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ये योगासन करेंगे थाइराइड को सुधारने में मदद, जानें तरीके और इनके फायदे
एसआरएल डायग्नोस्टिक्स की ओर से किए गए सर्वे के अनुसार भारत में हर तीसरा व्यक्ति थायराइड डिसऑर्डर से जूझ रहा है, जिसका सीधा संबंध अनियमित खानपान, तनाव और अवसाद से हैं। थायराइड डिसऑर्डर की वजह से वजन बढ़ने और हार्मोनल इंबैलेंस और हार्ट डिजीज जैसी समस्याएं जन्म लेती है। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम और पीसीओडी यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज ज्यादा देखने को मिलता है। थायराइड डिसऑर्डर दो तरह का होता है, पहला हाइपोथायरायडिज्म जो शरीर में पर्याप्त थायराइड हार्मोन्स ना होने की वजह से होता है, दूसरा हाइपरथायरायडिज्म जो थायराइड हार्मोन जरूरत से ज्यादा होने पर होता है।

थायराइड और योगा थेरेपी
योगासन की मदद से शरीर में हो रहे थायराइड असंतुलन को कंट्रोल किया जा सकता है। योगासन से जुड़े अलग-अलग तरह की स्ट्रैचिंग, ट्विस्टींग और कॉम्प्रेसिंग योगा पोस्चर्स थायराइड ग्लैंड ( ग्रंथि )को सक्रिय करने के साथ ही थायरोक्सिन को रिलीज करता है जो हेल्दी मेटाबॉलिज्म के विकास में मदद करता है। इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे हेल्दी थायराइड से जुड़े योगासन के बारे में, जिन्हें हफ्ते में तीन बार कम से कम 30 से 40 मिनट्स करने से आपको बेहतरीन परिणाम देखने को मिलेंगे।

सिद्धा वॉक या इंफिनिटी वॉक
योगासन की शुरुआत सिद्धा वॉक से करें। इसे इंफिनिटी वॉक, योगा वॉक या माइंड वॉक के नाम से भी जाना जाता है। यह प्राचीन योगाभ्यास है जो आपके दिमाग, शरीर और आत्मा को अनगिनत फायदे देता है। इसमें आपको 8 के पैटर्न में वॉक करनी होती है। 8 इंफिनिटी का सूचक होता है, शुरुआत में पहले दक्षिण से उत्तर दिशा में चले फिर अगले राउंड में दिशा बदल दे ( दोनों ही दिशा में इसे 21 मिनट तक करें)।
सिद्धा वॉक के फायदे
1.यह स्ट्रैस रिलीवर की तरह काम करती है।
2.यह बॉडी पोस्चर सुधारती है और इम्यूनिटी बढ़ाती है।
3.माइंड को रिलैक्स करने के साथ ही चेस्ट और लंग्स के लिए भी फायदेमंद होती है।

उष्ट्रासन-
1. आसन को शुरू करने के लिए योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं और हाथ अपने हिप्स पर रख ले।
2. ध्यान रखें कि आपके घुटने और कंधे एक ही लाइन में हो और पैरों के तलवे छत की तरफ रहे।
3. सांस भीतर ले और रीढ़ की निचली हड्डी को आगे की तरफ जाने का दबाव डालें इस दौरान पूरा दबाव नाभि पर महसूस करें।
4. इसे करने के दौरान अपनी कमर को पीछे की तरफ मोडे, धीरे से हथेलियों की पकड़ पैरों पर मजबूत बनाएं।
5. अपनी गर्दन को ढीला छोड़ दें गर्दन पर तनाव न दें।
6. इस आसन को 30 से 60 सेकंड तक बनाए रखें इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आसन को छोड़ दे और पुरानी अवस्था में लौट जाए।
फायदे-
1 यह आसन थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करता है और हार्मोन का उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है।
2. इस आसन को करने से सीने और पेट के निचले हिस्से से अतिरिक्त चर्बी कम होती है।
3. यह कमर और कंधों को मजबूत बनाता है, साथ ही कमर के निचले हिस्से में दर्द कम करने में मदद करता है।
4. शासन के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ता है।
5. यह शरीर का पोस्चर सुधारने में भी मदद करता है।

शीर्षासन-
1. योगा मैट पर वज्रासन में बैठ जाए ।
2. अब आगे की ओर झुक कर दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिका दें।
3. दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में शख्ती से जोड़ ले उनके बीच में आपको सिर रखकर उसे सहारा देना है।
4. अब सिर को दोनों हथेलियों के बीच में धीरे से रखें सांस सामान्य रखें।
5. पैर की उंगलियों पर ऊपर की ओर ले जाए,आपका शरीर त्रिकोण मुद्रा में होगा।
6. धीरे से आगे की तरफ पैरों को लेकर आए ताकि आपकी पीठ एकदम सीधी हो जा,ए आपकी पीठ और जमीन में 90 डिग्री का एंगल होना चाहिए।
7. जब पीठ एकदम सीधी हो जाए धीरे-धीरे शरीर का पूरा वजन बाजूओं पर डालते हुए शरीर को ऊपर की तरफ उठाना शुरू करें।
8. दोनों पैरों को ऊपर की ओर जोड़ें और अंगूठे को सीधा रखें।
9. इस पोजीशन में जितनी देर आप रह सकते हैं, रहे।
फायदे-
1. यह आसन दिमाग को शांत करता है और तनाव से राहत दिलाता है।
2. हाथों, पैरों और रीड की हड्डी को मजबूत करता है।
( ध्यान दे जिन लोगों को हाइपरटेंशन, हाइपोटेंशन, वर्टिगो, हार्ट पल्पिटेशंस या थ्रोम्बोसिस हो वह इस योगासन को अवॉइड करें)।

हलासन
1 योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
2. अपने हाथों को शरीर से सटा ले, हथेलियाँ जमीन की तरफ रखें।
3. सांस भीतर की ओर खींचते हुए पैरों को ऊपर की तरफ उठाए।
4. पैरों को ऊपर उठाते हुए अपने हाथों से कमर को सहारा दे।
5 अब दोनों पैरों सिर की तरफ झुकाए और सिर के पीछे ले जाए।
6. पैरों के अंगूठे से जमीन को छुए, हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा रख ले।
7. इसी स्थिति में 1 मिनट तक रहे, सांसो पर ध्यान केंद्रित करें, सांस छोड़ते हुए पैरों को वापस जमीन पर ले आए।
फायदे-
1. यह आसन मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद करता है।
2. यह कब्ज और पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर करता है।
3. थायराइड, किडनी और पेनक्रीज़ को सक्रिय करता है।
4. हाई ब्लड प्रेशर को नॉर्मलाइज़ करता है।

सर्वांगासन
1. योगामैट पर पेट के बल लेट जाए और दोनों हाथों को शरीर से सटाकर सीधा कर ले।
2 अब सांस लेते हुए पैर, कूल्हों और कमर को धीरे-धीरे ऊपर उठाए।
3. साथ ही हाथों से कमर को सहारा देते हुए कोहनियों को जमीन से सटा ले।
4.ध्यान रहे कि आपके दोनों पैर आपस में सटे और सीधे रहे।
5. इस दौरान आपके शरीर का भार कंधों, कोहनियों और सिर पर होगा, साथ ही चिन( ठुड्डी) छाती को स्पर्श करेगी।
6. कुछ देर की मुद्रा में बने रहे और सामान्य रूप से सांस लेते रहे फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
फायदे
1. यह थायराइड ग्रंथि को सक्रिय करता है।
2. यह आसन मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में सहायक है।
3. यह साइनोसाइटिस और अस्थमा का इलाज करने में मदद करता है।