Just In
- 1 hr ago Watermelon in Uric Acid : तरबूज खाने से यूरिक एसिड बढ़ता है या घटता, जानें खाएं या न खाएं?
- 3 hrs ago Rash Under Breast: ब्रेस्ट के नीचे रैशेज ने कर दिया हाल बुरा, इन घरेलू इलाज से छुटकारा पाए
- 4 hrs ago Mahavir Jayanti 2024: कब मनाया जाएगा जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व महावीर जयंती, जानें इसका इतिहास
- 6 hrs ago LokSabha Chunav 2024 : सही करो मतदान तो, हो उत्तम सरकार... इन संदेशों से लोगों को वोटिंग के लिए करें प्रेरित
Don't Miss
- News Lok Sabha Elections 2024: पूर्वोत्तर में दोपहर तक मतदान का हाल, जानिए कहां- कितने प्रतिशत हुई वोटिंग
- Finance Everest Masala News: ‘बेहद खतरनाक’ सिंगापुर फूड एजेंसी ने एवरेस्ट फिश करी मसाला को बाजार से हटाने का दिया आदेश
- Automobiles खुशखबरी! 32 शहरों में मेगा सर्विस कैंप लगाने जा रही है Jawa Yezdi, मिलेंगे ये फायदे, जानें डिटेल्स
- Education ग्राफिक डिजाइन कोर्स
- Technology UPI Payment को लेकर भारत सरकार की योजना, ला सकती है नए भारतीय पेमेंट ऐप्स
- Movies 'लव सेक्स धोखा 2' की एडवांस बुकिंग हुई शुरू, फैंस हुए एक्साइटेड
- Travel दिल्ली-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कौन से स्टेशनों से होकर गुजरेगी? और कौन से रूट्स हैं प्रस्तावित?
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
नवरात्रि में इस विशेष दिन पर किया जाता है सरस्वती माता का पूजन, मिलता है ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद
देशभर में शारदीय नवरात्रि बड़े ही धूमधाम के साथ मनाये जाते हैं। नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में देश के धार्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं की रंगारंगी देखने को मिलती है। इस दौरान उत्तर भारत में मां दुर्गा के अलग अलग नौ रूपों का पूजन होता है तो वहीं दक्षिण भारत में नवरात्रि के अंतिम दिन सरस्वती माता की पूजा की जाती है। यहां सरस्वती पूजा तीन दिनों तक चलती है और पहला दिन सरस्वती आह्वान के रूप में मनाया जाता है। जानते हैं नवरात्रि के दौरान होने वाली इस विशेष सरस्वती पूजा के बारे में और साथ ही देखें इस साल की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
सरस्वती पूजा की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार सरस्वती आह्वान आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की महासप्तमी तिथि को किया जाता है। इस साल इसका शुभारंभ 11 अक्टूबर 2021 को किया जाएगा।
सरस्वती माता के आह्वान का शुभ समय
सरस्वती आह्वान: 11 अक्टूबर 2021 (सोमवार)
मूला नक्षत्र आह्वान मुहूर्त: 15:36 से 17:55
अवधि: 02 घंटे 19 मिनट
मूल नक्षत्र प्रारंभ: 2:56 अक्टूबर 11, 2021
मूल नक्षत्र समाप्त: 11:27 अक्टूबर 12, 2021
सूर्योदय 06:19
सूर्यास्त 17:55
सरस्वती आह्वान का महत्व
इस सृष्टि को ध्वनि देने का श्रेय माता सरस्वती को ही जाता है। विद्या की देवी का पूजन सिर्फ देवता ही नहीं बल्कि असुर भी करते हैं। ब्रह्मा ने ब्रह्मांड का निर्माण किया और उनकी पत्नी माता सरस्वती ने इसे सुंदर बनाने का काम किया। विद्या, शांति, संगीत, वाणी और ज्ञान का आशीर्वाद पाने के लिए भक्त माता सरस्वती की पूजा करते हैं। इन्हें मां शारदा, वीणा वादिनी, सावित्री, ब्राह्मणी, भराडी और श्वेत पद्मासन भी कहा जाता है। जिन जातकों पर माता की कृपा बनी रहती है उन्हें संगीत, कला और ज्ञान के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल होती है। सरस्वती माता के आह्वान का मतलब है इस दिन मां के आशीर्वाद का आह्वान करने के लिए विशेष अनुष्ठान किया जाता है।
सरस्वती पूजा का समय
11 अक्टूबर सोमवार: सरस्वती आह्वान
12 अक्टूबर: सुबह 11.27 पूर्वा आषाढ़ नक्षत्र प्रारंभ
13 अक्टूबर: सुबह 10.19 पूर्वा आषाढ़ नक्षत्र समाप्त
13 अक्टूबर, बुधवार: सरस्वती बलिदान
14 अक्टूबर, गुरुवार: सरस्वती विसर्जन
14 अक्टूबर, 2021: सरस्वती पूजा और आयुध पूजा
सरस्वती आह्वान पूजा विधि
जातक सरस्वती आह्वान निश्चित मुहूर्त में ही करे। माता सरस्वती का आह्वान करने के लिए उससे संबंधित मंत्रों का पाठ करें। मां सरस्वती के चरणों को साफ जल से धोएं। इस दिन भक्त व्रत का संकल्प लेते हैं। माता की मूर्ति अथवा तस्वीर का अलंकारम किया जाता है और उन्हें चंदन का लेप व कुमकुम लगाया जाता है। सरस्वती माता को सफ़ेद रंग के पुष्प अर्पित करें। आप मां को नैवेद्य अर्पित करें। आप कोशिश करें की मां की पूजा में सफेद रंग की मिठाईयां ही आप रखें। सरस्वती माता के मंत्रों के जाप के साथ भजत तथा आरती गाये। पूजा के संपन्न हो जाने के बाद सभी को प्रसाद दें।