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क्रश को देखते ही क्यों धड़कने हो जाती है तेज, जानें इसके पीछे का विज्ञान
क्या आपने भी महसूस किया है कि अपने क्रश या लवर को सामने देखते ही आपके गाल टमाटर जैसे एकदम लाल हो जाते हैं और सांसें तेज हो जाती हैं इसी के साथ ही, धड़कनों की रफ्तार भी तेज हो जाती है। कुछ मिनटों में दिल की धड़कन अपने-आप ही सामान्य होने लगती हैं। ऐसा लम्हा हर किसी के जीवन में कभी न कभी जरुर आता है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है। इसके पीछे भी दरअसल एक वैज्ञानिक कारण जुड़ा हुआ है।
बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की मानें तो, "प्यार में पड़ते ही शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। गालों का गुलाबी होना, धड़कनों का तेज होना और बहुत ज्यादा पसीने आना उसी के लक्षण हैं, क्योंकि प्यार होते ही शरीर में एड्रीनलीन (जिसे एपिनेफ्रीन (Epinephrine) भी कहा जाता है) जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है, जो शरीर में पसीना होने और बेचैनी होने के लिए जिम्मेदार होती है।"
हालांकि, इस दौरान ऐसा तब होता है, क्योंकि नर्वस महसूस करते हैं। साथ ही, शरीर में अचानक हुए बदलाव यह भी बताते हैं कि आप साथी का अटेंशन पाने के लिए बेचैन हैं, जो शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से जुड़ी होती है।
अट्रेक्शन की वजह से होता है ऐसा
एक्सपर्ट की मानें तो अपने किसी खास को देखते ही दिल की धड़कन तेज होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सबसे पहला है, अट्रैक्शन। अगर आप किसी की तरफ खुद को अट्रैक्ट फील करते हैं, तो उसे देखते ही या उसके पास जाते ही अपने आप दिल की धड़कन तेज हो सकती है। दूसरा है, आई कॉन्टैक्ट और स्माइल। जाहिर सी बात है, आपकी नजरें उस इंसान की तरफ जल्दी आकर्षित हो सकती हैं, जिसके चेहरे पर आप एक अच्छी स्माइल देखेंगे।
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फील गुड हार्मोन
इसके अलावा हार्मोंस भी एक तरफ से जिम्मेदार होते हैं। महिला और पुरुष, दोनों में ही ऐसे हार्मोंस होते हैं, जो उन्हें किसी साथी की आवश्यकता महसूस कराते रहते हैं। आमतौर पर, इन्हें हम ‘फील गुड' हार्मोंस भी कहते हैं। ये कई तरह के होते हैं, जैसे- एंडोर्फिन, सेरोटोनिन, डोपामिन और ऑक्सिटोसिन। ये सभी हार्मोन अलग-अलग तरीकों से हमें खुशी और आनंद का एहसास कराते हैं।"
फील गुड हार्मोन
इसके अलावा हार्मोंस भी एक तरफ से जिम्मेदार होते हैं। महिला और पुरुष, दोनों में ही ऐसे हार्मोंस होते हैं, जो उन्हें किसी साथी की आवश्यकता महसूस कराते रहते हैं। आमतौर पर, इन्हें हम ‘फील गुड' हार्मोंस भी कहते हैं। ये कई तरह के होते हैं, जैसे- एंडोर्फिन, सेरोटोनिन, डोपामिन और ऑक्सिटोसिन। ये सभी हार्मोन अलग-अलग तरीकों से हमें खुशी और आनंद का एहसास कराते हैं।"
जानिए फील गुड हार्मोंस कैसे करते हैं काम?
सेरोटोनिन : सेरोटोनिन खुशियों के लिए जिम्मेदार हार्मोन माना जाता है। यह एक एंटीडिप्रेसेंट की तरह काम करता है। यह उन चीजों को ट्रिगर करता है, जिसे हम हर दिन करते हैं।
ऑक्सिटोसिन : ऑक्सिटोसिन को लव हार्मोन भी कहा जाता है। यह प्यार और विश्वास की भावनाओं को बढ़ाता है।
एंडोर्फिन : एंडोर्फिन ऑपियोड न्यूरोपेप्टाइड हैं। यह हमारे शरीर में नर्वस सिस्टम के द्वारा उत्पादित होता है। इसकी मदद से शरीर होने वाले दर्द से लड़ने की क्षमता रखता है।
डोपामिन : डोपामिन को न्यूरोट्रांसमीटर भी माना जाता है। इसे ‘केमिकल ऑफ रिवॉर्ड' भी कहा जाता है। जैसे जब हम खुद के लिए किसी लक्ष्य को निर्धारित करते हैं और जब उसे पूरा कर लेते हैं, तो यह हमें उसकी खुशी का एहसास कराता है।
नाइट्रेट-सोडियम युक्त भोजन
कार्बोहाइड्रेट, वसायुक्त और अधिक शुगर वाले आहार अधिक खाने के कारण भी दिल की धड़कन बढ़ जाती है, क्योंकि इस तरह का आहार में नाइट्रेट और सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो दिल के लिए खतरे की घंटी बजा सकती है।
शरीर के अंदर बदलाव
जैसे उम्र बढ़ने पर होने वाले बदलाव चेहरे और त्वचा पर साफ देखे जा सकते हैं। वैसे ही शारीरिक में आंतरिक होने वाले बदलाव भी शरीर के अंदर कुछ परिवर्तन करते हैं। इसकी समस्या महिलाओं में अधिक होती है। जैसे, हार्मोंस में बदलाव, पीरियड्स में बदलाव और प्रेग्नेंसी की अवस्था। इसके अलावा, अगर प्रेग्नेंसी के दौरान पल्पिटेशन हो, तो यह एनीमिया की भी वजह हो सकती है।
टैकीकार्डिया भी हो सकता है
हर बार दिल का जोर से धड़कना प्यार का ही एहसास नहीं होता है। दिल का काम है पंपिग के जरिए शरीर के सभी हिस्सों में रक्त का संचार करना, जिससे सभी अंगों को काम करने के लिए ऑक्सीजन मिलती है। देखा जाए तो, एक स्वस्थ्य दिल सामान्य तौर पर प्रति मिनट 60 से 100 बार धड़कता है लेकिन, अगर इससे अधिक बार धड़के, तो यह टैकीकार्डिया की स्थिति हो सकती है। इसके होने पर दिल सामान्य से अधिक तेज धड़कता है। इसके शुरुआती लक्षण वैसे ही होते हैं, जैसे दिल का दौरा पड़ता है, जो किसी खतरनाक बीमारी का भी संकेत हो सकता है।
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धड़कने तेज होने के हो सकते हैं ये भी कारण
तनाव
तनाव वाली स्थिति होने पर सिंपेथेटिक नर्वस सिस्टम और एड्रिनल ग्लैंड्स एपिनेफ्रीन हार्मोंस रिलीज करता है। इसके कारण दिल में मौजूद रिसेप्टर्स इस हार्मोन का रिस्पॉन्स करते हैं, जो दिल की धड़कन को बढ़ा देते हैं।
एनीमिया
शरीर में आयरन की कमी के कारण एनीमिया की समस्या होना सबसे आम होती है। एनीमिया होने पर शरीर में लाल रक्क कोशिकाओं का निर्माण प्रभावित होता है। जिसके कारण दिल की धड़कन भी बढ़ने लगती है।
एरिथमिया
जब दिल की धड़कन को नियंत्रित करने वाले इलेक्ट्रिक वेव्स अपना काम ठीक से काम नहीं करते हैं, तो एरिथमिया की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है। साथ ही, सीने, गले और गर्दन में दर्द का भी महसूस हो सकती है।
एल्कोहॉल
कैफीन या एल्कोहॉल जैसी नशीली चीजों के सेवन से भी दिल की धड़कन बढ़ जाती है।
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नाइट्रेट-सोडियम युक्त भोजन
कार्बोहाइड्रेट, वसायुक्त और अधिक शुगर वाले आहार अधिक खाने के कारण भी दिल की धड़कन बढ़ जाती है, क्योंकि इस तरह का आहार में नाइट्रेट और सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो दिल के लिए खतरे की घंटी बजा सकती है।
शरीर के अंदर बदलाव
जैसे उम्र बढ़ने पर होने वाले बदलाव चेहरे और त्वचा पर साफ देखे जा सकते हैं। वैसे ही शारीरिक में आंतरिक होने वाले बदलाव भी शरीर के अंदर कुछ परिवर्तन करते हैं। इसकी समस्या महिलाओं में अधिक होती है। जैसे, हार्मोंस में बदलाव, पीरियड्स में बदलाव और प्रेग्नेंसी की अवस्था। इसके अलावा, अगर प्रेग्नेंसी के दौरान पल्पिटेशन हो, तो यह एनीमिया की भी वजह हो सकती है।