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नाग पंचमी पर इस जगह पिटी जाती है गुड़िया, क्या है इस अनोखी परम्परा का रहस्य
नागपंचमी का त्योहार भारत के अलग अलग हिस्सों में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को हिंदू धर्म के लोग नागपंचमी के रूप में मनाते हैं। जैसा की हम सब जानते हैं सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है इसलिए नागपंचमी पर सांपों की पूजा करने और उन्हें दूध पिलाने से महादेव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं।
इस दिन लोग नाग देवता की पूजा के साथ शिव जी की भी पूजा करते हैं। साथ ही सभी अपने घर के दरवाज़े पर गोबर की सर्पाकृति बनाते हैं। कहते हैं नागपंचमी पर जो भी पुरुष द्रव्य दान करते हैं उन पर कुबेर जी की कृपा दृष्टि बनी रहती है।
आपको बता दें इस बार नागपंचमी 15 अगस्त, 2018, बुधवार को है।
यह पर्व हिंदुओं के प्रमुख पर्वों में से एक है लेकिन एक स्थान ऐसा भी है जहां इसे मनाने का ढंग बिल्कुल ही अनोखा है। जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश की जहां नागपंचमी पर गुड़िया पीटने की परंपरा है। घर की महिलाएं पुराने कपड़ों से गुड़िया बनाती हैं और उन्हें नागपंचमी के दिन चौराहे पर छोड़ देती हैं जिसके बाद लड़के इन गुड़ियों को डंडे से पीटते हैं। वैसे तो इस अनोखी परंपरा को लेकर कई तरह की कहानियाँ प्रचलित हैं। उन्हीं में से एक कहानी कुछ इस प्रकार है।
राजा की बेटी को हो गया था दुश्मन से प्रेम
कहते हैं एक राजा की बेटी थी जिसका नाम गुड़िया था। गुड़िया को एक राजकुमार से प्रेम हो गया लेकिन वह राजकुमार उसके पिता के दुश्मन का बेटा था इसलिए गुड़िया के पिता और उसके सात भाइयों को उसका यह प्रेम स्वीकार नहीं था। इस बात से क्रोधित होकर उसके सातों भाइयों ने उसे दण्डित करने के लिए बीच चौराहे पर बांध दिया और लाठियों से उसे पीटा जिससे उसकी मृत्यु हो गयी। इसके पश्चात गुड़िया के भाइयों ने इस बात की घोषणा कर दी कि समाज की जो भी लड़की ऐसा करेगी उसका यही हाल किया जाएगा। तब से यह गुड़िया पीटने की परंपरा आरम्भ हो गयी।
एक अन्य कथा के अनुसार एक बार नागों के दुश्मन गरुड़ ने एक नाग पर हमला कर दिया जिससे बचने के लिए नाग ने एक स्त्री से सहायता मांगी। उस वक़्त उस औरत ने नाग की मदद कर दी किन्तु बहुत देर तक वह यह सत्य छिपा नहीं पायी और गरुड़ को नाग के विषय में बता दिया। तब उस महिला से क्रोधित होकर नाग ने उसे श्राप दिया था कि साल में एक दिन ऐसा आएगा जब उसकी पिटाई की जाएगी। कहते हैं नाग देवता के श्राप के कारण ही नागपंचमी पर कपड़े की गुड़िया बनाकर चौराहे या फिर नदी के किनारे रख कर पुरुष उसकी पिटाई करते हैं।
शिवजी को प्रसन्न करने का दिन है नागपंचमी
माना जाता है कि नागपंचमी पर नाग देवता के साथ शिव जी की भी आराधना करनी चाहिए। इस दिन शिवालयों में जाकर अभिषेक करना अत्यंत शुभ होता है। इसके अलावा घर के दरवाज़े पर सापों की आकृति बनाकर उस पर पुष्प चढ़ाकर, धुप जलाना चाहिए। नागपंचमी पर ब्राह्मणों और सपेरों को दान करना भी बहुत फलदायी होता है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ करने से सापों का डर खत्म हो जाता है। साथ ही यदि घर के किसी सदस्य की मृत्यु सांप के काटने से हुई होती है तो ऐसे में अगर कोई 12 महीने तक पंचमी का व्रत करें तो नाग देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और दोबारा ऐसी घटना का भय नहीं रहता।