Just In
- 35 min ago ब्लेजर से लेकर बोट नेकलाइन ब्लाउज तक, अदिती राव हैदरी के ब्लाउज डिजाइन हैं सबसे हटके
- 2 hrs ago World Malaria Day 2024 : मलेरिया होने पर जल्दी रिकवरी के लिए मरीज को क्या खिलाएं और क्या नहीं?
- 3 hrs ago Personality Test: पैरों का आकार बताता है कई राज, जानें अपनी पर्सनालिटी से जुड़ी ये ख़ास बात
- 3 hrs ago क्या होता है स्मोक्ड बिस्किट? जिसे खाने के बाद कर्नाटक में एक बच्चे की बिगड़ गई तबीयत
Don't Miss
- Travel DGCA ने पेरेंट्स के साथ सफर कर रहे 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बदला नियम, जाने यहां
- News छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शून्य पर आउट होने वाली है, बोले डिप्टी सीएम अरुण साव
- Movies होने वाले ससुर के साथ चोरी-छिपे मीटिंग सेट कर रहे Aditya Roy Kapur? इंप्रेस करवाने के लिए ले गए गोवा!
- Education MP Board 12th Toppers List 2024: एमपीबीएसई इंटर रिजल्ट जारी, जयंत यादव ने किया टॉप, 60% पास
- Finance CGHS कार्ड होल्डर्स के लिए खुशखबरी, अब Aiims में भी मिलेगा कैशलेश ट्रीटमेंट
- Technology डेटा खपत के मामले में Reliance Jio ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, चीन की दिग्गज कंपनी को छोड़ा पीछे
- Automobiles भारत में लॉन्च हुई Ultraviolette F77 Mach 2 इलेक्ट्रिक बाइक, मिलेगी 323KM की रेंज, जानें कीमत
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
ये है शिव जी की तीसरी आँख का रहस्य
हम जब भी भगवान शिव का नाम लेते हैं तो उनका एक स्वरुप हमारी आँखों के सामने आ जाता है जिसमें उनकी जटाओं से निकलती गंगा, माथे पर चंद्रमा, उनकी तीसरी आंख, हाथों में त्रिशूल और डमरू होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिव जी की तीन आँखें क्यों है, क्या है इसका कारण?
पुराणों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि हमारे सभी देवी देवताओं के पास सिर्फ दो आँखें हैं लेकिन शिव जी के पास तीन आँखें है। वैसे तो महादेव की तीसरी आँख को लेकर कई कथाएं प्रचलित है उनमें से एक कथा के अनुसार जब कामदेव ने भोलेनाथ की तपस्या को भंग करने की कोशिश की थी तब शिव जी की तीसरी आँख उत्पन्न हुई थी और उसी से उन्होंने कामदेव को भस्म कर दिया था।
एक अन्य कथा के अनुसार एक बार माता पार्वती ने जब पीछे से आकर भोलेनाथ की दोनों आँखों को अपने हाथों से बंद कर दिया था तब समस्त संसार में अंधकार छा गया था। तब संसार को वापस प्रकाशमय करने के लिए शिव जी की तीसरी आंख खुद ही खुल गयी थी और फिर से चारों ओर रौशनी ही रौशनी हो गयी थी।
कहते हैं शिव जी की एक आँख सूर्य है तो दूसरी आंख चंद्रमा इसलिए जब पार्वती जी ने उनके नेत्रों को बंद किया तो चारों ओर अन्धकार फैल गया था।
दिव्य दृष्टि का प्रतीक
कहते हैं शिव जी की तीसरी आँख उनका कोई अतिरिक्त अंग नहीं है बल्कि ये उनकी दिव्य दृष्टि का प्रतीक है जो आत्मज्ञान के लिए बेहद ज़रूरी है। शिव जी को संसार का संहारक कहा जाता है जब जब संकट के बादल छाए तब तब भोलेनाथ ने पूरे संसार को विपदा से बचाया है।
माना जाता है कि महादेव की तीसरी आँख से कुछ भी बच नहीं सकता। उनकी यह आंख तब तक बंद रहती है जब तक उनका मन शांत होता है किन्तु जब उन्हें क्रोध आता है तो उनके इस नेत्र की अग्नि से कोई नहीं बच सकता।
सभी के पास होती है तीसरी आंख
शिव जी की तीसरी आंख हमे यह सन्देश देती है कि हर मनुष्य के पास तीन आँखें होती है। ज़रुरत है तो सही समय पर उसका सही उपयोग करने की। ये तीसरी आँख हमें आने वाले संकट से अवगत कराती है। सही गलत के बीच हमें फर्क बताती है और साथ ही हमें सही रास्ता भी दिखाती है।
जीवन में कई बार ऐसी परेशानियां आ जाती है जिन्हें हम समझ नहीं पाते ऐसी परिस्तिथि में यह हमारा मार्गदर्शन करती है। धैर्य और संयम बनाए रखने में भी ये हमारी मदद करती है।
मृत्यु के देवता है महादेव
भगवान शिव शव के जलने के बाद उस भस्म को अपने पूरे शरीर पर लगाते हैं। इसका अर्थ यह है कि हमारा यह शरीर नश्वर है। एक न एक दिन इसी प्रकार राख हो जाएगा इसलिए हमें कभी भी इस पर घमंड नहीं करना चाहिए। साथ ही सुख और दुःख दोनों हो जीवन का हिस्सा है। जो व्यक्ति खुद को परिस्तिथियों के अनुसार ढाल लेता है उसका जीवन सफल हो जाता है और यह उसका सबसे बड़ा गुण होता है।