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ग्रह दोषों से मुक्ति पाने के लिए धारण करें इस रंग का धागा और तिलक

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अकसर हम अपनी कलाई, गले या शरीर के दूसरे हिस्से में लाल, काला, केसरिया आदि रंग के धागे धारण करते हैं। ऐसी मान्यता है कि यह धागे हमे बुरी नज़र से बचाते हैं और इनमें भगवान का आशीर्वाद भी होता है। इतना ही नहीं वैदिक ज्योतिष शास्त्र में इन पवित्र और विभिन्न रंगो के धागों का विशेष महत्व बताया गया है।

माना जाता है कि कुछ धागों को धारण करने से मनुष्य को स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता वहीं कुछ धागे जीवन में सुख, शान्ति और समृद्धि लाते हैं। इसके अलावा इनका सम्बन्ध ग्रहों से भी होता है। धागों के अलावा तिलक का भी ख़ास महत्व होता है। कहते हैं अलग अलग दिन भगवान के पसंदीदा रंगों का तिलक लगाना भी अत्यंत शुभ और लाभदायक होता है।

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आइए जानते हैं इन धागों और तिलक से जुड़ी मान्यताएं और इनके महत्व को।


1. हिन्दू धर्म में किसी भी पूजा पाठ के बाद कलावा बाँधने की परम्परा है इसे रक्षा सूत्र भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का आशीर्वाद होता है। इसे बाँधने से आने वाली मुसीबतों से हमें छुटकारा मिल जाता है और हम सकारात्मक ऊर्जा से घिरे रहते हैं।
इसके अलावा ऐसी भी मान्यता है कि कलावा धारण करने से कई तरह के रोगों से भी छुटकारा मिलता है।

2. पीले रंग के धागे को अत्यंत ही शुभ माना जाता है ख़ास तौर पर पर विवाह जैसे मांगलिक कार्यों में। इस रंग का सम्बन्ध श्री हरि विष्णु से होता है इसलिए कमज़ोर बृहस्पति वाले लोगों के लिए यह धागा बहुत ही लाभकारी होता है। साथ ही इस धागे को धारण करने से व्यक्ति की एकाग्रता और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है।

3. काले रंग का धागा हर तरह की बुरी प्रवित्तियों से बचाता है। छोटे बच्चों के लिए तो यह ख़ास तौर पर बहुत ही ज़रूरी होता है क्योंकि इस रंग का धागा उन्हें बुरी नज़र से ही नहीं बचाता बल्कि उन्हें स्वस्थ भी रखता है। बच्चे इसे कमर में पहनते हैं और बड़े इसे अपनी कलाई या बांह पर बाँध सकते हैं।
काले रंग के धागे का सम्बन्ध शनि देव और राहु से होता है इसलिए इसे धारण करके ग्रह दोषों से भी मुक्ति पायी जा सकती है।

4. तीन सूत्रों से बना पवित्र धागा जनेऊ कहलाता है इसमें भी त्रिदेव का आशीर्वाद होता है। हिन्दू धर्म के लोग इसे गुरु दीक्षा के बाद धारण करते हैं या फिर किसी बालक के किशोरावस्था से युवा अवस्था में प्रवेश करने पर उसे विधि पूर्वक जनेऊ धारण कराया जाता है।
स्वास्थ्य के लिए भी इसे बहुत ही लाभकारी माना गया है। इस धागे का सम्बन्ध शुक्र ग्रह से होता है।

5. केसरिया रंग के धागे को धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शान्ति, ख्याति और शक्ति बानी रहती है। केसरिया या भगवा रंग को त्याग और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। सन्यासी, साधू और संतो का यह पसंदीदा रंग होता है और वह इस रंग के ही वस्त्र धारण करते हैं।
इस रंग का धागा मन को शांत रखता है और हमारे आध्यात्मिक भावनाओ में भी वृद्धि करता है। इस रंग का सम्बन्ध बृहस्पति से होता है।

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दिन के अनुसार तिलक लगाना होता है शुभ

1. सोमवार भोलेनाथ का दिन होता है। इस दिन सफ़ेद चन्दन, विभूति या भस्म लगाना बहुत अच्छा होता है।

2. मंगलवार को हनुमान जी का दिन होता है। इस दिन लाल सिन्दूर या चमेली के तेल में मिला हुआ सिन्दूर लगाने से मनुष्य के जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही उसके बुद्धि और कार्यक्षमता में भी वृद्धि होती है।

3. बुधवार को माँ दुर्गा और गणेश जी का दिन होता है। इस दिन केवल सिन्दूर का तिलक लगाना शुभ होता है।

4. बृहस्पतिवार भगवान विष्णु का दिन माना गया है। इस दिन चंदन या हल्दी का तिलक लगाना चाहिए इससे आर्थिक परेशानियां दूर होती है।

5. शुक्रवार लक्ष्मी जी का दिन माना जाता है। इस दिन लाल चन्दन या सिन्दूर लगाना अच्छा होता है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से सभी तनाव दूर होते हैं।

6. शनिवार का दिन शनिदेव और भैरव देव को समर्पित है। इस दिन विभूति, भस्म या लाल चन्दन का टीका लगाएं। कहते हैं ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और हर मुसीबत से बचाते हैं।

7. रविवार श्री हरि विष्णु और सूर्य देव का दिन है इसलिए इस दिन पीला और लाल चन्दन लगाना बहुत ही लाभकारी होता है।

English summary

Benefits of Sacred Threads and Tilak

Hinduism has many colored sacred threads which serve different purposes and resolve issues. In this article, you will know the difference between all the sacred threads and benefits of holy tilak.
Story first published: Thursday, April 19, 2018, 13:24 [IST]
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