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मोक्षदा एकादशी के व्रत से पूर्वजों को भी मिलता है मोक्ष, जान लें तिथि-मुहूर्त, महत्व व पूजा विधि

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हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह चल रहा है और इस माह के व्रत एवं त्यौहार जारी है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है जो भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना से संबंधित है। मोक्षदा एकादशी के दिन ही गीता जयंती भी मनाई जाती है। मोक्षदा एकादशी के दिन श्री विष्णु की विधिवत पूजा की जाती है, तो आइये जानते हैं इस साल मोक्षदा एकादशी की तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि के विषय में महत्वपूर्ण बातें।

तिथि एवं मुहूर्त

तिथि एवं मुहूर्त

पंचांग के अनुसार इस वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारम्भ 13 दिसंबर को रात 09:32 बजे से होगा और 14 दिसंबर की रात 11:35 बजे तक तिथि का समापन होगा। व्रत के लिए उदयातिथि ही मान्य होती है इसी कारण 14 दिसंबर, मंगलवार को ही मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

जो लोग मोक्षदा एकादशी का व्रत रखेंगे, उनको व्रत का पारण 15 दिसंबर को प्रात: 07 बजकर 06 मिनट से सुबह 09 बजकर 10 मिनट के बीच कर लेना होगा।

मोक्षदा एकादशी का महत्व

मोक्षदा एकादशी का महत्व

इस एकादशी का महत्व मोक्ष प्राप्ति के उद्देश्य से महत्वपूर्ण होता है। इस व्रत को विधिवत पूरा करके और सच्ची श्रद्धा से पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोक्षदा एकादशी के दिन अपने पितरों का तर्पण करके उनको भी मोक्ष दिलाया जाता है। मोक्षदा एकादशी का महत्व इस दिन पड़ने वाली गीता जयंती के कारण भी बढ़ जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने इसी दिन कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।

पूजन एवं व्रत विधि

पूजन एवं व्रत विधि

मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत धारक को सूर्योदय से पहले जागकर ब्रह्मा मुहूर्त में स्नानादि करना होता है। इसके बाद उगते सूर्य के दर्शन करके सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। फिर अपने घर के मंदिर की सफाई के बाद गंगाजल छिडकें। साथ ही, भगवान को गंगाजल से स्नान करवाकर रोली, चंदन, अक्षत, पीले फूल, पीली मिठाई आदि अर्पित करें। फूलों से श्रृंगार करने के बाद भगवान को भोग लगाएं। विष्णु भगवान को तुलसी के पत्ते भोग में अवश्य चढ़ाएं क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय होती है। इसके बाद भगवान गणेश जी की आरती करें और उसके बाद भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की आरती करें। अंत में प्रसाद का वितरण करें। एकादशी के व्रत से जुड़े कुछ विशेष नियम भी होते हैं जिनका पालन किया जाता है। उनमें प्रमुख है- चावल का सेवन ना करना, मांस, प्याज़ और लहसुन जैसी तामसिक चीज़ों से दूर रहना और शालीन व्यवहार का पालन करना।

English summary

Mokshada Ekadashi 2021: Date, Shubh Muhurat, Puja Vidhi and Importance in Hindi

Mokshada Ekadashi 2021 will be observed on Tuesday, December 14, 2021. Check out the other details in Hindi.
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