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Indira Ekadashi 2022 : जानिए कब है इंदिरा एकादशी और क्या है इसका महत्व

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साल 2022 में इंदिरा एकादशी का व्रत 21 सितंबर बुधवार को रखा जाएगा। एकादशी तिथि 20 सितंबर को रात्रि 09 बजकर 26 मिनट से लेकर 21 सितंबर को रात 11 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। उदिया तिथि के कारण इंदिरा एकादशी का व्रत 21 सितंबर को ही रखा जाएगा। आप व्रत का पारण 22 सितंबर को कर सकते हैं।

इंदिरा एकादशी पूजन विधि

इंदिरा एकादशी पूजन विधि

इंदिरा एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद आप सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप की पूजा की जाती है। भगवान शालिग्राम को आप पीले फूल, पंचामृत और तुलसी अर्पित करें। फल-फूल आदि भी चढ़ाएं। भगवान का ध्यान करें और और मंत्रों का जाप करें। इस दिन गाय की सेवा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप फलाहार का भी दान करें। पारण के दिन आप जरूरतमंद लोगों को दान करें और उन्हें भोजन कराएं। इससे आपकी पूजा और व्रत सफल होंगे साथ ही आपको ईश्वर के साथ पितरों का भी आशीर्वाद मिलेगा।

भूलकर भी ना करें यह काम

भूलकर भी ना करें यह काम

अगर आप एकादशी का व्रत रखते हैं तो आपको कुछ जरूरी बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। इस दिन घर में लहसुन प्याज से बनी चीजें न पकाएं। साफ-सुथरे वस्त्र पहने काले या नीले रंग के वस्त्र से परहेज करें। घर का माहौल शांत रखें। झगड़े झंझट से दूर रहें, साथ ही आपको झूठ बोलने से भी बचना चाहिए। एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा पालक, बैंगन और मसूर की दाल खाने से भी परहेज करें।

इंदिरा एकादशी व्रत कथा

इंदिरा एकादशी व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार महिष्मति नामक राज्य के राजा का नाम इंद्रसेन था। मृत्यु के बाद उनके पिता यमलोक में थे एक बार नारद मुनि से उन्होंने अपने बेटे को संदेश भिजवाया कि पिछले जन्म की किसी गलती की वजह से उन्हें यमलोक से मुक्ति नहीं मिल पा रही है, इसलिए उनके पुत्र इंद्रसेन को इंदिरा एकादशी के दिन व्रत और पूजा करनी होगी। तब नारद जी ने जाकर यह संदेश राजा इंद्रसेन को दिया। राजा ने नारदजी से इंदिरा एकादशी के व्रत और पूजा की विधि जानकर सच्चे मन से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की और व्रत रखा। बाद में उनके पिता को मोक्ष की प्राप्ति हुई और राजा इंद्रसेन को भी मृत्यु के बाद बैकुंठ धाम में स्थान मिला।

इंदिरा एकादशी का महत्व

इंदिरा एकादशी का महत्व

इंदिरा एकादशी पितृपक्ष में पड़ती है, इसलिए किसी कारणवश अगर आप अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर्म नहीं कर पा रहे हैं तो इस दिन आप व्रत और पूजा अवश्य करें। इससे श्राद्ध के समान पुण्य की प्राप्ति होती है, साथ ही पूर्वजों को मोक्ष भी मिलता है। साथ ही पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। इस दिन विष्णु जी के साथ लक्ष्मी जी की भी पूजा की जाती है। उनके आशीर्वाद से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन सुखी रहता है।

English summary

Indira Ekadashi 2022: date, muhurat, Puja vidhi, significance in Hindi

Indira Ekadashi falls on the 11th day of Krishna Paksha in the Ashwin month. As it falls on Pitru Paksha, it has a special significance. People observe fast on this day for their ancestors and salvation after death.
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