Just In
- 8 hrs ago अनुपमा फेम रुपाली गांगुली है Working Mom Guilt का शिकार, जानें क्या होता है और ऐसा होने पर क्या करें?
- 9 hrs ago Animated Images से खास दोस्तों को दें Holi Wishes, खुशियों और रंगों का मजा हो जाएगा दोगुना
- 10 hrs ago Retinal Detachment सर्जरी के लिए ब्रिटेन जाएंगे आप सांसद राघव चड्डा, ये हैं बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज
- 12 hrs ago एल्विश यादव पर लगे NDPS एक्ट में फंस चुके हैं आर्यन खान, इतने सालों की हो सकती हैं यूट्यूबर को सजा
Don't Miss
- News Lok Sabha Polls: बीजेपी ने विभिन्न राज्यों के कैंडिडेट्स पर घंटों किया मंथन, मनसे को 2 सीटें मिलने की उम्मीद!
- Education SEBI Recruitment 2024 सहायक प्रबंधक रिक्तियों के लिए आवेदन 13 अप्रैल से, सैलरी 1,49,000 रु प्रतिमाह
- Movies राम चरण की पत्नी उपासना ने अयोध्या को दिया बड़ा तोहफा,फ्री में होगा भक्तों का इलाज बनवाया 300 बेड वाला अस्पताल
- Travel रमज़ान 2024 : इफ्तारी नहीं, हैदराबाद में ये हैं सेहरी के लिए बेस्ट जगहें, जरूर Try करें
- Finance दिल्ली सरकार की "जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना" क्या है? किसे मिलता है लाभ, कैसे करें अप्लाई?
- Automobiles Top-10 Bikes : February में इन टॉप-10 बाइक की हुई जबरदस्त बिक्री, जानें किसने किया नंबर-01 की पोजिशन पर कब्जा
- Technology Vivo T3 5G की भारत में इतनी होगी कीमत, मिलेंगे कई दमदार फीचर्स, जानें लॉन्च डेट
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
क्या आपको मालूम है भगवान शिव की थी एक बहन?
हमने अपने कई लेखों के माध्यम से भगवान शिव और देवी पार्वती से जुड़ी कई रोचक बातें आपके सामने प्रस्तुत की है। आज हम आपको ऐसी ही एक और रोमांचित कर देने वाली घटना के बारे में बताएंगे। जी हाँ, आपने भगवान शिव की संतानों और उनकी पत्नियों के बारे में तो पढ़ा ही होगा किंतु महादेव की बहन के बारे में शायद ही आपने सुना हो। तो चलिए जानते हैं क्या है भोलेनाथ की इस बहन की कहानी।
देवी पार्वती रहती थी गुमसुम
जैसा कि हम सब जानते हैं कि देवी पार्वती ने महादेव से विवाह करने के लिए सभी सुखों और सुविधाओं का त्याग कर दिया था। भोलेनाथ से विवाह के पश्चात देवी पार्वती उनके साथ कैलाश पर आकर रहने लगी थीं। यूँ तो माता बहुत प्रसन्न थी किन्तु उन्हें वहां बहुत ही अकेलापन महसूस होता था चूँकि शिव जी ज़्यादातर समय अपने ध्यान में ही लीन रहते थे इसलिए माता के साथ कोई बातचीत करने के लिए वहां मौजूद नहीं था। वे हमेशा सोचती कि यदि उनकी कोई ननंद होती तो वे दोनों खूब गप्पे लड़ाते और उनका समय भी आसानी से व्यतीत हो जाता लेकिन वे इस बात से भली भांति परिचित थीं कि शिव जी अजन्मे हैं इसलिए उनका कोई भाई या बहन नहीं हो सकता। यही सोचकर वे अपने दिल की बात अपने पति से नहीं कह पा रही थीं।
शिव जी ने पढ़ ली उनके मन की बात
भले ही माता पार्वती अपने दिल की बात महादेव से न कह पा रही हों लेकिन भगवान तो अन्तर्यामी हैं उन्होंने फौरन ही सब कुछ जान लिया। तब शिव जी ने देवी पार्वती से उनकी परेशानी का कारण पूछा। माता से रहा न गया और उन्होंने महादेव को सारी बात बतायी। देवी शिव जी से बोलीं कि सभी स्त्रियों की ननंद होती है यदि उनकी भी कोई ननंद होती तो कैलाश पर उनका भी मन लगा रहता।
यह सुनकर भोलेनाथ मुस्कुराए और उन्होंने देवी से पूछा कि क्या उनकी ननंद से बन पाएगी। इस पर पार्वती जी बोलीं क्यों नहीं, ननंद भी तो सखी के समान होती है।
भोलेनाथ की माया से उत्पन्न हुई असावरी देवी
देवी पार्वती की इच्छा पूरी करने के लिए भगवान शिव ने अपनी माया से एक देवी उत्पन्न की जिन्हें असावरी के नाम से जाना जाता है। यह थीं भोलेनाथ की बहन और देवी पार्वती की ननंद। जब माता पार्वती को इस बात का पता चला कि असावरी देवी उनकी ननद है तो वे बहुत प्रसन्न हुईं।
ऐसी थीं असावरी देवी
भोलेनाथ की माया से उप्तन्न हुई उनकी यह बहन काफी मोटी थी और उनके पैरों में बड़ी बड़ी दरारें थी, फिर भी ननद के आने से देवी पार्वती बेहद खुश थीं और उनकी सेवा सत्कार में लग गयीं। असावरी देवी स्नान करने गईं तब पार्वती जी उनके लिए खाना बनाने लगीं। जब वे स्नान करके लौटीं तो सारा भोजन चट कर गयीं, इतना ही नहीं उन्होंने पार्वती जी का पूरा का पूरा भोजन भण्डार ही खाली कर डाला और भोलेनाथ के भोजन के लिए कुछ भी नहीं बचा। यह देख पार्वती जी बहुत दुखी हुईं। अब असावरी देवी ने अपनी भाभी से वस्त्र मांगे किंतु पार्वती जी के दिए हुए वस्त्र उन्हें छोटे पड़ गए तब पार्वती जी उनके लिए दूसरे वस्त्रों के इंतज़ाम में लग गयी।
जब असावरी देवी ने पार्वती जी को छिपा लिया
एक दिन असावरी देवी को मज़ाक सूझा और उन्होंने पार्वती जी को अपने पैरों की दरारों में छिपा लिया। तभी भोलेनाथ पार्वती जी को ढूंढते हुए असावरी देवी के पास पहुंचे और उनसे पूछने लगे कि उन्होंने पार्वती जी को देखा, इस पर उन्होंने भोलेनाथ से झूठ कह दिया कि उन्हें इस बारे में नहीं पता। तब शिव जी असावरी देवी से बोले कि कहीं यह उनकी कोई शरारत तो नहीं किन्तु असावरी देवी साफ़ मुकर गयीं। उसके बाद जैसे ही उन्होंने अपना पैर ज़मीन पर पटका देवी पार्वती उसमें से निकल कर बाहर गिर गयी।
क्रोधित हो गयी पार्वती जी
असावरी देवी की इस हरकत से देवी पार्वती बहुत क्रोधित हो उठी और शिव जी से कहा कि उनसे बड़ी भूल हो गई कि उन्होंने एक ननंद की इच्छा की। पार्वती जी ने शिव जी से आग्रह किया कि वे फ़ौरन असावरी देवी को ससुराल भेज दें। तब महादेव ने अपनी बहन को हमेशा के लिए कैलाश से विदा कर दिया।