Just In
- 34 min ago Curd Benefits For Skin: रोजाना चेहरे पर दही मलने से पिग्मेंटेशन और मुंहासे की हो जाएगी छुट्टी, इस तरह लगाएं
- 2 hrs ago IPL 2024: कौन हैं क्रिकेटर केशव महाराज की स्टाइलिश वाइफ लेरिशा, इंडिया से हैं स्पेशल कनेक्शन
- 4 hrs ago 'हीट वेव' से बचाने के लिए चुनाव आयोग ने जारी की एडवाइजरी, सेफ रहने के लिए हाइड्रेड रहें और ये काम न करें
- 6 hrs ago तपती गर्मी में भी नहीं सूखेगा तुलसी का पौधा, बस अपनाएं ये छोटे-छोटे टिप्स
Don't Miss
- News चीन विरोधी ताकतों के लिए 'समुद्री जंक्शन' बना भारत, US-UK के लड़ाकू युद्धपोतों ने चेन्नई में क्यों डाले लंगर?
- Movies इस खूबसूरत एक्ट्रेस को देखते ही मर मिटते थे फैंस, गृहप्रवेश में उसी की सास ने मारने के लिए उठा ली थी चप्पल
- Travel खुल गया है लद्दाख पहुंचने का नया रास्ता, मनाली से लेह को जोड़ने वाला यह है सबसे छोटा रूट
- Technology 6000mAh बैटरी, 70W चार्जिंग के साथ TECNO POVA 6 Pro भारत में लॉन्च, जानें कीमत
- Finance 4 ETF Mutual Fund ने 3 साल में इन्वेस्टरों को दिया जबरदस्त रिटर्न
- Education एनआईओएस कक्षा 10वीं, 12वीं हॉल टिकट 2024 हुए जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड
- Automobiles Tesla को टक्कर देने के लिए Xiaomi ने लॉन्च की पहली इलेक्ट्रिक कार, सिंगल चार्ज में मिलेगी 810KM की रेंज
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
Nirjala Ekadashi 2022: ज्येष्ठ माह का महत्वपूर्ण व्रत है निर्जला एकादशी, ऐसे करें विष्णु जी को प्रसन्न
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तिथि को निर्जला एकादशी की पूजा और व्रत की जाती है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत बड़ा महत्व होता है। इस दिन विष्णु जी की पूजा की जाती है। वैसे तो साल में कुल 24 एकादशी होती है यानी महीने में कुल दो एकादशी पड़ती है। हर एकादशी का अपना एक अलग महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि निर्जला एकादशी के दिन जो भी भक्त विष्णु जी की पूजा के साथ व्रत रखता है, उसे अपने पापों से मुक्ति मिलती है और उसके जीवन में सुख शांति बनी रहती है।
हालांकि निर्जला एकादशी का व्रत बहुत ही कठिन होता है। जैसा की इस व्रत का नाम ही निर्जला है तो इसका अर्थ यह है कि व्रत रखने वाला व्यक्ति अन्न के साथ जल का सेवन भी नहीं कर सकता।
आइए जानते हैं इस बार कब है निर्जला एकादशी और इसकी पूजा की सही विधि के बारे में।
इस दिन करें पूजा और रखें व्रत
निर्जला एकादशी इस बार 10 जून शुक्रवार को पड़ेगी। इस दिन भक्त पूरे विधि विधान से व्रत और पूजा करेंगे। हालांकि द्वादशी तिथि का क्षय होने के कारण लोग एकादशी तिथि को लेकर असमंजस में है, लेकिन निर्जला एकादशी 10 जून को ही है।
निर्जला एकादशी की पूजा और पारण का शुभ मुहूर्त
10 जून को सुबह 7 बजकर 25 मिनट से एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी। इस बीच आप पूजा के साथ व्रत का संकल्प ले सकते हैं। 11 जून को सुबह 5 बजकर 45 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त हो जाएगी। 11 जून को 5 बजकर 49 मिनट से 8 बजकर 29 मिनट तक भक्त अपना व्रत खोल सकते हैं।
निर्जला एकादशी की पूजा की सही विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद आप स्नान आदि कर लें। इसके बाद पीले वस्त्र धारण करें। एकादशी के दिन पीला वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है। एकादशी पर विष्णु जी के साथ लक्ष्मी जी की भी पूजा की जाती है। पूजा के स्थान पर पीला वस्त्र बिछाकर विष्णु जी और लक्ष्मी जी की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें। इसके बाद वहां केले के पत्ते लगाएं। प्रसाद में आप भगवान को पीले फल, पंचामृत और आटे की पंजीरी का भोग लगाएं। पीले फूल चढ़ाएं। इसके अलावा भगवान को तुलसी का पत्ता अर्पित करना न भूलें। आप पंचामृत और आटे की पंजीरी में भी तुलसी का पत्ता जरूर डाल दें। अब विष्णु सहस्त्रानाम स्त्रोत का पाठ करें फिर विष्णु जी की आरती करें। कुछ लोग इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा करते और सुनते भी हैं।
सभी एकादशी व्रतों के बराबर निर्जला एकादशी
कहा जाता है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने से साल भर की सारी एकादशियों के व्रत के बराबर का फल मिलता है। इस एकादशी का व्रत बाकी सारी एकादशियों की तुलना में सबसे ज्यादा कठिन होता है, क्योंकि यह व्रत निर्जला होता है। हालांकि अगर किसी भक्त का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है तो वह फल के साथ जल भी ग्रहण कर सकता है।