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Papmochani Ekadashi 2021 : जानें समस्त पापों का नाश करने वाले इस व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का ख़ास महत्व है। हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि के दिन एकादशी का व्रत किया जाता है। इस तरह से साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। चैत्र महीने की एकादशी तिथि काफी महत्वपूर्ण बताई गई है। इसे पापमोचिनी एकादशी कहते हैं। इस दिन को पापों से मुक्त करने वाला माना गया है। जानते हैं इस साल पापमोचिनी एकादशी का व्रत किस दिन रखा जाएगा। साथ ही जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।
पापमोचिनी एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त
एकादशी प्रारंभ- 07 अप्रैल से मध्य रात्रि 02 बजकर 09 मिनट से।
एकादशी तिथि समाप्त- 08 अप्रैल की सुबह 02 बजकर 28 मिनट पर।
पारण का समय- 08 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से शाम 04 बजकर 11 मिनट तक।
हरि पूजा का समय- 08 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 40 मिनट पर।
पूजा विधि
पापमोचनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें। स्नान करके पूजाघर में जाएं और भगवान विष्णु को प्रणाम करने के बाद व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें। इस दिन भगवान को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करने चाहिए। इसके बाद 11 पीले फूल और 11 पीली मिठाइयां भगवान को अर्पित कर दें। भगवान विष्णु को पीला चंदन अर्पित कर उन्हें हल्दी में रंगा हुआ यज्ञोपवीत चढ़ाना चाहिए। इसके बाद आसन पर बैठकर भगवान विष्णु के मंत्रों और नाम का जाप करना चाहिए।
पापमोचिनी एकादशी का महत्व
इस एकादशी तिथि को बेहद प्रभावशाली बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि इससे जातक के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं अर्जुन को पापमोचिनी एकादशी के बारे में बताया था। इस दिन सच्चे मन से व्रत करने और पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की आराधना करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।