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जानिए पीरियड के पहले कुछ लड़कियों को जंक फ़ूड खाने का मन क्यों करता है?
पीरियड्स
की
तारीख
नजदीक
आते
ही
महिलाओं
को
तीखी
और
चटपटी
चीजें
खाने
की
तीव्र
इच्छा
होती
है।
अगर
आपको
भी
चटपटी
चीजें
खाने
की
इच्छा
होती
है
तो
आप
ऐसी
अकेली
महिला
नहीं
हैं।
जैसा
कि
हम
सभी
जानते
हैं
कि
हर
महिला
को
जीवन
में
मासिक
धर्म
की
नैचुरल
प्रक्रिया
से
गुजरना
पड़ता
है।
पीरियड्स
12
साल
की
उम्र
में
शुरू
होता
है
और
करीब
50
वर्ष
की
अवस्था
में
समाप्त
हो
जाता
है।
हर
महीने
महिलाओं
के
गर्भायश
की
दीवार
के
चारों
ओर
बने
टिश्यू
टूटकर
ब्लड
के
रूप
में
महिलाओं
की
योनि
से
बाहर
निकलते
हैं।
यही
प्रक्रिया
मासिक
धर्म
कहलाती
है।
यह
3
से
7
दिन
तक
रहता
है।
ज्यादातर
महिलाएं
अपने
पहले
पीरियड्स
की
शुरूआत
से
मेनोपॉज
होने
तक
इस
परेशानी
का
अनुभव
करती
हैं
जिसे
पीएमएस
के
नाम
से
जाना
जाता
है।
पीएमएस
या
प्रीमेंसट्रुअल
सिंड्रोम
ऐसे
लक्षण
हैं
जो
महिला
के
शरीर
में
विभिन्न
हार्मोन्स
के
उतार-चढ़ाव
के
कारण
पीरियड
शुरू
होने
के
कुछ
दिन
पहले
से
ही
महसूस
होने
लगता
है।
हालांकि
कुछ
महिलाओं
में
पीएमएस
के
लक्षण
नहीं
महसूस
होते
हैं
जबकि
कुछ
महिलाओं
में
इसके
लक्षण
काफी
गंभीर
होते
हैं।
प्रीमेंस्ट्रुअल
सिंड्रोम
की
इंटेंसिटी
सभी
महिलाओं
में
अलग-अलग
होती
है।
ज्यादा
भूख
लगना,
चिड़चिड़ापन,
मूड
स्विंग
होना,
सूजन,
ब्रेस्ट
को
कोमल
होना,
पेल्विक
में
दर्द,
थकान,
अधिक
पसीना
आना,
सेक्स
की
तीव्र
इच्छा
आदि
पीएमएस
के
लक्षण
हैं।
प्रीमेंस्ट्रुअल
सिंड्रोम
से
ग्रसित
ज्यादातर
महिलाओं
को
हर
वक्त
भूख
महसूस
होती
है
और
हेल्दी
फूड
की
बजाय
जंक
फूड
खाने
का
ज्यादा
इच्छा
होती
है।
यहां तक कि जो महिलाएं ज्यादा मोटी होती हैं वे भी पीएमएस के दौरान ज्यादा शुगर और फैट युक्त खाद्य पदार्थ खाने से खुद को रोक नहीं पाती हैं। हाल में हुई एक स्टडी में यह पता चला है कि किन कारणों से महिलाएं पीएमएस के दौरान ज्यादा शुगर और फैट वाली चीजें खाना पसंद करती हैं। महिलाओं में पीएमएस के दौरान जंक फूड खाने की तीव्र इच्छा होने का एक कारण यह है कि
ज्यादातर
महिलाएं
बीमारियों
से
बचने
के
लिए
हेल्दी
लाइफ
स्टाइल
अपनाती
हैं
और
खुद
को
फिट
रखना
चाहती
हैं।
इसलिए
वे
अपनी
दिनचर्या
में
कम
कैलोरी
और
पोषक
तत्वों
से
युक्त
भोजन
शामिल
करती
हैं।
इसके अलावा नियमित एक्सरसाइज पर ध्यान देती हैं और ऐसी कोई भी चीज खाने से बचती हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होता है। हम जानते हैं कि अधिक फैट और शुगर युक्त भोजन करने से सिर्फ हमारा वजन ही नहीं बढ़ता है बल्कि हम हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और हृदय संबंधी बीमारियों के चपेट में भी आ जाते हैं। यही कारण है कि प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के दौरान महिलाएं जंक फूड खाने से खुद को रोक नहीं पाती हैं। इसकी वजह से उन्हें ज्यादा चिड़चिड़ाहट भी होती है यहां तक कि वजन बढ़ने के साथ ही डाइजेस्टिव सिस्टम पर भी इसका असर पड़ने लगता है।
हाल
ही
में
हुए
एक
हेल्थ
रिसर्च
में
यह
पाया
गया
है
कि
पीडियड्स
आने
से
पहले,
प्रीमेंस्ट्रुअल
सिड्रोम
के
दौरान
कॉर्टिसोल
नामक
स्ट्रेस
हार्मोन
का
स्तर
शरीर
में
बढ़
जाता
है
और
सिरोटोनिन
हार्मोन
का
स्तर
कम
हो
जाता
है।
इसी
वजह
से
ज्यादातर
महिलाएं
को
मीठी
और
अधिक
फैट
युक्त
खाद्य
पदार्थ
खाने
की
तीव्र
इच्छा
होती
है।
इन
खाद्य
पदार्थ
को
खाने
से
कॉर्टिसोल
हार्मोन
का
लेवल
घटता
है
और
सिरोटोनिन
का
स्तर
अस्थायी
रूप
से
बढ
जाता
है,
इससे
महिलाएं
अच्छा
महसूस
करती
हैं।
यही
कारण
है
कि
ज्यादातर
महिलाएं
पीएमएस
के
दौरान
अधिक
फैट
वाली
चीजें
खाती
हैं।