Just In
- 56 min ago 'हीट वेव' से बचाने के लिए चुनाव आयोग ने जारी की एडवाइजरी, सेफ रहने के लिए हाइड्रेड रहें और ये काम न करें
- 2 hrs ago तपती गर्मी में भी नहीं सूखेगा तुलसी का पौधा, बस अपनाएं ये छोटे-छोटे टिप्स
- 3 hrs ago Crispy Chicken Strips : इफ्तार के लिए इस तरह बनाएं टेस्टी-टेस्टी क्रिस्पी चिकन स्ट्रिप्स, पढ़ें पूरी रेसिपी
- 5 hrs ago Good Friday 2024 Quotes Messages: गुड फ्राइडे के मौके पर शेयर करें यीशु के विचार
Don't Miss
- News 33 साल बाद कांग्रेस के दादा भानु और भाजपा के मामा शिवराज के बीच फिर होगा मुकाबला, जानिए कौन है किस पर भारी
- Travel एडवेंचर के शौकिनों के लिए खुशखबरी, 5 महीने बाद शुरू होगी तीस्ता रिवर राफ्टिंग, Details
- Movies सोहेल खान के साथ दिखा डॉली चायवाला, इसलिए भड़क गए लोग, बोले- 'अब इसको अनफॉलो करो'
- Education एनआईओएस कक्षा 10वीं, 12वीं हॉल टिकट 2024 हुए जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड
- Finance जुर्माने से बचने के लिए जल्दी निपटा लें अपने यह पांच काम, 31 मार्च है आखिरी डेट
- Automobiles Tesla को टक्कर देने के लिए Xiaomi ने लॉन्च की पहली इलेक्ट्रिक कार, सिंगल चार्ज में मिलेगी 810KM की रेंज
- Technology Realme ला रहा नया धांसू स्मार्टफोन, इन तगड़े फीचर्स से होगा लैस, सामने आईं डिटेल्स, 4 अप्रैल को होगा लॉन्च
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
जानिए, अलग-अलग ज्योतिष दोषों के बारे में
ज्योतिष एक विस्तृत विषय है और दोष इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दोष के बारे में और इसके प्रभाव के बारे में जानने के लिए हमें पहले ज्योतिष के बारे में जानना पड़ेगा।
दोष का मतलब होता है नकारात्मक या कुछ ऐसा जो शुभ फल नहीं देता।
अगर आप जानना चाहते हैं कि ज्योतिष में दोष किस तरह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं तो आगे पढ़ें।
माना जाता है कि इंसान का भाग्य उसकी कुंडली में बारह भावों में बैठे शुभ और अशुभ ग्रहों पर निर्भर करता है। तो चलिए जानते हैं इन दोषों इनके प्रभाव के बारे में -:
वैदिक ज्योतिष के अनुसार मांगलिक दोष सबसे ज्यादा सामान्य है। 50 प्रतिशत लोगों की कुंडली में मांगलिक दोष होता है। मंगल के पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में होने पर जातक मांगलिक कहलाता है। वैदिक ज्योतिष में मांगलिक दोष को लेकर सबसे बड़ी गलतफहमी यह है कि मांगलिक दोष वाले जातक के किसी सामान्य जातक से विवाह करने पर उसकी मृत्यु हो जाती है।
नाड़ी दोष
जब विवाह के लिए दो जातकों की नाड़ी एक होती है तब नाड़ी दोष उत्पन्न होता है। विवाह की दृष्टि से ये दोष काफी घातक होता है और इसकी वजह से वैवाहिक जीवन में कई तरह की दिक्कतें आती हैं। नाड़ी आठ कूटों में से एक होती है जिनके आधार पर विवाह से पूर्व कुंडली मिलान करवाया जाता है।
पितृ दोष
पूर्वजों या परिवार के मुखिया के बुरे कर्मों के कारण ये दोष लगता है। कुंडली के नौवे भाव में भाग्य स्थान के होने पर ये दोष लगता है। ये दोष काफी महत्वपूर्ण होता है। इस दोष के कारण व्यक्ति प्रगति नहीं कर पाता है।
कार्तिक जन्म दोष
हिंदू मान्यता के अनुसार कार्तिक महीने में ये दोष उत्पन्न होता है। अक्टूबर के मध्य से नवंबर के मध्य में ये दोष उत्पन्न हो सकता है। माना जाता है कि इस दौरान सूर्य कमज़ोर स्थिति में रहता है। इस कारण इस दोष से प्रभावित व्यक्ति के जीवन और उसके परिवार में परेशानियां आती हैं। इस काल में जन्मे जातक अवश्य ही कार्तिक जन्म दोष से पीडित होते हैं।
कालसर्प योग
कुंडली में ये योग होना काफी कष्टदायक होता है। हिंदू धर्म के अनुसार ये दोष व्यक्ति के जीवन के हर पहलू पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इस ग्रहीय दशा में जातक को भाग्य का साथ नहीं मिलता है। ज्योतिष से जुड़ी और दिलचस्प जानकारी के लिए हमसे जुड़े रहिए।