Just In
- 43 min ago Eggs Freeze कराएंगी मृणाल ठाकुर, कौन और कब करवा सकता है एग फ्रीज जानें यहां
- 2 hrs ago प्रेग्नेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज होना नॉर्मल है या मिसकैरेज की तरफ इशारा, जानें यहां
- 3 hrs ago सफेद कपड़ों पर पड़ गए है पीले दाग, तो लांड्री में बेकिंग सोडा का यूं करें इस्तेमाल
- 3 hrs ago DIY Mosquito Repellent : मच्छरों के काटने से बच्चे का हो गया बुरा हाल, बचाने के लिए करें ये काम
Don't Miss
- News ऊधमसिंहनगर के बाजपुर मंडी में मार्केटिंग इंस्पेक्टर को 50 हजार की रिश्वत लेते विजिलेंस ने दबोचा, सामने आई वजह
- Technology Nothing Phone 1 में मिलेगा AI सपोर्ट, ChatGPT का इस्तेमाल होगा आसान
- Travel 5 दिनों तक पर्यटकों के लिए बंद रहेगा शिमला का 'द रिट्रीट', क्या है यह और क्यों रहेगा बंद?
- Movies दुल्हन बनीं टॉप एक्ट्रेस ने मंडप में किया लिप-लॉक, पिंक-पेस्टल के जमाने में सुर्ख जोड़े में ढाया कहर
- Automobiles करोड़ों की संपत्ति का मालिक, लग्जरी कारों का कलेक्शन, फिर भी Maruti की इस कार में चलते दिखे Rohit Sharma
- Finance गोल्ड किस रेट पर कर रहा है शाम को कारोबार, जानिए सुबह से शाम तक क्या रहा गोल्ड का हाल
- Education CCS यूनिवर्सिटी ने जारी की जून सेमेस्टर के LLB और LLM की डेटशीट 2024, 18 मई से होंगे एग्जाम
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
कई बीमारियों से बचाता है जनेऊ, ये है इसे पहनने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
प्राचीनकाल में गुरुकुल में दीक्षा लेने या संन्यस्त होने के पहले जनेऊ धारण करना जरूरी होता था। जनेऊ के 3 सूत्रों को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना जाता है। हिंदू धर्म में जनेऊ संस्कार बेहद जरूरी होता है। इसे यज्ञोपवित संस्कार भी कहते हैं। कहते हैं विवाह तब तक पूरा नहीं होता है जब तक जनेऊ धारण न किया जाए। इसके अलावा कोई भी पूजा पाठ, यज्ञ आदि करने से पहले भी जनेऊ धारण करना चाहिए।
धार्मिक महत्व और वैज्ञानिक महत्व
जनेऊ सिर्फ धागा नहीं होता है, बल्कि इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी होता है। यदि कोई बालक जनेऊ पहनता है तो वह यज्ञ तथा स्वाध्याय कर सकता है। उसे गायत्री मंत्र की दीक्षा मिलती है। अगर इसके वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो इसे पहननें के बाद जातक को कई नियमों का पालन करना पड़ता है जैसे उसे साफ सफाई का खास ध्यान रखना होता है, यही वजह है कि वह कई बीमारियों से दूर रहता है। जनेऊ से हृदय रोग का खतरा भी कम होता है, क्योंकि इससे रक्त संचार सुचारू रूप से संचालित होता है।
तीन सूत्र में होते हैं त्रिमूर्ति
जनेऊ में मुख्य रूप से 3 धागे होते हैं जिन्हें देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण का प्रतिक माना जाता है। इसे पहनने से ब्रह्रमा, विष्णु, महेश तीनों का आशीर्वाद मिलता है।
कैसे पहनें जनेऊ
जनेऊ को बाएं कंधे के ऊपर और दाईं भुजा के नीचे पहना जाता है। यह बाएं कंधे के ऊपर रहना चाहिए।
जनेऊ पहनने के अनगिनत फायदे
जनेऊ एक पवित्र धागा होता है और इसे पहनने से बुरी शक्तियां हमारे पास नहीं आती। इसके अलावा बुरे सपने भी नहीं आते हैं। इससे याददाश्त अच्छी रहती है। साथ ही यह जातक को याद दिलाता है कि उसे बुरे कर्मों से बचना चाहिए।
इन नियमों का करें पालन
इस पवित्र धागे को धारण करने के बाद जातक को इसकी पवित्रता भंग करने से बचना चाहिए। इसके लिए मल मूत्र त्याग करते समय आप इसे दाएं कान के ऊपर चढ़ा लेना चाहिए। हाथों की अच्छी तरह से साफ करने के बाद ही आप इसे छुएं। यदि जनेऊ को साफ करना हो तो उससे शरीर से उतारे बिना ही उसकी सफाई करें। इसके अलावा यदि इसका का कोई धागा टूट जाता है तो उसकी जगह नया जनेऊ पहना सकता है। 6 महीने से ज्यादा एक जनेऊ नहीं पहनना चाहिए। यदि घर में किसी बच्चे का जन्म होता है या किसी की मृत्यु होती है तो सूतक लग जाता है। सूतक खत्म होने के बाद जातक को जनेऊ जरूर बदलना चाहिए।