Just In
- 28 min ago Amalaki Ekadashi 2024: रंगभरी एकादशी के दिन किन कामों की है मनाही, जानें किन कार्यों से होगी श्रीहरि कृपा
- 2 hrs ago Jaya Kishori Quotes: जीवन को सुखद और सरल बनाने के लिए जरूर जानें जया किशोरी के विचार
- 4 hrs ago Chandra Grahan 2024 Rashifal: साल का पहला चंद्र ग्रहण इन 5 राशियों के लिए रहेगा बेहद सौभाग्यशाली
- 5 hrs ago Pushya Nakshatra 2024: रंगभरी एकादशी के दिन पुष्य नक्षत्र का महाशुभ योग, नोट करें खरीदारी का शुभ मुहूर्त
Don't Miss
- Movies Shaitaan BOC Day 11: शैतान बॉक्स ऑफिस पर कर रही है बंपर कलेक्शन, 11वें दिन इतने का किया बिजनेस
- News MP News: कोटा में नीट की तैयारी कर रही शिवपुरी की छात्रा को बंधक बनाकर बदमाशों ने की 30 लाख रुपए की मांग
- Finance Aaj Sone Ka Bhav: ऊपरी स्तर से सोने का रेट धड़ाम, जानिए आज कितना सस्ता हुआ
- Automobiles क्या आपने कभी सोचा है, ट्रेन चलने से पहले झटका क्यों देती है? जानिए वजह
- Technology Infinix Note 40 सीरीज 108MP कैमरा के साथ ग्लोबली लॉन्च, इस दिन से शुरू हो रही सेल, जानें कीमत
- Education SEBI Recruitment 2024 सहायक प्रबंधक रिक्तियों के लिए आवेदन 13 अप्रैल से, सैलरी 1,49,000 रु प्रतिमाह
- Travel रमज़ान 2024 : इफ्तारी नहीं, हैदराबाद में ये हैं सेहरी के लिए बेस्ट जगहें, जरूर Try करें
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
Kajari Teej 2021: अखंड सौभाग्य के लिए हर सुहागिन करती है ये व्रत, जान लें तिथि, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
सुहागिन महिलाओं के लिए कजरी तीज का बड़ा महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज का व्रत रखा जाता है। कजरी तीज को बूढ़ी तीज, कजली तीज, सतूड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। विवाहित महिलाओं के लिए ये दिन खास है। इस दिन वो निर्जला व्रत करती हैं और अपने अखंड सौभाग्य, सुखद वैवाहिक जीवन और संतान प्राप्ति की कामना करती हैं। वहीं अविवाहित कन्याएं मनपसंद जीवनसाथी के लिए ये व्रत करती हैं। जानते हैं साल 2021 में कजरी तीज का व्रत किस दिन रखा जाएगा और इस व्रत का महत्व क्या है।
कजरी तीज किस दिन मनाया जायेगा?
इस साल कजरी तीज का व्रत 25 अगस्त को बुधवार के दिन रखा जाएगा।
तृतीया तिथि प्रारम्भ: अगस्त 24, 2021 को शाम 04:04 बजे से
तृतीया तिथि समाप्त: अगस्त 25, 2021 को शाम 04:18 बजे तक।
कजरी तीज का महत्व
सावन महीने के बाद भादो महीना आता है। श्रावण मास में त्योहारों का सिलसिला जो शुरू होता है वो भादो महीने में भी जारी रहता है। चिलचिलाती गर्मी के बाद लोग तीज-त्योहारों के साथ मानसून का स्वागत करते हैं। हरियाली तीज के बाद कजरी तीज की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। इस दिन महिलाएं देवी पार्वती का पूजन करती हैं। माता पार्वती की कड़ी तपस्या के बाद ही उन्हें भगवान भोलेनाथ पति स्वरूप में मिले थे और उनका विवाह सफल हुआ। इस व्रत को करने वाली औरतें भी अपने सुखद वैवाहिक जीवन की कामनापूर्ति के लिए कजरी तीज का व्रत करती हैं।
जानें कजरी तीज व्रत की पूजन विधि
कजरी तीज का व्रत करने वाली महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। इस दिन साफ़ वस्त्र पहनें और घर के पूजा घर को शुद्ध कर लें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। कजरी तीज के दिन नीमड़ी माता का पूजन किया जाता है। ये पार्वती मां का ही रूप मानी जाती हैं। इस दिन मां को भोग लगाने के लिए मालपुआ बनाएं। आप पूजा करने के लिए मिट्टी अथवा गाय के गोबर से तालाब बना लें। इसमें नीम की टहनी रखें और उसे ऊपर से लाल चुनरी पहनाकर नीमड़ी माता की स्थापना करें।
इस दिन निर्जल व्रत रखें और स्वयं भी सोलह श्रृंगार करें। नीमड़ी मां की पूजा में उन्हें श्रृंगार की वस्तुएं ही चढ़ाएं। आप उन्हें हल्दी, मेहंदी, सिंदूर, लाल चुनरी, चूड़ियां, सत्तू और मालपुआ अर्पित करें। इस चंद्रमा के दर्शन करें और उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही अपने पति के हाथ से जल पीकर व्रत का पारण करें। इस व्रत को करने से सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।