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आप जानते हैं गणेश जी के शरीर का रंग हरा और लाल है, जानें गणेश जी से जुड़े दिलचस्प तथ्य

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भगवान शिव और मां पार्वती की संतान भगवान गणेश का स्‍वरूप अद्भुत है। उनकी नाक हाथी की सूंड की तरह और बड़े-बड़े कान हैं। भगवान गणेश को सफलता एवं मुसीबतों तथा दुश्‍मनों का संहारक माना जाता है। उन्‍हें शिक्षा, ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि का कारक भी माना जाता है। यहां तक कि भगवान गणेश को हिंदू धर्म के पांच प्रमुख देवी-देवताओं (ब्रह्म, विष्‍णु, महेश और मां दुर्गा) में गिना जाता है। इनकी पंचयत्‍न पूजा की जाती है।

Surprising and interesting facts About Lord Ganesh

शिव पुराण के अनुसार मां पार्वती की सहेली जया और विजया ने गणेश जी को बनाने का सुझाव दिया था। उन्‍होंने मां पार्वती को कहा कि नंदी और अन्‍य भक्‍त केवल महादेव के ही आदेश का पालन करते हैं इसलिए कोई तो ऐसा होना चाहिए जो केवल उनकी बात सुने। इसलिए मां पार्वती ने अपने शरीर के मैल से भगवान गणेश का निर्माण किया था। आज इस लेख के माध्यम से जानते हैं भगवान गणेश से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में।

भगवान गणेश का रंग

भगवान गणेश का रंग

शिव महापुराण के अनुसार भगवान गणेश के शरीर का रंग हरा और लाल है।

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पुण्‍यक व्रत

पुण्‍यक व्रत

ब्रह्मवर्ती पुराण के अनुसार पुत्र की प्राप्‍ति के लिए मां पार्वती ने पुण्‍यक व्रत रखा था। इसी व्रत के फलस्‍वरूप भगवान कृष्‍ण ने मां पार्वती के यहां पुत्र के रूप में जन्‍म लिया था।

गणेश और शनि देव

गणेश और शनि देव

ब्रह्मवावर्त पुराण के अनुसार जब सभी देवी-देवता भगवान गणेश को अपना आशीर्वाद दे रहे थे तब शनि देव उनसे मुंह फेरकर खड़े थे। जब मां पार्वती ने शनि देव से उनके इस कृत्‍य का कारण पूछा तो उन्‍होंने कहा कि अगर उनकी सीधी दृष्टि गणेश जी पर पड़ गई तो उनका सिर धड़ से अलग हो जाएगा। लेकिन मां पार्वती ने उनकी एक बात नहीं मानी और उन्‍हें गणेश जी की ओर देखकर आशीर्वाद देने को कहा। इस वजह से गणेश का सिर उनके धड़ से अलग हुआ था।

हाथी के बच्‍चे का लगा सिर

हाथी के बच्‍चे का लगा सिर

ब्रह्मवावर्त पुराण की मानें तो शनि देव की सीधी दृष्टि गणेश जी पर पड़ने के दौरान उनका सिर धड़ से अलग हो गया था। तब भगवान श्री हरि ने अपने गरुड़ पर सवार होकर उत्तर दिशा की ओर पुष्‍पभद्रा नदी के पास एक हथिनी के पास सो रहे उसके शिशु का सिर लाकर भगवान गणेश के सिर पर लगाया और उन्‍हें नया जीवनदान दिया।

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भगवान शिव और सूर्य देव

भगवान शिव और सूर्य देव

ब्रह्मवावर्त पुराण के अनुसार भगवान शिव ने क्रोध में आकर त्रिशूल से सूर्य देव पर प्रहार किया था। तब सूर्य देव के पिता ने क्रोधित होकर भगवान शिव को ये श्राप दिया था कि एक दिन उनके बेटे का सिर भी उसके शरीर से अलग हो जाएगा।

तुलसी का गणेश को श्राप

तुलसी का गणेश को श्राप

ब्रह्मवावर्त पुराण में ये बात कही गई है कि एक दिन तुलसी देवी गंगा के किनारे बैठी थीं। उस समय भगवान गणेश वहीं पर ध्‍यान कर रहे थे। तुलसी देवी ने भगवान गणेश के सामने विवाह का प्रस्‍ताव रखा लेकिन उन्‍होंने अस्‍वीकार कर दिया। तब तुलसी ने उन्‍हें श्राप दिया कि जल्‍द की उनका विवाह होगा और इसके बदले में गणेश जी ने तुलसी को पौधा बन जाने का श्राप दिया था।

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भगवान गणेश का परिवार

भगवान गणेश का परिवार

शिव महा पुराण के अनुसार गणेश जी का विवाह ऋद्धि और सिद्धि से हुआ था और उनके दो पुत्र हैं शुभ और लाभ।

त्रिपुर संहार

त्रिपुर संहार

शिव महापुराण के अनुसार‍ जब परशुराम जी भगवान शिव से मिलने कैलाश गए थे तब भगवान शिव ध्‍यान मग्‍न थे। उस समय भगवान गणेश ने परशुराम जी को शिव जी से मिलने से मना कर दिया था। तब क्रोध में आकर परशुराम जी ने भगवान शिव के दिए शस्‍त्र से ही भगवान गणेश पर आक्रमण कर दिया था। गणेश जी ने अपने पिता द्वारा दिए गए शस्‍त्र के सम्‍मान में उस प्रहार को अपने दांतों पर ले लिया था जिस वजह से उनका एक दांत टूट गया था। तभी से उन्‍हें एकदंत के नाम से जाना जाता है।

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गणेश और महाभारत

गणेश और महाभारत

महान ग्रंथ महाभारत को भगवान गणेश ने लिखा था।

English summary

Ganesh Chaturthi: Surprising and interesting facts About Lord Ganesh

There are many such myths about the Lord Ganesha- out of which few are well known, others not so much. Here are some unknown facts about Ganesha.
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