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चिकन को पकाने से पहले फ्रिज में स्टोर करना चाहिए या धोना चाहिए, जानिए सही तरीका
मीट
पकाते
समय
हर
किसी
मन
में
कई
तरह
की
भ्रांतियां
होती
है।
जैसे
मीट
को
कैसे
साफ
करें
या
कितना
पकाना
चाहिए?
जाहिर
सी
बात
है
कि
आजकल
अधपके
मीट
को
खाने
से
कई
तरह
की
बीमारियां
होने
का
डर
रहता
है।
लेकिन
क्या
आप
जानते
है
न
सिर्फ
अधपके
मीट
के
सेवन
से
आपकी
तबीयत
खराब
हो
सकती
है
बल्कि
कच्चा
मीट
धोते
समय
भी
आप
गंभीर
बैक्टीरिया
के
चपेट
में
आ
सकते
है।
इसलिए
मीट
धोने
से
लेकर
इसे
पकाते
समय
कई
बातों
का
ध्यान
रखना
चाहिए।
किसी
भी
मीट
को
नल
के
नीचे
धोते
समय
पानी
की
छींटों
के
माध्यन
से
कुछ
बैक्टीरिया
आपके
हाथ,
किचन
के
स्लैब,
आपके
कपड़ों
या
खाना
पकाने
वाले
बर्तनों
पर
फैल
सकते
हैं।
आमतौर
पर
कोई
भी
चीज
पानी
के
धार
में
धोई
जाए
तो
पानी
की
बूंदें
40
से
50
सेंटीमीटर
तक
तो
फैलती
ही
हैं।
इन
बूंदों
में
कैम्पिलोबैक्टर
बैक्टीरिया
के
होने
की
काफी
संभावनाएं
रहती
हैं।
अगर
थोड़ी
मात्रा
में
भी
कैम्पिलोबैक्टर
आपके
शरीर
में
पहुंच
जाए,
तो
किसी
भी
प्रकार
की
फूड
प्वाइजनिंग
होने
की
आशंका
बनी
रहती
है।
आइए
जानते
है
मीट
पकाने
से
पहले
उसे
धोना
चाहिए
या
फ्रिज
में
रखना
चाहिए।
कच्चा मांस फैला सकता है बैक्टीरिया
कच्चे मांस का बैक्टीरिया जब किसी भी सतह पर फैलता है तो उन्हें साफ करना मुश्किल होता है। गलती से भी अगर ये बैक्टीरिया शरीर के अंदर चला जाए तो बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है। शरीर में प्रवेश करने वाला ये बैक्टीरिया कई परेशानियों का कारण बन सकता है, जैसे-
- पेट में दर्द होना
- बुखार होना
- सिर में में दर्द के साथ जी मिचलाना
- उल्टी आना और 6 से 7 दिनों तक तबीयत खराब रहना
नमक के पानी में भिगोकर रखना चाहिए?
बहुत से लोग मांस को पकाने से पहले उसे नमक के पानी में भिगोकर रख देते हैं। लेकिन ऐसा करने से उल्टा संक्रमण का का खतरा यानी क्रॉस संदूषण की संभावना रहती है। तो मीट धोने (Washing Meat) से अच्छा है उसे रेफ्रिजरेटर में रखें।
कितने तापमान पर पकाना चाहिए मीट?
मीट या चिकन को पकाने से सभी बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। किसी भी मीट को पकाने के लिए कम से कम 145 डिग्री फारेनहाइट का तापमान सही रहता है। आप इस तापमान को फूड थर्मामीटर से भी माप सकते हैं।
डिफ्रॉस्ट करने के बाद मीट को धोने की जरूरत होती है?
अगर मांस डिफ्रॉस्ट है तो मीट धोना (Washing Meat) जरूरी नहीं होता। क्योंकि इस तरह पकाने में उसके वैसे भी सारे बैक्टीरिया मर जाते हैं। अगर मीट जीरो डिग्री सेल्सियस में रखा गया है तो ये लंबे समय तक सुरक्षित रहेगा। मगर एक बात का ध्यान रखें कि कच्चे चिकन को फ्रीज में खुला ना रखें क्योंकि इसके रस से फ्रीज में रखी बाकी चीजे खराब होने का खतरा होता है। जिसमें बैक्टीरिया होने का ज्यादा डर होता है। इसलिए हमेशा फ्रीज में चिकन को ढककर रखें।
मैरिनेट करने से पहले मीट को धोना कितना जरूरी?
मैरीनेट करने से पहले मीट धोते (Washing Meat) हैं तो यह सही नहीं। वैसे भी अगर इसे ठीक से मसालों में मैरिनेट कर पका लिया जाए तो उसके कीटाणु वैसे भी मर जाएंगे। आप मैरिनेट करके,पकाने से पहले, कुछ दिनों के लिए मीट को फ्रिज में रख सकते हैं और किसी भी क्रॉस संदूषण (क्रॉस कंटैमिनेशन) को रोकने के लिए प्लास्टिक बैग का प्रयोग करें।
गंभीर हो सकता है साल्मोनेला
मीट की तरह ही सी फूड खासकर पोल्ट्री मछली में अकसर नुकसानदायक पैथोजन्स होते हैं, जो फूड प्वाइजनिंग का कारण बन सकते हैं। इसलिए इससे हाई रिस्क फूड भी माना गया है। इनको धोने से फैलने वाले साल्मोनेला सैल भी उतना ही गंभीर संक्रमण फैला सकते हैं जितना कैम्पिलोबैक्टर सैल। आपकी इम्यूनिटी यदि कमजोर है विशेषकर की बुजुर्ग या 7 साल से छोटे बच्चे तो यह उनके लिए खतरनाक हो सकता है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए मीट को धोने से बचें।