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जानिए अगस्त के महीने में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों के बारे में
अगस्त का महीना कुछ ज्यादा ही व्यस्त रहने वाला है क्योंकि इस माह छोटे बड़े त्योहारों की लिस्ट काफी लंबी है। साल 2022 में पड़ने वाले कुछ महत्वपूर्ण त्योहार अगस्त में ही है जैसे रक्षाबंधन, कजरी तीज, हरतालिका तीज, जन्माष्टमी आदि। इस माह नाग पंचमी से त्योहारों की शुरुआत होगी जो गणेश चतुर्थी के साथ खत्म होगी।
चलिए अगस्त में पड़ने वाले सभी व्रत त्योहारों की पूरी लिस्ट यहां आपको देते हैं।
विनायक चतुर्थी, 1 अगस्त, मंगलवार और 30,अगस्त, 2022 बुधवार
विनायक
चतुर्थी
को
वरद
विनायक
चतुर्थी
भी
कहते
हैं।
हिंदू
कैलेंडर
के
अनुसार
हर
महीने
में
दो
चतुर्थी
पड़ती
हैं
संकष्टी
चतुर्थी
और
विनायक
चतुर्थी।
कृष्ण
पक्ष
की
चतुर्थी
को
संकष्टी
चतुर्थी
कहा
जाता
है,
वहीं
शुक्ल
पक्ष
की
चतुर्थी
को
विनायक
चतुर्थी
कहते
हैं।
अंदल जयंती, 1 अगस्त, 2022, सोमवार
अंदल जयंती देवी अंदल को समर्पित है जो माता लक्ष्मी का अवतार थीं। यह पर्व देवी देवी अंदल के जनमोत्सव के रूप में मनाया जाता है। चूंकि यह तमिल माह 'आदि' में मनाया जाता है, इसलिए इसे आदिपुरम भी कहा जाता है। देवी अंदल विष्णु जी की बहुत बड़ी भक्त थीं। यह त्योहार तमिलनाडु में पूरे 10 दिन तक चलता है और विष्णु जी के हर मंदिर में इसकी धूम देखने लायक होती है।
नाग पंचमी 2 अगस्त, 2022, मंगलवार
नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है। इस दिन शिव जी की भी पूजा की जाती है। कहते हैं नाग पंचमी पर पूजा करने से सांप के डसने का भय नहीं रहता है।
ऋग्वेद उपाकर्म, 3 अगस्त, 2022 बुधवार
इस दिन पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चार के साथ पुराने जनेऊ को उतारकर नया जनेऊ पहना जाता है।
स्कंद षष्ठी, 3 अगस्त, 2022, बुधवार
सावन
मास
में
शुक्ल
पक्ष
की
षष्ठी
तिथि
को
स्कंद
षष्ठी
पड़ती
है।
स्कंद
षष्ठी
के
दिन
भगवान
शिव
और
माता
पार्वती
के
पुत्र
भगवान
कार्तिकेय
की
पूजा
की
जाती
है।
भगवान
कार्तिकेय
का
एक
नाम
स्कंद
कुमार
भी
है।
स्कंद
षष्ठी
को
कांडा
षष्ठी
भी
कहा
जाता
है।
कल्कि जयंती, 3 अगस्त, 2022, बुधवार
कल्कि भगवान विष्णु का दसवां और आखिरी अवतार है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा से विष्णु जी की विशेष कृपा बनी रहती है।
तुलसीदास जयंती, 4 अगस्त, 2022, गुरुवार
सावन महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को महान कवि और संत तुलसीदास जी का जन्म हुआ था। रामचरितमानस के इस रचयिता ने कुल 12 ग्रंथों की रचना की थी।
फ्रेंडशिप डे, 7 अगस्त, 2022, रविवार
अगस्त के पहले रविवार को दोस्ती का यह दिन मनाया जाता है। इस दिन एक दोस्त दूसरे दोस्त की कलाई पर फ्रेंडशिप बांधता है।
पुत्रदा एकादशी, 8 अगस्त, 2022, सोमवार
साल में दो बार पुत्रदा एकादशी पड़ती है। पहली पुत्रदा एकादशी का व्रत पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन और दूसरी पुत्रदा एकादशी व्रत सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन रखा जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से संतान पक्ष की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत, 9 अगस्त, मंगलवार, 2022
कहते हैं प्रदोष व्रत रखने से और भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
रक्षाबंधन, 11 अगस्त, 2022, गुरुवार
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और बदले में भाई उन्हें तोहफे देते हैं, साथ ही उनकी रक्षा करने का भी वजन देते हैं।
हयग्रीव जयंती, 11 अगस्त, 2022, गुरुवार
शास्त्रों के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने हयग्रीव अवतार लिया था। इस अवतार में भगवान का सिर घोड़े का और बाकी शरीर मनुष्य का है। राक्षसों द्वारा चुराए गए वेदों को पुनः प्राप्त करने के लिए विष्णु जी ने यह अवतार लिया था।
गायत्री जयंती, 12 अगस्त, 2022, शुक्रवार
चारों वेदों की जननी गायत्री माता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को आयु, शक्ति, धन आदि की प्राप्ति होती है। गायत्री मंत्र को चारों वेदों का सार माना जाता है।
नारली पूर्णिमा, 12 अगस्त, 2022, शुक्रवार
महाराष्ट्र
सहित
दक्षिण
भारत
में
समुद्री
क्षेत्रों
नारली
पूर्णिमा
बड़े
ही
धूम
धाम
से
मनाई
जाती
है।
यह
पर्व
मछुआरों
के
समुदाय
के
लिए
बहुत
ही
महत्वपूर्ण
माना
जाता
है।
ऐसी
मान्यता
है
कि
इस
दिन
वरुण
देव
की
पूजा
करने
से
और
उनसे
प्रार्थना
करने
से
समुद्र
में
होने
वाली
अप्रिय
त्रासदी
नहीं
होती
है।
वरलक्ष्मी व्रत, 12 अगस्त, 2022, शुक्रवार
वरलक्ष्मी जी स्वयं देवी लक्ष्मी का ही रूप है। कहते हैं वरलक्ष्मी की पूजा करने से मनुष्य के जीवन में सुख समृद्धि आती है, साथ ही उसे कभी भी धन धान्य की कमी नहीं होती है।
संस्कृत दिवस, 12 अगस्त, 2022, शुक्रवार
संस्कृत भाषा प्राचीनतम भाषा है। इसे देव भाषा भी कहते हैं। सभी वेद और पुराण इसी भाषा में लिखे गए हैं, इसलिए इसे देव भाषा भी कहते हैं। यही वजह है है कि इस भाषा का लोग बड़ा ही आदर करते हैं।
कजरी तीज, 14 अगस्त, 2022, रविवार
पति की लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए महिलाएं कजरी तीज के दिन व्रत रखती हैं और पूजा करती हैं। यह त्योहार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
बहुला चतुर्थी, 15 अगस्त, 2022, सोमवार
बहुला चतुर्थी के दिन गायों की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत और पूजा करने से सुहागिन स्त्री के पति की आयु लंबी होती है और निसंतान लोगों को संतान की प्राप्ति होती है।
स्वतंत्रा दिवस, 15 अगस्त, 2022, सोमवार
इस साल भारत की आजादी को पूरे 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे। देश भर में इस दिन को लेकर खास तैयारियां की जा रही है।
बलराम जयंती, 17 अगस्त, 2022, बुधवार
यह दिन श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
सिंह संक्रांति, 17 अगस्त, 2022, बुधवार
जब भी सूर्य का राशि परिवर्तन होता है तो उसे संक्रांति कहते हैं। सूर्य देव के सिंह राशि में गोचर करने के समय को सिंह संक्रति कहा जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के साथ अपनी इच्छा अनुसार दान-पुण्य भी करना चाहिए।
शीतला सातम, 18 अगस्त, 2022, गुरुवार
यह पूजा देवी शीतला को समर्पित है। पश्चिमी भारत में इस पूजा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
काली जयंती, 18 अगस्त, 2022, गुरुवार
काली जयंती पर मां काली की पूजा की जाती है। माता प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं।
जनमाष्टामि, 19 अगस्त, 2022, शुक्रवार
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जनमाष्टामि का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ है। देश भर में यह त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है। कृष्ण मंदिरों की सजवाट देखने लायक होती है, साथ ही इस दिन कई भव्य कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।
रोहिणी
व्रत,
20
अगस्त,
2022,शनिवार
जैन समुदाय की महिलाएं रोहिणी व्रत सुखी वैवाहिक जीवन और पति की लंबी आयु के लिए रखती है। यह व्रत पुरुष भी रखते हैं। इस दिन व्रत रखने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
अजा एकादशी व्रत, 23 अगस्त, 2022, मंगलवार
भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी कहा जाता है। अजा एकादशी के व्रत और पूजा से अध्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है।
पिठोरी व्रत, 26 अगस्त, 2022, शुक्रवार
श्रावण की अमावस्या को पिठोरी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन 64 आटे के पिंड से देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि माता के आशीर्वाद से मृत संतान भी जीवित हो सकती है। स्त्रियां इस दिन पूरे श्रद्धा भाव से व्रत रखती हैं और पूजा करती हैं।
पोला, 27 अगस्त, 2022, शनिवार
यह पर्व विशेष रूप से छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र में मनाया जाता है। पोला के दिन लोग पशुओं की पूजा करते हैं, विशेष रूप से इस दिन बैल की पूजा की जाती है।
वराह जयंती, 30 अगस्त, 2022, मंगलवार
वराह जयंती के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। वराह अवतार भगवान विष्णु का तीसर अवतार माना जाता है। हिरण्याक्ष नामक दैत्य का संहार करने हेतु भगवान विष्णु ने सतयुग में विष्णु जी ने यह अवतार लिया था।
हरतालिकौ तीज, 30 अगस्त, 2022, मंगलवार
तीज के तीनों व्रतों में हरतालिका तीज को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। सुहागिन औरतें सोलाह श्रृंगार करके भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की पूजा करती हैं। कहा जाता है जो भी स्त्री सच्चे मन से व्रत और पूजा करती है उसे अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है। कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर के लिए व्रत और पूजा करती हैं।
स्वर्ण गौरी व्रत, 30 अगस्त, 2022, मंगलवार
यह पर्व देवी पार्वती को समर्पित है। इस दिन पार्वती जी की पूजा होती है। कहते हैं देवी पार्वती अपने मायके जाती हैं और उन्हें कैलाश वापस लेने उनके पुत्र गणेश जी जाते हैं।
गणेश चतुर्थी, 31 अगस्त, 2022, बुधवार
हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है। महाराष्ट्र में यह त्योहार पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करते हैं और पूरे विधि विधान के साथ उनकी पूजा करते हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन बड़े ही धूमधाम से विसर्जन किया जाता है।