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हनुमान भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है हनुमान जयंती, जानें किस दिन मनाया जाएगा ये बड़ा पर्व
हिंदू धर्म के मानने वालों के लिए श्री हनुमान जन्मोत्सव या हनुमान जयंती बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है। यह दिन राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। बजरंगबली का जन्मोत्सव चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। हनुमान जयंती के शुभ दिन पर जो व्यक्ति बजरंगबली की विधिवत पूजा तथा पाठ करता है उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। जानते हैं इस वर्ष हनुमान जयंती किस दिन मनाया जाएगा।
हनुमान जयंती की तिथि और मुहूर्त
हनुमान जयंती तिथि- बुधवार, 8 अप्रैल 2020
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 12:00 (7 अप्रैल 2020)
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 08:03 (8 अप्रैल 2020)
संकट मोचन हनुमान जी हैं भगवान शिव के अवतार
बजरंगबली को शंकर भगवान का 11वां रूद्र अवतार माना जाता है। पुराणों में उनके जन्म का उल्लेख मिलता है। देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था जिसमें से निकले अमृत को असुरों ने छीन लिया। अमृत का कलश वापस पाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया था। मोहिनी के उस रूप को देखकर स्वयं भगवान शिव भी कामातुर हो गए थे। भगवान शिव ने जिस वीर्य का त्याग किया था उसे पवनदेव ने वानरराज केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया। इसके परिणामस्वरूप माता अंजना के घर बजरंगबली का जन्म हुआ।
हनुमान जयंती व्रत तथा पूजा विधि
हनुमान जयंती के दिन व्रत रखने वाले जातकों को कुछ नियमों का पालन करना होता है। व्रत की पूर्व रात्रि से ही ब्रह्मचर्य का पालन करें। यदि संभव हो तो फर्श पर सोएं। आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर प्रभु श्री राम, सीता मैया और हनुमान जी का स्मरण करें। स्नानादि कार्य से निवृत हो जाएं। अब हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें और उसकी विधिवत पूजा करें। हनुमान चालीसा के साथ बजरंग बाण का पाठ करें। आप पूजा के समय "ॐ हनु हनुमते नमो नमः, श्री हनुमते नमो नमः" मंत्र का जप करें।
भोग एवं पूजा सामग्री
आप प्रसाद के रूप में गुड़, भीगे या भुने चने, बेसन के लड्डू पवनसुत हनुमान को चढ़ा सकते हैं।
पूजा के लिए सिंदूर, केसर युक्त चंदन, अगरबत्ती, धुप, दीप जलाने के लिए शुद्ध घी या चमेली के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है। आप बजरंगबली की पूजा में गेंदा, सूरजमुखी, गुलाब आदि लाल या पीले फूल अर्पित कर सकते हैं।