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World Breastfeeding Week: एक्सटेंटेड ब्रेस्टफीडिंग सही है या गलत, जानें बच्चे को दूध पिलाना कब बंद करना चाहिए
मां का दूध बच्चों के लिए अमृत की तरह होता है। जिसके जरिए बच्चें को सभी आवश्यक पोषण मिल सकता है। ऐसे में हर मां को ब्रेस्टफीडिंग के महत्व को समझना जरूरी है। आमतौर पर मांए कम से कम एक साल तक तो अपने बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराती ही है। लेकिन जब ये क्रम एक साल के बाद भी चलता रहता है तो उसे एक्सटेंडेड ब्रेस्टफीडिंग कहा जाता है। इसमें 2 से 4 वर्ष के बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराना शामिल है।
देखा जाए तो, अगर एक महिला का शरीर उसके बच्चे के लिए आवश्यक मिल्क प्रोडक्शन कर सकता है, तो लंबे समय तक बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने में कोई बुराई नहीं है । हालांकि इसको लेकर भी कई सारे मिथ है जिसके कारण महिलाएं लंबे समय तक बच्चों को अपना दूध पिलाने से कतराती है। यहां हम आपको एक्सटेंडेड ब्रेस्टफीडिंग से बच्चे और उसकी मां को होने वाले फायदों के साथ ही ब्रेस्टफीडिंग बंद करने की सही अवस्था के बारे में भी बताने वाले है।
बच्चें के लिए एक्सटेंडेड ब्रेस्टफीडिंग के फायदे
ब्रेस्टमिल्क के जरिए बच्चे को कई न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं, जो बच्चों के शरीर को बीमारियों से लड़ने के लिए मजबूत इम्यूनिटी प्रदान करते है। ब्रेस्टमिल्क से बच्चे की बढ़ती हुई जरूरतों के लिए सही मात्रा में पोषक तत्व मिल जाते हैं। इससे उन बीमारियों का खतरा भी कम होता है, जो बड़े होने के बाद बच्चों को होने की संभावना रहती है। इसके अलावा मां का दूध पीने से बच्चा हाइड्रेटेड रहता है और उसका पेट भी भरा होता है, जिससे डिहाइड्रेशन का खतरा भी कम हो जाता है। सबसे बड़ी बात अगर बच्चा बीमार है या फिर वो खाने की चीजों में रूचि नहीं ले रहा तो ब्रेस्टफीडिंग के जरिए उसे आवश्यक पोषण मिल ही जाएगा। ब्रेस्टफीडिंग का ये भी फायदा है कि इससे मां के साथ बच्चे का गहरा भावनात्मक जुड़ाव पैदा होता है।
मां के लिए एक्सटेंडेड ब्रेस्टफीडिंग फायदे
ब्रेस्टफीडिंग से आपके बच्चे की इम्यूनिटी तो बढ़ती ही है, बल्कि मां को भी ब्रेस्टफीडिंग से कई फायदे मिलते हैं। इससे मां और बच्चे के बीच प्यार बढ़ता है। इसके अलावा एक्सटेंटेड ब्रेस्टफीडिंग से प्रेगनेंसी के दौरान बढ़े हुए वजन को कम करने में मदद मिलती है। इससे ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर के अलावा कार्डियोवैस्कुलर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है। देखा जाए तो देर से आने वाले पीरियड ब्रेस्टफीडिंग के आम साइड इफेक्ट्स में से एक हैं, इसलिए लंबे समय तक अपना दूध पिलाते रहने से मांओ को पीरियड में होने वाले दर्द और ब्लोटिंग से राहत मिलती है।
एक्सटेंडेड ब्रेस्टफीडिंग को सफल बनाने के टिप्स:
- सबसे जरूरी बात जो हर ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मां के लिए जरूरी है वो है एक अच्छी नर्सिंग ब्रा का चुनाव। इसलिए अपनी साइज और अन्य बातों को ध्यान में रखकर ही सही ब्रा का चयन करें।
- अगर दूध पिलाते समय बच्चा आपको काटने लगें, तो दूध छुड़ाने के बजाय उसका ध्यान किसी और जगह लगाने की कोशिश करें और कुछ देर रूककर दोबारा दूध पिलाना शुरू करें।
- आमतौर पर जब एक मां दूध पिलाना जारी रखती है, तो उसके शरीर में दूध की कमी कभी नहीं होती है। इसलिए अपने बच्चे के साथ सौम्य बने रहें और धैर्य बनाए रखें।
बच्चे को दूध पिलाना कब बंद कराना चाहिए
अगर दूध पीते समय बच्चा लगातार आपको काट रहा हो तो ये संकेत है कि अब ब्रेस्टफीडिंग बंद कराना ही सही है। ताकि एक मां को ब्रेस्ट जैसे सेंसेटिव बॉडी पार्ट में दर्द ना झेलना पड़ें। वहीं, अगर आप लंबे समय तक काम के सिलसिले में घर से बाहर रहती है तो ऐसी स्थिति में फीडिंग छुड़ाने में ही फायदा है। इसके अलावा अगर आपको दूध नहीं आ रहा है और ऐसे में फीडिंग कराते समय आपको ब्रेस्ट में दर्द होने लगे तो ये प्रक्रिया बंद करने में ही समझदारी है।