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इस तारीख को रखा जाएगा हरतालिका तीज का व्रत, जानें पूजा विधि और महत्व
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है। शास्त्रों के मुताबिक हरतालिका तीज को सभी तीज व्रत में बड़ा माना गया है। विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हरतालिका तीज का व्रत करती हैं। इसे भाग्य में वृद्धि करने वाला व्रत बताया गया है। कई कुंवारी कन्याएं भी मनपसंद जीवनसाथी की कामना पूर्ति के लिए ये व्रत करती हैं। जानते हैं इस साल हरतालिका तीज किस दिन है और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।
हरतालिका तीज की तिथि व पूजा मुहूर्त
इस साल यह व्रत 21 अगस्त को है। हरतालिका तीज की पूजा सुबह 5.54 से 8.30 तक कर सकते हैं। 21 अगस्त को तृतीया तिथि रात 11:03 बजे तक है, इसके बाद चतुर्थी लग जाएगी। सिद्ध योग दोपहर 02:01 बजे तक है। वहीं सुबह 10.54 से 12.29 तक राहुकाल रहेगा।
हरतालिका तीज पूजा विधि
हरतालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। नियम के अनुसार यह माना जाता है कि हरतालिका तीज प्रदोषकाल में किया जाता है। पूजन के लिए मिट्टी से भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती और गणेश भगवान की प्रतिमा बनाकर पूजा करनी चाहिए। पूजा की दौरान सुहाग की सभी वस्तुओं को पूजा स्थल पर रखा जाता है। इसके बाद सुहाग की इन वस्तुओं को पार्वतीजी को अर्पित करें। रात के समय में भजन, कीर्तन करते हुए जागरण किया जाता है। शिव पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है। इस व्रत में सोना निषेध होता है। इस कारण हरतालिका तीज का व्रत करवाचौथ व्रत से भी कठोर माना जाता है।
हरतालिका तीज व्रत का महत्व
सर्वप्रथम हरतालिका तीज का व्रत माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था। ऐसी मान्यता है कि जो महिलाएं इस दिन पूरे विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा से इस व्रत को करती है, उसे अपना मनपसंद जीवनसाथी मिलता है। दांपत्य जीवन में खुशहाली बनाए रखने के लिए भी महिलाएं ये व्रत करती हैं। यह पर्व खासतौर से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड और राजस्थान में मनाया जाता है। इस दिन मेहंदी लगाने और झुला-झूलने की प्रथा भी है। इस व्रत से जुड़ी यह मान्यता भी है कि इस व्रत को करने वाली स्त्रियां माता पार्वती की ही भांति सुखपूर्वक पति का साथ निभाकर शिवलोक को जाती हैं।