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सबरीमाला मंदिर में महिलाएं कर सकेंगी प्रवेश, जानें क्यों था प्रतिबंध?

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केरल का सबरीमाला मंदिर आस्था के प्रमुख केंद्रों में से एक है। सबरीमाला मंदिर में अब तक महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित था लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए महिलाओं को भी इस मंदिर में जाने की इजाज़त दी। यह फैसला चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनाया।

800 साल पुरानी है प्रथा

800 साल पुरानी है प्रथा

माना जाता है कि तक़रीबन 800 सालों से सबरीमाला मंदिर में सिर्फ छोटी बच्चियों को ही प्रवेश की इजाज़त रही है। यहां 10 से 50 साल तक की महिलाओं का प्रवेश वर्जित था। दस साल से कम उम्र की बच्चियों को रजस्वला शुरू नहीं हुआ होता है और वहीं पचास से ऊपर की महिलाएं मासिक धर्म से मुक्ति पा चुकी होती हैं।

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क्यों लागू था ये नियम

क्यों लागू था ये नियम

यह मंदिर भगवान अयप्पा का है और इस नियम के पीछे ये तर्क दिया जाता है कि अयप्पा भगवान ब्रम्हचारी थे। तभी 10 से 15 साल से ऊपर की लड़कियां और महिलाएं इस मंदिर में नहीं जा सकती। यहां सिर्फ छोटी बच्चियां और बूढ़ी महिलाएं ही प्रवेश कर सकती हैं।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान अयप्पा जिन्हें हरिहर के नाम से भी जाना जाता है वो भगवान शिव और मोहिनी के पुत्र थे। मोहिनी विष्णु जी का ही रूप था जो उन्होंने राक्षसों को छलने के लिए लिया था। भगवान अयप्पा का नाम हरिहर भी इन्हीं भगवानों के नाम पर पड़ा, हरि यानी विष्णु और हर मतलब शिव।

ये भी माना जाता है की स्वयं भगवान परशुराम ने इस मंदिर में भगवान अय्यपन की मूर्ति स्थापित की थी। इनके दक्षिण भारत में कई मंदिर हैं उन्हीं में से एक प्रमुख मंदिर है सबरीमाला। इसे दक्षिण का तीर्थस्थल भी कहा जाता है।

मंदिर में कब कर सकते हैं दर्शन

मंदिर में कब कर सकते हैं दर्शन

यह मंदिर प्रत्येक वर्ष नवंबर से जनवरी तक भक्तों के लिए खुला रहता है। भगवान अयप्पा के लिए मकर संक्रांति का त्योहार बेहद खास माना जाता है इसलिए उस दिन वहां पहुंचने वाले भक्तों की संख्या बढ़ जाती है। इस दिन यहां ख़ास पूजा का आयोजन किया जाता है। भगवान अय्यपन की मूर्ति का घी से अभिषेक होने के दौरान वातावरण में मंत्रोचारण की ध्वनि गूंजती है। इसके अलावा साल के शेष दिनों में ये मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहता है।

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इस मंदिर का निर्माण है अद्भुत

इस मंदिर का निर्माण है अद्भुत

देश के अहम मंदिरों में एक सबरीमाला मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किलोमीटर दूर पतनमतिट्टा ज़िले में स्थित है। खास बात ये है कि यह मंदिर पहाड़ी पर स्थित है और इसके आसपास का नज़ारा भी बेहद खूबसूरत है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 18 पवित्र सीढ़ियों को पार करना पड़ता है। इन सभी सीढ़ियों के अर्थ भिन्न भिन्न बताए गए हैं। पहली पांच सीढ़ियां मनुष्य की पांच इन्द्रियों से जोड़ी गयी हैं। इसके बाद आने वाली 8 सीढ़ियां मानवीय भावनाओं को दर्शाती है। अगली तीन सीढ़ियां मानवीय गुण तो आखिर की दो सीढ़ियां ज्ञान और अज्ञान का प्रतिनिधित्व करती हैं।

इन सीढ़ियों के अलावा सामान्य रास्ता भी है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति 41 दिनों की कठिन तपस्या के बाद यहां आता है केवल वही इन सीढ़ियों का इस्तेमाल कर सकता है।

English summary

Sabarimala Temples Open to Women of all ages, Says Supreme Court

Women of all ages must be allowed in Kerala's renowned Sabarimala temple, the Supreme Court ordered today, ending a ban that prevented women and girls.
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