Just In
- 38 min ago Rash Under Breast: ब्रेस्ट के नीचे रैशेज ने कर दिया हाल बुरा, इन घरेलू इलाज से छुटकारा पाए
- 1 hr ago Mahavir Jayanti 2024: कब मनाया जाएगा जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व महावीर जयंती, जानें इसका इतिहास
- 3 hrs ago LokSabha Chunav 2024 : सही करो मतदान तो, हो उत्तम सरकार... इन संदेशों से लोगों को वोटिंग के लिए करें प्रेरित
- 4 hrs ago नारियल पानी Vs नींबू पानी, गर्मियों में हाइड्रेड रहने के लिए क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?
Don't Miss
- Finance Personal Loan Tips: पर्सनल लोन लेते समय इन 6 बातों का रखें ध्यान वरना झेलना पड़ेगा भारी नुकसान
- News CG: सीएम विष्णुदेव साय ने बीजेपी नेता नारायण चंदेल को दी जन्मदिन की बधाई
- Technology Vivo V30e 5G जल्द हो सकता है भारत में लॉन्च, मिलेंगे बेहतरीन फीचर्स
- Education JAC 10th Toppers List 2024:झारखंड बोर्ड 10वीं टॉपर लिस्ट जारी, ज्योत्सना ज्योति ने 99.2% से किया टॉप, चेक list
- Movies 'ये तो नशे में धुत है..' बीच सड़क पर बादशाह ने की ये हरकत? हालत देखकर लोग कर रहे हैं ऐसे कमेंट्स!
- Travel दुनिया के सबसे व्यस्त और Best एयरपोर्ट्स की लिस्ट में दिल्ली का IGI एयरपोर्ट भी शामिल, देखें पूरी लिस्ट
- Automobiles नई Land Rover Defender के साथ नजर आयी बॉलीवुड सिंगर Neha Kakkar, कीमत जान होश उड़ जाएंगे!
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
Lohri 2018: जानें लोहड़ी मनाई जाने के पीछे क्या है महत्व
भारत के दक्षिणी हिस्से में लोहड़ी का त्येाहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। पंजाब में इसे फसलीय मौसम के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा भी इस त्येाहार को मनाने के और भी कई कारण हैं। जानिए इसके बारे में।
भारत एक ऐसा देश है जहां कई धर्मों के अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। यहां शायद ही ऐसा कोइ महीना या मौसम होगा जिसमें कोई त्योहार ना आता हो। हालांकि इन त्योहरों का महत्व और इन्हें मनाने का तरीका हर क्षेत्र में अलग-अलग है लेकिन फिर भी इनका महत्व और उत्साह बिलकुल भी कम नहीं है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है लेकिन बड़ी हैरानी की बात है कि इस देश में कोई कृषि उत्सव नहीं मनाया जाता। ये इसलिए भी ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि फसल काटने का वो समय होता है जब हम किसानों का और उगने वाली फसल के लिए प्रकृति का आभार व्यक्त करते हैं।
भारत में तो नहीं लेकिन इसके पंजाब और हरियाणा राज्य में लोहड़ी का उत्सव मनाया जाता है। इस त्योहार का महत्व कुछ इस प्रकार है :
1. कैसे हुई लोहड़ी की शुरुआत
लोहड़ी शब्द की उत्पत्ति के बारे में कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं। इस शब्द के बारे में कहा जाता है कि लोह शब्द का मतलब लोहे से है। इस त्योहार पर मसालों को तैयार करने में लोहे की परत वाले तवों का प्रयोग किया जाता है और यहीं से इस त्योहार को ये नाम मिला है। किवदंती है कि एक बार होलिका और लोहड़ी नामक दो भाई-बहन थे। होली की अग्नि में होलिका जल गई लेकिन लोहड़ी बच गया। लोहड़ी के जीवित रहने की खुशी में ही ये त्योहार मनाया जाता है।
2. कृषि की सफलता
भारत एक कृषि प्रधान देश है। पंजाब और हरियाणा की भूमि उपजाऊ होने के मामले में थोड़ी सख्त है। इन जगहों पर एक ऐसा उत्सव मनाया जाता है जिसमें अपनी मेहनत से फसल उगाने वाले लोगों के प्रति आभार प्रकट किया जाता है। लोहड़ी यहां पर एक ऐसा ही त्योहार है। इसी वजह से पंजाब राज्य में लोहड़ी बहुत महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है।
3. नई पीढ़ी के बीच सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना
लोहड़ी के त्योहार की एक सबसे खास बात है कि इसमें बच्चे लोक गीत गाते हुए सभी के घर जाते हैं। उनके गीत के कारण लोग उन्हें गुड़, मूंगफली, चॉकलेट और पैसे देते हैं। तोहफों को देखकर बच्चों का इस त्येाहार में हिस्सा लेने का उत्साह और ज्यादा बढ़ जाता है। इसके ज़रिए उन्हें अपनी संस्कृति और मूल्यों के बारे में बहुत कुछ जानने का मौका मिलता है। पंजाबी घरों में ये त्योहार बहुत महत्व रखता है और इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
4. एकता का प्रतीक
लोहड़ी एक ऐसा त्योहार है जिस घर के सभी सदस्य मिलकर पंजाबी लोक गीतों पर खूब मस्ती करते हैं। बीच में आग जलाकर इसके चारों ओर लोग कई तरह के खेल और कार्यक्रम करते हैं। जहां एक ओर महिलाएं गिद्दा करती हैं तो वहीं दूसरी ओर पुरुष भांगड़ा करते हुए नज़र आते हैं। गाना, नृत्य और मौज-मस्ती में ही पूरी रात निकल जाती है। आग में लोग बजक, रेवड़ी, पॉपकॉर्न और मूंगफली डालते हैं। इस तरह लोहड़ी के त्योहार को एकता का प्रतीक भी कहा जा सकता है।
5. व्यंजनों की है सौगात
हम भारतीय खानपान को लेकर बहुत सजग रहते हैं। जाहिर सी बात है कि त्योहार के दौरान कई तरह की चीज़ें और मिठाईयां बनती हैं। ये त्योहार सरसों दा साग और मक्के की रोटी के साथ खीर के बिना अधूरा है।
6. सूर्य देव की आराधना
हम सभी जानते हैं कि संसार का यापन सूर्य देव के बिना अधूरा है और फसल में भी सूर्य देव अहम भूमिका निभाते हैं।
इस वजह से भी लोहड़ी के त्येाहार का अधिक महत्व है। मान्यता है किइस दिन सूर्य देव की उपासना करने से दोगुना फसल मिलती है। कुल मिलाकर इससे पशुओं और मनुष्य का फायदा होता है।
7. कड़ाके की ठंड
जनवरी के मध्य में लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है। इस समय सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस समय में कड़कड़ाती हुई सर्दी पड़ती है। इसी वजह से लोहड़ी के त्योहार पर आग जलाई जाती है।
8. मन की शांति
दूसरों के साथ खुशियां बांटने से आत्मसंतुष्टि की अनुभूति होती है और लोहड़ी का त्योहार भी कुछ ऐसा ही अनुभव देकर जाता है। इस कारण भी लोहड़ी के त्योहार का ज्यादा महत्व है। सभी लोग मिलकर शांति और सद्भाव के साथ लोहड़ी का त्योहार मनाते हैं। सिख और पंजाबी गुरु ग्रंथ साहिब का जाप करते हैं और लोहड़ी की अग्नि जलने से पहले ध्यान भी करते हैं।