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Hanuman Jayanti Upvas Vidhi: कलयुग के देवता हैं हनुमान, उनके आशीर्वाद के लिए इस विधि से करें उपवास

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हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र साल का पहला महिना होता है। इस हिसाब से चैत्र पूर्णिमा साल की पहली पूर्णिमा होती है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था। इस वजह से चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि की महत्ता बढ़ जाती है और यह दिन हनुमान जयंती के रूप में जाना जाता है। पूरे देश में ये दिन बड़े ही उल्लास और उत्साह से मनाया जाता है। इस दिन जातक हनुमान जी की कृपा पाने के लिए उपवास रखते हैं और पूरे विधि विधान से उनकी पूजा करते हैं। हनुमान जयंती के दिन प्रभु श्री राम और माता सीता का आशीर्वाद भी लिया जाता है। इस लेख के माध्यम से जानते हैं हनुमान जयंती के व्रत की पूर्ण तथा सरल विधि के बारे में।

हनुमान जयंती पर भोग

हनुमान जयंती पर भोग

हनुमान जयंती के मौके पर आप प्रसाद के तौर पर बूंदी, चूरमा, मालपुआ, लड्डू, केला, अमरूद आदि का भोग चढ़ा सकते हैं।

हनुमान जयंती की व्रत विधि

हनुमान जयंती की व्रत विधि

जो जातक हनुमान जयंती का व्रत रखना चाहते हैं वो एक रात पूर्व फर्श पर सोएं। सोने से पूर्व भगवान श्री राम, सीता माता और हनुमान जी का स्मरण करें। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।

हनुमान जयंती के दिन सुबह जल्दी उठें और सबसे पहले राम-सीता एवं हनुमानजी को याद करें।

इसके बाद स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। स्वयं साफ़ वस्त्र पहनें। घर के पूजा घर को स्वच्छ कर लें।

अब हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प लें। अब पूर्व दिशा में हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित करें। उनके समक्ष दीप प्रज्वलित करें। उन्हें सिंदूर व लाल चोला चढ़ाएं। फूलों की माला चढ़ाएं। उन्हें भोग लगाएं।

साफ़ मन से बजरंगबली की प्रार्थना करें। ध्यान रहे कि मन में कोई कुविचार न आए। इसके पश्चात षोडशोपचार की विधि-विधान से श्री हनुमानजी की आराधना करें।

हनुमानजी की पूजा में हनुमत कवच मंत्र का जाप अवश्य करें। इस दिन कवच मंत्र का जाप तुरंत फलदायी होता है। इससे उनका आशीर्वाद मिलता है।

इस कवच का मूल मंत्र है-

'ॐ श्री हनुमंते नम:', जिसके 'हं हनुमंते नम:' का पाठ भी जरुर करें।

शनि और मंगल की कृपा

शनि और मंगल की कृपा

इस दिन बजरंगबली की श्रद्धापूर्वक आराधना करने से शनि दोष जैसे शनि की साढ़ेसाती व ढैया से मुक्ति मिलती है। इतना ही नहीं, हनुमान जी की कृपा पाने वाले व्यक्ति पर मंगल भी अपनी कुदृष्टि नहीं डाल पाता है।

English summary

Hanuman Jayanti Upvas Vidhi, Hanuman Jayanti Ki Vrat Vidhi in Hindi

Know the details of Hanuman Jayanti vrat vidhi in Hindi.
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