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क्या गर्भनिरोधक गोलियां लेने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है?
साल 1960 में आई ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स या गर्भनिरोधक गोलियों ने महिलाओं को उनकी सेक्स लाइफ पर एक नियंत्रण दिया है और उन्हें प्रेगनेंसी से जुड़े अहम निर्णय लेने में मदद की है।
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि महिलाओं के लिए इसे एक बड़ी उपलब्धि के रूप में इसलिए भी देखा जा सकता है, क्योंकि इससे उन्हें गर्भनिरोध के लिए पुरुषों पर निर्भर होने से आज़ादी मिली है।
क्या है ब्रेस्ट कैंसर और उससे बचने के उपाय
यह गोली महिलाओं के लिए काफी सुरक्षित मानी जाती है, लेकिन हाल के वर्षों में इसके सुरक्षित होने से जुड़े कुछ सवाल उठ रहे हैं।
महिलाओं
के
मन
में
जो
सवाल
अक्सर
आता
है
वह
यह
है
कि
क्या,
ओसीपी
के
सेवन
से
ब्रेस्ट
कैंसर
का
खतरा
पैदा
हो
सकता
है,
जो
महिलाओं
को
होने
वाले
सबसे
आम
प्रकार
के
कैंसर
में
से
एक
है।
संयुक्त या कम्बाइन्ड ओसीपी, जिसमें एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का संयोजन होता है, महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना को बढ़ाने वाला माना जाता है, क्योंकि यह ब्रेस्ट टिश्यूज़ महिला स्टेरॉयड हार्मोन के लिहाज से कमज़ोर साबित होते हैं।
एस्ट्रोजेन ब्रेस्ट टिश्यूज़ के विस्तार का कारण माना जाता है, जो स्टेम टिश्यूज़ को और मध्यवर्ती कोशिकाओं के विकास को उत्तेजित करके ब्रेस्ट कैंसर के ख़तरे को बढ़ा सकता है।
हालांकि गर्भनिरोधक गोलियां लेनेवाली महिलाओं में से किसी में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बहुत कम होता है, लेकिन ओसीपी के प्रयोग से संबंधित काफी वाद-विवाद होता रहता है।
गर्भनिरोधक गोलियां का जब 1960 के दशक में आविष्कार हुआ तो उनमें हार्मोन की मात्रा बहुत अधिक थी। तब लोगों में यह डर था कि शायद इन गोलियों की वजह से सचमुच ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। पिछले कुछ वर्षों में हमने उत्पाद के प्रभावों के आधार पर गोली के बारे में अध्ययन किया है। जब एक हाई डोज़ वाली गोली दी गई थी, तो वजन में बढ़ोतरी जैसे कुछ साइड इफेक्ट्स देखे गए।
उसके बाद हमने गोली की खुराक, लगभग 30 मिलीग्राम तक कम करने का फैसला किया। जहां साइड-इफेक्ट्स में कमी देखी गयी वहीं गोली के गर्भनिरोधक प्रभाव वैसे ही रहे।
क्या
ब्रेस्ट
कैंसर
फैमिली
हिस्ट्री
में
महिला
ओसीपीएस
ले
सकती
है?
ऐसा
कहा
जाता
है
कि
गोलियां
ब्रेस्ट
कैंसर
के
जोखिम
को
बढ़ा
नहीं
सकती
है।
लेकिन
अगर
फैमिली
हिस्ट्री
है,
तो
क्या
गोली
ले
सकते
हैं?
इस
बारे
में
डॉक्टर
कहते
हैं
कि
ऐसे
मामले
में
बिना
गाइनोकोलोजिस्ट
की
सलाह
के
बिना
गोलियां
नहीं
लेनी
चाहिए।
वास्तव
में
ब्रेस्ट
कैंसर
की
फैमिली
हिस्ट्री
में
रोगी
की
आयु
जैसे
कारकों
पर
विचार
किया
जाता
है।
यहां तक कि ब्रेस्ट कैंसर का खतरा है, तो गोली की एक बहुत ही कम खुराक निर्धारित की जाती है और वह भी बहुत ही कम अवधि के लिए। लेकिन कभी-कभी मरीज चिकित्सक से सलाह के बिना 10 साल की गोली ले सकता है। ऐसे मामलों में, यह कहना असंभव है कि इससे ब्रेस्ट कैंसर पैदा हो सकता है या नहीं।