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जानें क्यों तुतलाकर या हकलाकर बोलता है बच्चा, क्या है इसका इलाज
कई लोगों को हकलाने और अटककर बोलने की आदत होती है और इसे एक बीमारी के तौर पर देखा जाता है। लोग अपनी इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए कई तरह के जतन करते हैं। आइए जानते है कि कैसे इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। इससे निपटने के कुछ घरेलू उपाय जानते है।
ऐसे समझे लक्षण
हकलाने के लक्षणों को शुरु में ही समझ जाना चाहिए। इससे आप समय पर बच्चें के हकलाने की समस्या को कम कर सकते हैं। बच्चा किसी शब्द या वाक्य को शुरू करने में दिक्कत महसूस करता है। उसे हिचकिचाहट लगती है या फिर बात को तेज गति से बोलता है। - हकलाने की स्थिति में बोलते समय तेजी से आंखें भिंचता है, पैरों को जमीन पर थपथपाता है और जबड़ों को हिलाता है।
हकलाना रोकने के लिए जीवनशैली से जुड़े कुछ उपाय करना जरूरी है। सबसे पहले तो बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ाएं, क्योंकि स्कूल में, दोस्तों के बीच या रिश्तेदारों के सामने उन्हें इस बीमारी के कारण शर्मिंदा होना पड़ता है। ऐसी स्थिति में परिवार का साथ बहुत जरूरी है। इसके लिए पीड़ित व्यक्ति के साथ कभी भी सख्ती से पेश न आएं। उनकी बात ध्यान से सुनें। आराम-आराम से बात करें। उनके बोलने पर धैर्य रखें और हकलाने वाले बच्चे के शब्दों को खुद पूरा करने की कोशिश न करें बल्कि उन्हें ही बोलने दें। बेहतर होगा कि स्पीच थेरेपी का इस्तेमाल करें।
स्पीच थेरेपिस्ट लें
स्पीच थेरेपिस्ट इसका निदान करेगा और संबंधित व्यायाम, दवाएं देगा। स्पीच थेरेपिस्ट बच्चों से उन्हीं शब्दों या अक्षरों को बार-बार बुलवाते हैं, जिन्हें बोलने में बच्चे को परेशानी होती है। लगातार अभ्यास से ये परेशानी दूर हो सकती है। बच्चे का मजाक न उड़ाएं।
गुनगुना पानी पीएं
अगर आपको यह बीमारी है तो गुनगुने ब्राह्मी तेल से सिर पर 30 से 40 मिनट तक मालिश करें। अब उसके बाद गुनगुने पानी से नहा लें, ऐसा करने से स्मरण शक्ति में सुधार होता है और अटककर और हकलाकर बोलने की बीमारी खत्म हो जाती है।
ब्राह्मी किरुथम शहद का चूर्ण बनाएं
अगर आपको यह बीमारी है तो एक चम्मच सारस्वत चूर्ण और 1/2 चम्मच ब्राह्मी किरुथम शहद में मिला दें। वहीं उसके बाद इस मिश्रण को चावल के गोलों में मिलाकर मुंह में रखकर अच्छी तरह से चबा ले। ऐसा करने से हकलाहट में लाभ होगा। आप चाहे तो इसका सेवन नाश्ते के रूप में चटनी जैसे भी कर सकते हैं।
वल्लाराई के पत्तों का सेवन करें
आप इस बीमारी से निपटने के लिए कोथमीर के बीज और पाम कैंडी वल्लाराई के पत्तों में रखकर चबा सकते हैं क्योंकि इससे हकलाहट दूर हो जाएगी। इसी के साथ आप चाहे तो वल्लाराई के पत्तों को धूप में सुखाकर पाउडर बना सकते हैं और इस पाउडर का नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं क्योंकि ऐसा करने से भी हकलाहट दूर हो जाती है।
आंवला खाएं
आप इस बीमारी से निजात पाने के लिए नियमित रूप से एक आंवले का सेवन कर सकते हैं। या आप चाहे तो सुबह सवेरे एक चम्मच सूखे आंवले का पाउडर और एक चम्मच देसी घी का सेवन भी कर सकते हैं।
बादाम भिगोकर खाएं
हकलाहट से निजात पाने के लिए 12 बादाम पूरी रात पानी में सोख कर रखें, और सुबह उनके छिलके उतार कर पीस लें, और उन्हें 30 ग्राम मक्खन के साथ सेवन करें लाभ होगा।