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स्वामी विवेकानंद जैसा शिष्य देने वाले स्वामी रामकृष्ण परमहंस की जयंती पर जरूर जानें उनके विचार

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भारत की धरती ने ऐसे महान सपूतों को जन्म दिया है जिनके कर्मों से देश की मिट्टी पावन हुई। उन्हीं में से एक हैं रामकृष्ण परमहंस। रामकृष्ण परमहंस की हस्ती किसी परिचय की मोहताज नहीं है। रामकृष्ण परमहंस भारत के बहुत ही प्रसिद्ध संतों में से एक हैं। स्वामी विवेकानंद जी इनके विचारों से इतने अधिक प्रभावित हुए कि उन्होंने परमहंस जी को अपना गुरू बना लिया।

रामकृष्ण परमहंस का जन्म पश्चिम बंगाल के कामारपुर नामकर गांव में हुआ। इनके पिता का नाम खुदीराम और माता का नाम चंद्रमणि था। बचपन से ही इनका रुझान आध्यात्मिकता की ओर था। वह एक महान योगी और उच्च कोटि के विचारक थे। रामकृष्ण परमहंस ने अपना पूरा जीवनकाल लोगों को मानवता का पाठ सिखाने में ही व्यतीत कर दिया।

देशभर में रामकृष्ण परमहंस जी की जयंती मनाई जाती है। इस मौके पर हर भारतीय को उनके विचारों के बारे में जरूर जानना चाहिए।

बिना सत्य बोले तो भगवान को प्राप्त ही नहीं किया जा सकता, क्योंकि सत्य ही भगवान हैं।

बिना सत्य बोले तो भगवान को प्राप्त ही नहीं किया जा सकता, क्योंकि सत्य ही भगवान हैं।

-रामकृष्ण परमहंस

अनुभव एक कठिन शिक्षक है वह पहले परीक्षा लेती है और बाद में सबक देती है।

अनुभव एक कठिन शिक्षक है वह पहले परीक्षा लेती है और बाद में सबक देती है।

-रामकृष्ण परमहंस

नाव को हमेशा जल में ही रहना चाहिए जबकि जल को कभी भी नाव में नही होना चाहिए। ठीक उसी प्रकार भक्ति करने वाले इस दुनिया में रहे लेकिन जो भक्ति करे उसके मन में सांसारिक मोहमाया नहीं होना चाहिए।

नाव को हमेशा जल में ही रहना चाहिए जबकि जल को कभी भी नाव में नही होना चाहिए। ठीक उसी प्रकार भक्ति करने वाले इस दुनिया में रहे लेकिन जो भक्ति करे उसके मन में सांसारिक मोहमाया नहीं होना चाहिए।

-रामकृष्ण परमहंस

यदि आप पागल ही बनना चाहते हैं तो सांसारिक वस्तुओं के लिए मत बनो, बल्कि भगवान के प्यार में पागल बनो।

यदि आप पागल ही बनना चाहते हैं तो सांसारिक वस्तुओं के लिए मत बनो, बल्कि भगवान के प्यार में पागल बनो।

-रामकृष्ण परमहंस

जब फूल खिलता है तो मधुमक्खी बिना बुलाये आ जाती है और हम जब प्रसिद्ध होंगे तो लोग बिना बताये हमारा गुणगान करने लगेंगे।

जब फूल खिलता है तो मधुमक्खी बिना बुलाये आ जाती है और हम जब प्रसिद्ध होंगे तो लोग बिना बताये हमारा गुणगान करने लगेंगे।

-रामकृष्ण परमहंस

जब हवा चलने लगी तो पंखा छोड़ देना चाहिए पर जब ईश्वर की कृपा दृष्टि होने लगे तो प्रार्थना तपस्या नहीं छोड़नी चाहिए।

जब हवा चलने लगी तो पंखा छोड़ देना चाहिए पर जब ईश्वर की कृपा दृष्टि होने लगे तो प्रार्थना तपस्या नहीं छोड़नी चाहिए।

-रामकृष्ण परमहंस

यदि हम कर्म करते हैं तो अपने कर्म के प्रति भक्ति का भा होना परम आवश्यक है तभी वह कर्म सार्थक हो सकता है।

यदि हम कर्म करते हैं तो अपने कर्म के प्रति भक्ति का भा होना परम आवश्यक है तभी वह कर्म सार्थक हो सकता है।

-रामकृष्ण परमहंस

दुनिया के हर तीर्थ धाम कर ले भी तो हमें सुकून नहीं मिलेगा जबतक हम अपने मन में शांति न खोजें।

दुनिया के हर तीर्थ धाम कर ले भी तो हमें सुकून नहीं मिलेगा जबतक हम अपने मन में शांति न खोजें।

-रामकृष्ण परमहंस

जीवन का विश्लेषण करना रोक दो। यह जीवन को और जटिल बनाएगी। अपना जीवन जियो।

जीवन का विश्लेषण करना रोक दो। यह जीवन को और जटिल बनाएगी। अपना जीवन जियो।

-रामकृष्ण परमहंस

English summary

Inspirational Quotes by Ramakrishna Paramahamsa in Hindi

Ramakrishna Paramahamsa Jayanti 2022 is on 4th March. Inspirational Quotes by Ramakrishna Paramahamsa in Hindi
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