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Parivartini Ekadashi परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु लेते है करवट, जानें हिंदू धर्म में इस दिन की महत्ता

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हिंदू धर्म में आने वाली सभिएकदशि तिथि की विशेष महत्ता बताई गयी है। सभी एकादशी तिथि के अलग अलग नाम भी हैं और उस दिन के साथ जुड़ी मान्यताएं भी भिन्न हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन जलझूलनी, वामन एकादशी या पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन के साथ यह मान्यता जुड़ी हुई है कि इस दिन योग निद्रा में रहने वाले भगवान विष्णु करवट लेते हैं। यही वजह है कि यह दिन परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। जानते हैं इस साल परिवर्तिनी एकादशी का व्रत किस दिन रखा जाएगा और इस दिन की क्या महत्ता है।

परिवर्तिनी एकादशी तिथि

परिवर्तिनी एकादशी तिथि

साल 2021 में परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 17 सितंबर, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। एकादशी तिथि का आरंभ 16 सितंबर को सुबह 9 बजकर 39 मिनट से हो जाएगा और इसका समापन 17 सितंबर की सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर होगा। इस दिन एकादशी पूरे दिन रहेगी मगर उदया तिथि में व्रत करने की मान्यता के कारण परिवर्तनी एकादशी का उपवास 17 सितंबर को ही रखा जाएगा।

परिवर्तनी एकादशी शुभ मुहूर्त

परिवर्तनी एकादशी शुभ मुहूर्त

पुण्य काल- सुबह 6 बजकर 7 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक

पूजा की कुल अवधि- 6 घंटे 8 मिनट

महापुण्य काल - 17 सितंबर को सुबह 6 बजकर 7 मिनट से सुबह 08 बजकर 10 मिनट तक

महापुण्य काल की अवधि- 02 घंटे 03

परिवर्तनी एकादशी व्रत पारण समय

परिवर्तनी एकादशी व्रत पारण समय

17 सितंबर को परिवर्तनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस व्रत का पारण अगले दिन 18 सितंबर, शनिवार को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से सुबह 06 बजकर 54 मिनट के बीच कर लें। इसके बाद द्वादशी तिथि समाप्त हो जाएगी इसलिए आप इस अंतराल पर पारण अवश्य कर लें।

परिवर्तिनी एकादशी का महत्व

परिवर्तिनी एकादशी का महत्व

लोगों की आस्था है कि परिवर्तिनी एकादशी का व्रत करने वाले जातक को सभी परेशानियों और दुखों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन को वामन ग्यारस भी कहा जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने अपनी लीला से वामन का अवतार लिया था और राजा बलि से सबकुछ दान में मांग लिया था। राजा बलि की भक्ति से श्रीहरि बहुत प्रसन्न हुए थे। इस दिन जो व्यक्ति एकादशी का व्रत करने के साथ साथ भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करता है उसे वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है। साथ ही जाने-अनजाने में हुए पाप भी नष्ट हो जाते हैं।

English summary

Parivartini Ekadashi 2021: Date, Puja Muhurat, Paran Timing and significance in Hindi

The Ekadashi Tithi in the month of Bhadrapada, Shukla Paksha is known as Parivartini Ekadashi. Check out the story and significance and other details of Parivartini Ekadashi 2021 in Hindi.
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