Just In
- 49 min ago प्रेगनेंसी के First Trimester में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? कैसी होनी चाहिए हेल्दी डाइट
- 1 hr ago OMG! भारत के इस गांव में प्रेगनेंट होने आती हैं विदेशी महिलाएं, आखिर यहां के मर्दों में क्या हैं खास बात
- 4 hrs ago Curd Benefits For Skin: रोजाना चेहरे पर दही मलने से पिग्मेंटेशन और मुंहासे की हो जाएगी छुट्टी, खिल उठेगा चेहरा
- 6 hrs ago IPL 2024: कौन हैं क्रिकेटर केशव महाराज की स्टाइलिश वाइफ लेरिशा, इंडिया से हैं स्पेशल कनेक्शन
Don't Miss
- Movies VIDEO: घर में खेल रहे थे छोटे-छोटे बच्चे, अचानक बेडरूम से पत्नी की नाइटी पहने इस हालत में निकला ये हीरो
- News Bhilwara Lok Sabha Seat: राहुल कस्वां जैसी है सुभाष बहेड़िया की कहानी, इस वजह से अटक रही BJP की टिकट
- Education Job Alert: बैंक ऑफ इंडिया ने निकाली 143 ऑफिसर पदों पर भर्ती 2024, देखें चयन प्रक्रिया
- Technology अप्रैल में OnePlus, Samsung, Motorola समेत इन ब्रांड्स के Smartphones होंगे लॉन्च, जानिए कीमत व स्पेक्स
- Travel एक दिन में त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर वापस लौटे मुंबई, Tour Guide
- Finance 4 ETF Mutual Fund ने 3 साल में इन्वेस्टरों को दिया जबरदस्त रिटर्न
- Automobiles Tesla को टक्कर देने के लिए Xiaomi ने लॉन्च की पहली इलेक्ट्रिक कार, सिंगल चार्ज में मिलेगी 810KM की रेंज
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
जानिए कब है सर्वपितृ अमावस्या और कैसे की जाती है इस दिन पितरों की विदाई
हर साल भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तिथि तक पितृपक्ष होता है। इस बार पितृपक्ष की शुरुआत 10 सितंबर को हुई थी जो 25 सितंबर को समाप्त हो जाएगी। सर्वपितृ अमावस्या यानी 25 सितंबर को पितृपक्ष का आखिरी दिन है। पितृ पक्ष के दौरान लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध तर्पण पिंड दान आदि करते हैं। यदि किसी कारणवश अब तक आपने अपने पितरों का श्राद्ध कर्म नहीं किया है तो सर्वपितृ अमावस्या आपके लिए आखिरी मौका है। इस दिन आप पिंड दान कर सकते हैं। सर्वपितृ अमावस्या पितृ विसर्जनी अमावस्या और महालया भी कहते हैं। इसके ठीक अगले दिन से नवरात्रि की शुरुआत होती है।
सर्वपितृ अमावस्या के दिन लोग अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। यहां हम आपको ऐसे ही कुछ विशेष उपायों के बारे में बताएंगे साथ ही आपको यह भी जानकारी मिल सकती है कि इस दिन आपको कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए।
25 सितंबर को है सर्वपितृ अमावस्या
25 सितंबर, 2022, रविवार को सर्वपितृ अमावस्या है। इस दिन सुबह 03 बजकर 12 मिनट पर अमावस्या तिथि का आरंभ हो जाएगा। 26 सितंबर को सुबह 03 बजकर 23 मिनट पर अमावस्या तिथि का समापन हो जाएगा।
करें ये उपाय
सर्वपितृ
अमावस्या
के
दिन
पीपल
के
वृक्ष
की
पूजा
करें।
सुबह
जल्दी
उठकर
स्नान
आदि
कर
लें
और
पेड़
के
आगे
दिया
जलाएं।
इस
दिन
पितरों
का
तर्पण
किया
जा
सकता
है।
ज्योतिष
शास्त्र
के
अनुसार
यदि
आपने
पूरे
पितृपक्ष
तर्पण
नहीं
किया
है
तो
इस
अमावस्या
पर
तर्पण
करने
से
पितरों
का
आशीर्वाद
मिलता
है।
आप
अपनी
क्षमता
अनुसार
दान
जरूर
करें।
इस
दिन
चांदी
का
दान
करना
बहुत
ही
शुभ
होता
है।
अमावस्या
के
दिन
ब्राह्मणों
को
भोजन
करवाएं।
उन्हें
वस्त्र
और
दक्षिणा
दें।
इसके
अलावा
गरीबों
को
भी
खाना
खिलाएं।
इससे
पितरों
की
आत्मा
को
संतुष्टि
मिलती
है।
एक
थाली
में
भोजन
परोसकर
किसी
खुली
जगह
पर
रखें।
कहते
हैं
पितृपक्ष
में
हमारे
पूर्वज
पक्षी
के
रूप
में
धरती
पर
आते
हैं।
ये गलतियां करने से बचें
सर्वपितृ
अमावस्या
के
दिन
बाल
और
नाखून
काटने
से
बचें।
किसी
भी
नई
वस्तु
की
खरीददारी
न
करें।
यदि
कोई
दरवाजे
पर
दान
दक्षिणा
के
लिए
आए
तो
उसे
खाली
हाथ
न
जाने
दें।
गरीबों
और
ब्राह्मणों
का
अपमान
न
करें
अन्यथा
पितरों
के
साथ
भगवान
भी
नाराज
हो
सकते
हैं।
इस
दिन
लहसुन,
प्याज,
मदिरा,
मांस,
मछली
आदि
के
सेवन
से
आपको
बचना
चाहिए।
सर्वपितृ अमावस्या का महत्व
पितृपक्ष के दौरान सर्वपितृ अमावस्या का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान पूरे 15 दिनों तक हमारे पूर्वज धरती पर विराजमान रहते हैं। सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों की विदाई की जाती हैं। यदि किसी को अपने किसी पूर्वज की मृत्यु की तिथि मालूम न हो या फिर किसी वजह से कोई श्राद्ध न कर पाए तो सर्वपितृ अमावस्या पर पिंडदान और तर्पण किया जा सकता है। इस दिन पूर्वज अपने परिजनों को आशीर्वाद देकर वापस स्वर्ग लोक की यात्रा पर निकल जाते हैं।