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Phulera Dooj :कुंडली में है प्रेम का अभाव तो फुलेरा दूज के दिन जरूर करें ये काम, राधा-कृष्ण का मिलेगा आशीर्वाद

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हिन्दू पंचांग में फाल्गुन माह का विशेष महत्व है क्योंकि इस महीने में ही होली का पावन त्यौहार आता है। फुलेरा दूज के दिन से ही होली के पर्व की शुरुआत हो जाती है। इसी शुभ दिन पर भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा में फूलों की होली खेली थी। तभी से मथुरा में फुलेरा दूज को बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। ब्रज, मथुरा और आस पास के क्षेत्रों में फुलेरा दूज काफी उत्साह और खुशहाली से मनाया जाता है। जानते हैं फुलेरा दूज की तिथि, मुहूर्त, महत्व और पौराणिक कथा के बारे में।

तिथि एवं मुहूर्त

तिथि एवं मुहूर्त

फुलेरा दूज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह 04 मार्च को मनाया जायेगा। फुलेरा दूज की तिथि 3 मार्च को रात 09:36 बजे से शुरू होकर 4 मार्च की रात 08:45 बजे तक चलेगी, यानि फुलेरा दूज 4 मार्च को मनाया जाएगा।

फुलेरा दूज की पौराणिक कथा

फुलेरा दूज की पौराणिक कथा

राधारानी को प्रकृति एवं प्रेम की देवी माना जाता है। जब वे श्री कृष्ण से बहुत लम्बे समय तक नहीं मिल पाईं थी तब उनका मन बहुत दुखी रहने लगा था। उनके दुखी मन के कारण मथुरा और ब्रज के आस पास की प्रकृति और पर्यावरण मुरझा गये। पेड़ों पर से पत्ते और फूल सूखने लगे। राधा की मनोस्थिति देख सभी गोपियां भी कृष्ण से नाराज़ हो गईं। जब प्रकृति और राधा रानी के विषय में श्रीकृष्ण को पता चला, तो वे उनसे मिलने पहुंचे। श्री कृष्ण से मिलकर राधा रानी बेहद खुश हुईं और जब उनका मनोचित्त प्रसन्न हुआ तब प्रकृति फिर से खिल उठी। पेड़ों में पत्ते फिर से आ गए और बगिया फिर से फूलों से महक उठी। कृष्ण ने खिले हुए एक फूल को तोड़ा और राधा को छेड़ते हुए उनपर फेंका। फिर सब गोपियों ने भी एक दूसरे पर फूलों को फेंकना शुरू कर दिया और सभी ने इस तरह फूलों की होली खेली।

फुलेरा दूज का महत्व

फुलेरा दूज का महत्व

यह त्यौहार बसंत ऋतु से संबंधित त्यौहार है और इसके साथ ही होली के पर्व की शुरुआत भी होती है। प्रेम संबंधों और वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाने के लिए इस पर्व का विशेष महत्व है। जिनकी कुंडली में प्रेम का अभाव रहता है, उन्हें इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।

फुलेरा दूज के दिन बनता है अबूझ मुहूर्त

फुलेरा दूज के दिन बनता है अबूझ मुहूर्त

इसके साथ ही फुलेरा दूज साल का अबूझ मुहूर्त होता है, इस दिन कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। इस दिन शादी, सगाई, मुंडन, मकान या जमीन की खरीददारी आदि कोई भी कार्य किया जा सकता है, क्योंंकि इस दिन का हर क्षण शुभ होता है। कहा जाता है कि इस दिन राधा कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी परेशानियां दूर होती हैं।

फुलेरा दूज के अवसर पर करें ये उपाय

फुलेरा दूज के अवसर पर करें ये उपाय

फुलेरा दूज के दिन घरों में और मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है। पूजा के समय भगवान कृष्ण को होली पर खेला जाने वाला गुलाल अर्पित किया जाता है। भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की मूर्तियों को फूलों से सजाया जाता है। इसके साथ ही राधा रानी को श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाएं और उनमें से श्रृंगार की कोई एक वस्तु अपने पास संभाल कर रख लें। इस दिन गाय और बछड़ों की सेवा करें और उन्हें भोजन कराएं।

नोट: यह सूचना इंटरनेट पर उपलब्ध मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। बोल्डस्काई लेख से संबंधित किसी भी इनपुट या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी और धारणा को अमल में लाने या लागू करने से पहले कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

English summary

Phulera Dooj 2022: Date, Muhurat, Significance, Katha and Remedies in Hindi

It is believed that Lord Krishna play with flowers and take part in the Holi festival on the auspicious eve of Phulera Dooj. Check out the details of Phulera Dooj 2022 in Hindi.
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