकता है।
स्टेज 1 : यह शुरुआती स्टेज होती है। कई बार मरीज को पता भी नहीं चलता कि उसे पाइल्स है। इस स्टेल में कोई खास दर्द महसूस नहीं होता। बस हल्की सी खुजली ही महसूस होती है। ज्यादा जोर लगाने पर हल्का खून आ जाता है। इसमें पाइल्स एनस के अंदर ही होती हैं।
स्टेज 2 : दूसरी स्टेज में टॉयलेट करते वक्त मस्से बाहर की ओर आने लगते हैं। पहली स्टेज के मुकाबले इसमें थोड़ा ज्यादा दर्द महसूस होता है और जोर लगाने पर खून भी आने लगता है।
स्टेज 3 : यह स्टेज गंभीर मानी जाती है क्योंकि इसमें मस्से एनस के बाहर की तरफ निकल आते हैं। इस स्टेज में मरीज को बहुत तेज दर्द का अहसास होता है। दस्त के साथ खून भी ज्यादा आता है।
स्टेज 4 : यह सबसे ज्यादा एडवांस और सीरियस स्थिति होती है। इसमें मस्से एनस के बाहर की ओर लटकने लगते हैं। बहुत ज्यादा दर्द के साथ खून भी निकलने लगता है। इस सीरियस सिचुएशन में इन्फेक्शन फैलने के चांस बढ़ जाते हैं।
घरेलू उपाय
विदेशों में पाइल्स के ज्यादा मामले देखने को मिलते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए दवाओं से लेकर ऑपरेशन तक की सुविधाएं मौजूद हैं लेकिन बहुत ही कम लोग इससे वाकिफ होंगे कि घरेलू नुस्खों को अपनाकर भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
नारियल का तेल
नारियल का तेल बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। प्रभावित क्षेत्र में नारियल का तेल लगाने से सूजन, जलन और खरोंच की इच्छा कम हो सकती है।
मिट्टी का तेल
बवासीर की समस्या होने पर मिट्टी के तेल का तेल भी उपचार के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे फ्रेश हो जाएं उसके बाद आधे मग पानी में लगभग 1 चम्मच के बराबर मिट्टी का तेल मिलाएं और उससे बवासीर वाली जगह धोएं। इससे राहत मिलेगी
बर्फ के पैक
एनस के प्रभावित हिस्से पर आइस पैक लगाने से भी सूजन और दर्द कम हो सकता है। जब बवासीर तेज हो जाती है, तो आइस पैक लगाने से सूजन और सुन्न दर्द को अस्थायी रूप से कम किया जा सकता है।
इस उपचार का पालन करने के लिए, त्वचा को नुकसान से बचाने के लिए बर्फ को एक तौलिये के अंदर लपेटना चाहिए। ऐसा करने के बाद तौलिये को गुदा के प्रभावित हिस्से पर 15 मिनट के लिए छोड़ दें और इस प्रक्रिया को हर घंटे दोहराएं।
चाय की पत्ती
चाय की पत्तियों को मिक्सी में अच्छे से पीस लें। इस पाउडर को हल्का सा तवे पर गर्म करें और एक से दो बूंद पानी डालकर बवासीर के मस्सों पर लगाएं। मस्से धीरे-धीरे सूखने लगते हैं।
लौकी के छिलके
लौकी की सब्जी बनाते वक्त इसके छिलकों को फेंके नहीं बल्कि इन्हें सूखाकर अच्छे से पीस लें। बवासीर में खून की समस्या होने पर रोजाना दिन में दो बार इसके पाउडर का इस्तेमाल करें। खाने के बाद ठंडा पानी पिएं।