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Ahoi Ashtami 2021: संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है व्रत, सूनी गोद भरने के लिए महिलाएं जरुर करें पूजा
हिंदू धर्म में कार्तिक का महीना काफी शुभ माना गया है। वहीं ये महिलाओं के लिए भी काफी विशेष है। इस महीने विवाहित महिलाएं आपने पति की लंबी आयु के लिए जहां करवा चौथ का व्रत करती हैं तो वहीं अपनी संतान की निरोगी और खुशहाल जीवन के लिए अहोई अष्टमी का निर्जला व्रत रखती हैं। करवाचौथ में जिस तरह वो चांद को देखकर जल ग्रहण करती हैं, वैसे ही अहोई अष्टमी व्रत में वो तारों को देखने के बाद ही अपना व्रत पूरा करती हैं। अहोई अष्टमी व्रत को काफी प्रभावशाली माना गया है। कई महिलाएं संतान प्राप्ति का आशीर्वाद पाने के लिए भी अहोई माता की आराधना करती हैं। जानते हैं साल 2021 में अहोई अष्टमी का व्रत किस दिन रखा जाएगा और इस व्रत को करने का क्या महत्व है।
अहोई अष्टमी 2021 की तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, अहोई अष्टमी का व्रत हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस साल यह व्रत 28 अक्टूबर, गुरुवार के दिन रखा जाएगा।
अष्टमी तिथि प्रारम्भ: अक्टूबर 28, 2021 को दोपहर 12:49 बजे से
अष्टमी तिथि समाप्त: अक्टूबर 29, 2021 को दोपहर 02:09 बजे तक।
अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त: शाम 05:55 से 07:08 बजे तक
अवधि: 01 घंटा13 मिनट
गोवर्धन राधा कुण्ड स्नान बृहस्पतिवार, अक्टूबर 28, 2021 को
तारों को देखने के लिये साँझ का समय- 06:17 पी एम
अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय- 12:04 ए एम, अक्टूबर 29
बन रहा है शुभ योग
इस दिन गुरु पुष्य नक्षत्र लगेगा और साथ ही अमृत सिद्ध योग भी रहेगा। सुबह 9 बजकर 42 मिनट से गुरु पुष्य नक्षत्र लग जाएगा तो वहीं अमृत सिद्ध योग सुबह 9 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा जो अगले दिन यानी 29 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में की गयी पूजा और किसी भी कार्य का शुभ फल अवश्य प्राप्त होगा।
अहोई अष्टमी व्रत का महत्व
एक मां के लिए उसके बच्चों से बड़ी संपत्ति कुछ और नहीं हो सकती है। भारतीय संस्कृति भी माओं को व्रतों और त्योहारों के जरिए अपनी संतान के लिए विशेष आशीर्वाद पाने का मौका देती हैं। इन्हीं में से एक है अहोई अष्टमी का व्रत। कई जगह पे माता के साथ पिता भी अपने बच्चों की खुशहाली के लिए ये व्रत करते हैं। इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु मिलती है। उसे जीवन में यश, कीर्ति, सौभाग्य और सुख-समृद्धि की कमी नहीं रहती है। कई महिलाएं अपने बीमार बच्चों की निरोगी काया के लिए यह व्रत करती हैं। इस व्रत का असर और प्रभाव काफी शक्तिशाली माना गया है। जिन महिलाओं की गोद सूनी है वो संतान सुख का आशीर्वाद पाने के लिए यह व्रत करती हैं।
घर में गूंजेगी किलकारी, करें ये उपाय
अगर आपकी बहू अथवा बेटी की गोद भरने में विलंब हो रहा है तो आप ये उपाय कर सकते हैं। इस दिन अहोई माता और भोलेनाथ को दूध-भात का भोग लगाएं। चांदी की नौ मोतियों को लाल धागे में पिरो लें और माला तैयार करें। अहोई माता को ये माला चढ़ाएं और फिर अपनी संतान के लिए संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मांगे व पूजा करें। इसके बाद अपनी संतान और उनके जीवनसाथी को दूध-भात का प्रसाद खिलाएं। इसके बाद वह माला अपनी बहू अथवा बेटी, जिसके लिए आपने पूजा की है, उसे धारण करवा दें।