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आप जानते है न‍हाने का सही तरीका, जानें कौनसे अंग में डालना चाह‍िए सबसे पहले पानी

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हम सब की सुबह की शुरुआत नहाने के साथ होती है। बड़े-बुर्जुगों को मानना है क‍ि नहाने से शरीर में रोग नहीं होते है। इसे साफ-सफाई से जोड़कर देखा जाता है।

नहाने से ना सिर्फ शरीर से डेड सेल्स, पसीना और बैक्टीरिया हटते हैं बल्कि दिमाग और शरीर के बीच बैलेंस भी बनता है। आयुर्वेद में स्‍नान का महत्‍व बताते हुए कहा है क‍ि नहाने से शरीर की ऊर्जा बढ़ती है और आलस दूर होता है। नहाना सभी को बेहद साधारण प्रक्रिया लगती है लेकिन इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

जानें कहां डालना चाह‍िए पानी

जानें कहां डालना चाह‍िए पानी

कई रिसर्च में ये बात बताई गई है क‍ि सीधे सिर पर पानी डालकर पानी डालने से दिमाग की नसों को नुकसान पहुंचता है, इसलिए नहाने से पहले पैरों पर पानी डाल लें। ऐसा करने से आपको पानी के तापमान का अंदाजा भी हो जाता है। अगर आप स्वस्थ हैं और सर्दी का मौसम नहीं है तो पानी का टेम्परेचर नॉर्मल रखें। गरम पानी सिर और आंखों के लिए अच्छा नहीं होता।

ऐसे नहाने से दूर होता है तनाव

ऐसे नहाने से दूर होता है तनाव

नहाना शुरू करें तो सिर झुकाकर पहले पीछे गर्दन पर पानी डालें। इसके बाद सिर धोएं फिर पूरा शरीर। ऐसा करने वेगस नर्व स्टिमुलेट होती है। यह नर्व दिमाग को बाकी शरीर से जोड़ती है और इसके स्टिमुलेट होने से स्ट्रेस और दर्द कम होता है।

तेल लगाएं

तेल लगाएं

नहाने से पहले सरसों के तेल या तिल के तेल की मसाज आपके शरीर के लिए फायदेमंद हो सकती है। यह मांसपेशियों को रिलैक्‍स करने और त्‍वचा की बनावट में सुधार करने में मदद करती है। हालांकि स्‍नान करते समय जल्‍दी नहीं होनी चाहिए, लेकिन बहुत देर तक भी नहाना ठीक नहीं होता। इसके अलावा बेहतर स्‍वच्‍छता के लिए दिन में दो बार नहाना पर्याप्‍त रहता है। आप नहाने के पानी के कुछ नीम मिलाकर कुछ समय मे लिए छोड़ सकते है। फिर इस पानी से नहाने से त्‍वचा के स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार होता है।

कब और किसे नहीं नहाना चाहिए

कब और किसे नहीं नहाना चाहिए

आयुर्वेद में खाना खाने या नाश्ता करने के बाद नहाने के लिए मना किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आयुर्वेद के मुताबिक, शरीर की गर्मी या पाचन अग्नि खाना पचाती है। नहा लेने से ये प्रभावित होती है और खाना नहीं पच पाता। अगर आपको जुकाम, बुखार, दस्त, आंख या कान से जुड़ी बीमारी या उल्टी की समस्या है तो भी रोज नहीं नहाना चाहिए।

English summary

What is the proper way to take a bath according to Ayurveda

Just a few steps and a few changes to your bathroom and routine can make your bath refreshing like never before.
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