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स्टडी: जानें पीरियड्स के दर्द की वजह से महिलाएं हर साल ऑफिस से लेती हैं कितनी छुट्टियां?
कई महिलाओं के लिए पीरियड्स का दौर आसानी से गुजर जाता है, उन्हें इस दौरान ज्यादा दर्द नहीं होता है। लेकिन ऐसी महिलाओं की संख्या बहुत अधिक है जिन्हें मासिक धर्म के दौरान भयंकर दर्द से गुजरना पड़ता है। कई लड़कियों और महिलाओं के लिए ये दिन इतने ज्यादा दर्दनाक हो जाते हैं कि उनके लिए बिस्तर से उठ पाना मुश्किल हो जाता है।
महिलाओं के पीरियड्स पेन से जुड़ा एक अध्ययन सामने आया है। अनुसंधानकर्ताओं ने हाल ही में रिसर्च की जिसके जरिए ये पता चल पाया कि पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और भयंकर क्रैम्प्स की वजह से महिलाओं को साल में औसतन 9 प्रोडक्टिव दिन मिस करने पड़ते हैं।
किस उम्र की महिलाओं को स्टडी में किया गया शामिल?
ये स्टडी ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुई। इस स्टडी के लिए वैज्ञानिकों ने निदरलैंड की 32,748 महिलाओं की जांच की जिनकी उम्र 15 से 45 साल थी। इस स्टडी के तहत अनुसंधानकर्ताओं ने स्टडी में शामिल सभी प्रतिभागियों से उनके मेन्स्ट्रुअल साइकिल से जुड़ी हर तरह की जानकारी मांगी। उन्होंने प्रतिभागियों से पूछा कि उनके पीरियड्स कितने दिन चलते हैं, गंभीर लक्षण क्या है, क्या पीरियड्स में उठने वाले दर्द के कारण कभी ऑफिस से छुट्टी ली है, आदि।
बीमार होने के बाद भी ऑफिस जाने की बात स्वीकारी
इस स्टडी में शामिल की गई कुल महिलाओं में से 26,438 प्रतिभागियों ने ये स्वीकार किया कि वो सेहत ठीक ना होने के बाद भी ऑफिस पहुंची। गौर करने वाली बात ये है कि जो महिलाएं पीरियड्स क्रैम्प्स के बावजूद ऑफिस गई उनमें काम को लेकर प्रोडक्टिविटी के स्तर में गिरावट देखी गयी। अनुसंधानकर्ताओं ने हर साल महिलाओं द्वारा पीरियड्स के दर्द के कारण काम के संबंध में प्रोडक्टिविटी में औसतन 33 प्रतिशत की कमी पाई जो औसतन 9 दिन की कमी के बराबर है।
3 प्रतिशत महिलाएं हर बार पीरियड्स की वजह से लेती हैं छुट्टी
पीरियड्स पेन में ऑफिस जाकर प्रोडक्टिविटी में गिरावट दर्ज करने के आलावा इस स्टडी से जुड़े जानकारों ने ये भी पता लगाया कि 4,514 महिलाओं ने इस दर्द की वजह से ऑफिस से छुट्टी भी ली। 3 प्रतिशत प्रतिभागियों ने ये स्वीकारा कि वो हर बार पीरियड्स के दौरान काम से छुट्टी लेती हैं। इसमें ज्यादातर संख्या 21 साल या इससे कम उम्र की लड़कियों की थी जिन्होंने पीरियड्स पेन में काम से छुट्टी लेना ही बेहतर समझा।
दिल का दौरा पड़ने जितना ही बुरा है पीरियड्स का पेन
इस स्टडी में शामिल करीब 70 प्रतिशत महिलाएं ये चाहती हैं कि पीरियड्स के दौरान वर्किंग आवर्स अर्थात काम करने के घंटे में फ्लैक्सिबिलिटी मिले। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रोफेसर ने 2016 में ये बात कही थी कि हर महीने आने वाले पीरियड्स का दर्द हार्ट अटैक जितना ही बुरा होता है।