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Buddha Purnima 2022: भगवान बुद्ध की कृपा से दूर होंगे जीवन के सारे कष्ट

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वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। यह साल की दूसरी पूर्णिमा होती है। इस दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इस बार बुद्धपूर्णिमा 16 मई, सोमवार को है। भगवान गौतम बुद्ध को श्री विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है, इसलिए बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है। इसके अलावा लोग चंद्रमा की भी पूजा करते हैं। बौद्ध धर्म के अलावा हिंदू धर्म में भी इस पूर्णिमा का बड़ा ही महत्व है। लोग बड़े ही श्रद्धा भाव से इस दिन व्रत और पूजा करते हैं। आइए आपको बुद्ध पूर्णिमा की पूजा के धार्मिक महत्व और इस बार पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में बताते हैं।

नेपाल के लुंबिनी में गौतम बुद्ध का जन्म हुआ

नेपाल के लुंबिनी में गौतम बुद्ध का जन्म हुआ

563 ईसा पूर्व में नेपाल के लुंबिनी में भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम राजा शुद्धोधन था और इनकी माता का नाम महामाया था। गौतम बुद्ध के जन्म के सात दिन बाद ही उनकी माता की मृत्यु हो गई थी जिसके बाद इनका पालन पोषण इनकी मौसी महाप्रजापती गौतमी ने किया था। जब भगवान बुद्ध का जन्म हुआ तो उन्हें सिद्धार्थ गौतम नाम दिया गया था। गौतम बुद्ध का विवाह यशोधरा से हुआ था जिनसे उन्हें एक पुत्र राहुल हुआ था। केवल 29 वर्ष की आयु में ही सिद्धार्थ गौतम ने अपना गृहस्थ जीवन त्याग कर संसार को सभी पापों और कष्टों से मुक्ति दिलाने के का फैसला किया और वन की ओर निकल गए। सिद्धार्थ गौतम से भगवान बुद्ध बनने के लिए उन्होंने कठिन साधना की थी। बिहार के बोध गया में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

भगवान बुद्ध लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते थे। उनका मानना था की सच्चाई की राह पर चलकर ही मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।

2022 का पहला चंद्र ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा के दिन

2022 का पहला चंद्र ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा के दिन

इस साल का पहला चंद्र ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा के दिन लग रहा है, लेकिन यह भारत में नहीं दिखेगा इसलिए इस दिन पूजा और व्रत आदि कर सकते हैं। हालांकि यह ग्रहण है तो ऐसे में कई राशियों पर इसका अच्छा बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

बुद्ध पूर्णिमा की पूजा का शुभ मुहूर्त

बुद्ध पूर्णिमा की पूजा का शुभ मुहूर्त

रविवार, 15 मई को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से लेकर सोमवार, 16 मई को 9 बजकर 45 मिनट तक बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त रहेगा।

चंद्र देव के दर्शन के बिना अधूरी होती है पूर्णिमा की पूजा

चंद्र देव के दर्शन के बिना अधूरी होती है पूर्णिमा की पूजा

पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की पूजा करना भी बेहद जरूरी होता है। इस दिन व्रत और पूजा के साथ चंद्रमा का दर्शन करना चाहिए। इसके अलावा कई लोग घर पर ही भगवान सत्यनारायण की कथा भी करवाते हैं। इस दिन को जो भी भक्त सच्चे मन से पूजा करता है उसे सारे पापो से मुक्ति मिलती है और उसका जीवन सफल हो जाता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन ईश्वर की आराधना करने से आर्थिक परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है।

नोट: यह सूचना इंटरनेट पर उपलब्ध मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। बोल्डस्काई लेख से संबंधित किसी भी इनपुट या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी और धारणा को अमल में लाने या लागू करने से पहले कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

English summary

Buddha Purnima 2022: Date, Muhurat, Puja Vidhi, Significance in Hindi

Check out the date, muhurat, Puja vidhi, significance of Buddha Purnima 2022 in Hindi.
Story first published: Wednesday, May 11, 2022, 16:56 [IST]
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