For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

ज्येष्ठ माह में जरुर करें ये काम, भगवान विष्णु और सूर्यदेव से जरुर मिलेगा निरोगी काया तथा धनलाभ का आशीर्वाद

|

वैशाख के महीने के बाद ज्येष्ठ का महीना आता है। मई और जून के महीने को ज्येष्ठ का महीना कहा जाता है। इस समय प्रचंड गर्मी रहती है क्योंकि इस दौरान सूर्य देव की ताकत काफी बढ़ जाती है। सूर्य देव की ज्येष्ठता और ज्येष्ठ नक्षत्र की वजह से भी इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है। माना जाता है कि इस अवधि में जो भी व्यक्ति सच्चे मन से विष्णु जी की पूजा करता है उसे मनचाहा फल मिलता है। इसके अलावा मनुष्य निरोगी भी रहता है। इसके अलावा ज्येष्ठ माह में सूर्य देव के साथ वरुण देव की भी पूजा की जाती है। हालांकि कुछ ऐसे काम भी होते हैं जिन्हें इस दौरान करने की मनाही होती है। आईए आपको विस्तार से बताते हैं।

कब से शुरू हैं ज्येष्ठ का महीना

कब से शुरू हैं ज्येष्ठ का महीना

हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2022 में ज्येष्ठ माह की शुरुआत 16 मई को हुई है जो 14 जून पूर्णिमा के दिन इसका समापन हो जाएगा।

सूर्य देव को ऐसे करें प्रसन्न

सूर्य देव को ऐसे करें प्रसन्न

इस दौरान सूर्य देव बहुत ही प्रभावशाली स्थिति में रहते हैं। चारों ओर गर्मी का प्रकोप रहता है, ऐसे में रोजाना सुबह सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। साथ ही आप सूर्य का मंत्र जाप भी करें। इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा बरसती है।

विष्णु जी की पूजा जरूर करें

विष्णु जी की पूजा जरूर करें

माना जाता है कि केवल मनुष्य ही नहीं स्वंय ईश्वर भी गर्मी से परेशान रहते हैं। इस माह में विष्णु जी की पूजा का बड़ा महत्व होता है। ऐसे में आप एकादशी के अलावा प्रतिदिन विष्णु जी की पूजा करें। यदि आपके घर में विष्णु जी की मूर्ति है तो इस दौरान आप उनके शरीर पर चंदन का लेप जरूर लगाएं। आप चाहें तो उनके चित्र पर भी चंदन का टीका लगा सकते हैं। कहते हैं इससे भगवान को गर्मी से राहत मिलती है।

आप चाहें तो ठंडे जल में केसर मिलाकर उसे दक्षिणावर्ती शंख में भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक भी कर सकते हैं। ध्यान रहे अभिषेक करते समय विष्णु सहस्त्रनाम का जाप जरूर करें। आप भगवान को दही, माखन आदि जैसी चीजों का भोग लगाएं।

प्याऊ की करें व्यवस्था

प्याऊ की करें व्यवस्था

कहते हैं प्यासे को पानी पिला बेहद पुण्य का काम होता है। इससे ईश्वर भी प्रसन्न होते हैं और आपके अच्छे कर्म का अच्छा फल भी आपको मिलता है। गर्मियों में आप जगह जगह का प्याऊ की व्यवस्था करवाएं। साथ ही अपने घर की छत और बालकनी में भी पक्षियों के लिए पानी रखें। आप गरीबों को खाना भी खिला सकते हैं।

तुलसी के पौधे के पास दिया जलाएं

तुलसी के पौधे के पास दिया जलाएं

हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ के महीने में आप रोजाना तुलसी के पौधे की पूजा करें और जल अर्पित करें। शाम को प्रतिदिन आप तुलसी जी के सामने देसी घी का दीपक जलाएं।

ज्येष्ठ माह का वैज्ञानिक महत्व

ज्येष्ठ माह का वैज्ञानिक महत्व

ज्येष्ठ महीने के धार्मिक महत्व के अलावा इसका वैज्ञानिक महत्व भी होता है। इस अवधि में वातावरण और शरीर में जल का स्तर गिरने लगता है, इसलिए पानी का पर्याप्त प्रयोग जरूरी होता है। बीमारियों से बचने के लिए जल वाले फलों और हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए।

English summary

Religious significance, Dos and don'ts during Jyestha Month in Hindi

Here We are talking about Religious significance, Dos and don'ts during Jyestha in Hindi.
Story first published: Monday, May 23, 2022, 12:16 [IST]
Desktop Bottom Promotion