Just In
- 18 min ago ब्लेजर से लेकर बोट नेकलाइन ब्लाउज तक, अदिती राव हैदरी के ब्लाउज डिजाइन हैं सबसे हटके
- 1 hr ago World Malaria Day 2024 : मलेरिया होने पर जल्दी रिकवरी के लिए मरीज को क्या खिलाएं और क्या नहीं?
- 3 hrs ago Personality Test: पैरों का आकार बताता है कई राज, जानें अपनी पर्सनालिटी से जुड़ी ये ख़ास बात
- 3 hrs ago क्या होता है स्मोक्ड बिस्किट? जिसे खाने के बाद कर्नाटक में एक बच्चे की बिगड़ गई तबीयत
Don't Miss
- Movies एक गाने से रातों-रात छा गई थी ये सिंगर, 59 साल की उम्र में लाइमलाइट से हैं दूर, बदला पूरा लुक
- News MP Board 10th-12th Result: बोर्ड का रिजल्ट घोषित, 10वीं में अनुष्का अग्रवाल; 12वीं में जयंत यादव ने किया टॉप
- Education MP Board HSC Result 2024 Declared: एमपी बोर्ड 10वीं रिजल्ट बेहद निराशाजनक, कुल 58% छात्रों ने पास की परीक्षा
- Finance CGHS कार्ड होल्डर्स के लिए खुशखबरी, अब Aiims में भी मिलेगा कैशलेश ट्रीटमेंट
- Technology डेटा खपत के मामले में Reliance Jio ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, चीन की दिग्गज कंपनी को छोड़ा पीछे
- Automobiles भारत में लॉन्च हुई Ultraviolette F77 Mach 2 इलेक्ट्रिक बाइक, मिलेगी 323KM की रेंज, जानें कीमत
- Travel केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर यात्रा बुकिंग हो गयी है Open, जानिए किराया
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
'गोविंदा आला रे' की गूंज इस साल रहेगी कम, मगर दही हांडी पर्व का उत्सव है खास
देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। यह त्योहार भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। दुनियाभर में मौजूद कान्हा के भक्तों के लिए ये दिन बेहद खास होता है। हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाता है।
इसके अगले दिन भारत के अलग अलग हिस्सों में दही हांडी उत्सव का आयोजन किया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण की माखन चुराने वाली लीलाओं को जीवंत करने के लिए ये उत्सव रखा जाता है।
साल 2020 में दही हांडी मुहूर्त
हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 11 अगस्त को सुबह 09 बजकर 06 मिनट से हुआ है और यह 12 अगस्त को दिन में 11 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। दही हांडी का खेल अष्टमी के अगले दिन आयोजित किया जाता है। इस हिसाब से साल 2020 में दही हांडी का उत्सव 12 अगस्त, बुधवार के दिन मनाया जाएगा।
दही हांडी का अर्थ
इस उत्सव में मिट्टी की हांडी का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें दही या छाछ भरकर ऊंचाई पर रस्सी की सहायता से लटका दिया जाता है। दही और हांडी के इस्तेमाल के कारण ही इस पर्व का नाम दही हांडी उत्सव रखा गया है। बच्चों और नौजवानों का दल मानव पिरामिड बनाकर उस हांड़ी तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। सबसे पहले इस हांडी तक पहुंचने वाले दल को विजयी घोषित किया जाता है।
दही हांडी उत्सव का महत्व
भगवान श्री कृष्ण की बाल कथाओं से पता चलता है कि उन्हें दूध, दही, माखन से कितना प्रेम था। वो दही-माखन चुराने से भी पीछे नहीं हटते थे। नंद लाला गोपियों के घर अपने सखा-मित्रों की टोली लेकर पहुंच जाते थे। इनके डर से ही गोपियां माखन और छाछ के बर्तन उंचाई पर रखती थीं। मगर कान्हा के हाथों से माखन की मटकी कैसे बच सकती है। वो एक एक करके अपने मित्रों के कंधों पर चढ़ते हुए मटके तक पहुंच जाते थे और उसमें रखा अनमोल खजाना अपने दोस्तों के साथ बांटकर चट कर जाते थे। उनकी इसी बाल लीला के आधार पर दही हांडी उत्सव का आयोजन आज भी किया जाता है।