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21 अगस्त को सूर्य ग्रहण के दिन ध्यान रखें ये बातें वरना...
21 अगस्त, 2017 को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा। इस सूर्य ग्रहण पर आपको क्या करना चाहिए और किन बातों से दूर रहना चाहिए, ये सभी बातें पता होनी चाहिए। सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए आपको ये जानकारी होना आवश्यक है।
क्या
होता
है
ग्रहण
सूर्य
ग्रहण
के
दौरान
चंद्रमा,
पृथ्वी
के
मध्य
से
होकर
गुज़रता
है
तथा
पृथ्वी
से
देखने
पर
सूर्य
पूर्ण
अथवा
आंशिक
रूप
से
चंद्रमा
आच्छादित
होता
है।
सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य की किरणों को रोक देता है और इसी कारण सूर्य को ग्रहण लग जाता है। इस ग्रहण की अवधि चंद्रमा पर निर्भर करती है।
जब तक चंद्रमा, सूर्य की किरणों को धरती तक पहुंचने से रोक कर रखता है तब तक सूर्य ग्रहण रहता है। सूर्य ग्रहण सभी जीवों को प्रभावित करता है। इसका प्रभाव मनुष्य, जानवर, जीव-जंतु और पक्षियों पर पड़ता है।
सूर्य
ग्रहण
के
दौरान
अशुभ
समय
को
समझें
सूर्य
ग्रहण
के
समय,
उसके
बाद
और
उससे
पहले
का
समय
अशुभ
माना
जाता
है
और
भारत
जैसे
धार्मिक
देशों
में
इसे
लोग
बहुत
गंभीरता
से
लेते
हैं।
सूर्य
ग्रहण
के
अंतराल
को
सूतक
काल
भी
कहा
जाता
है।
आइए
जानते
हैं
कि
ये
कैसे
करता
है
काम
:
सूर्य
ग्रहण
के
दौरान
क्या
होता
है
सूतक
काल
सूतक
काल
वह
होता
है
जब
कोई
भी
शुभ
कार्य
की
शुरुआत
या
शुभ
काम
करना
वर्जित
हो।
सूर्य
ग्रहण
शुरु
होने
से
12
घंटे
पूर्व
ही
सूतक
काल
आरंभ
हो
जाता
है।
ग्रहण के बाद व्यक्ति को अनुष्ठान करने के पश्चात् स्नान करना चाहिए। तभी ग्रहण का समापन होता है। घर के पूजन स्थल को भी सूर्य ग्रहण के समय साफ रखना चाहिए। सूतक के दौरान मंदिर भी बंद रहते हैं और मंदिरों में कोई पूजा या प्रार्थना नहीं की जाती है।
सूर्य
ग्रहण
के
दौरान
क्या
करें
और
क्या
ना
करें
सूर्य
ग्रहण
की
शुरुआत
से
लेकर
अंत
तक
मंत्रों
का
उच्चारण,
ध्यान,
प्रार्थना
और
हवन
करना
उत्तम
माना
जाता
है।
हालांकि,
इस
दौरान
मूर्ति
पूजा
नहीं
करनी
चाहिए।
सूतक
काल
के
समाप्त
होने
पर
स्नान
करें
और
नए
वस्त्र
धारण
कर
भगवान
की
मूर्तियों
पर
गंगाजल
छिड़कें।
तुलसी
और
शामी
पौधे
को
स्पर्श
ना
करें
सूर्य
ग्रहण
और
सूतक
के
दौरान
आपको
तुलसी
और
शामी
के
पौधे
को
स्पर्श
नहीं
करना
चाहिए।
ग्रहण
के
पश्चात्
इन
पौधों
पर
पानी
डालें
या
गंगाजल
छिड़कें।
ऐसा
करने
से
ये
पुन:
शुद्ध
हो
जाते
हैं।
मंत्रों
का
जाप
सूर्य
ग्रहण
के
दौरान
गायत्री
मंत्र
या
अपने
गुरु
के
मंत्र
का
जाप
करें।
मंदिर
में
दीपक
या
दीया
भी
प्रज्वलित
करें।
इनसे
रहें
दूर
इस
दौरान
आपको
कुछ
भी
खाने,
पकाने,
शौच
और
सोने
जैसे
अन्य
कार्य
नहीं
करने
चाहिए।
सूर्य ग्रहण के बाद क्या करें
- सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के पश्चात् स्नान कर नए वस्त्र धारण करने चाहिए। अपने पूर्वजों को स्मरण करें और इस दौरान दान करना भी शुभ माना जाता है।
- अगर आपके घर के पास कोई धार्मिक स्थल है तो आपको वहां जरूर जाना चाहिए। सूर्य ग्रहण के पश्चात् किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान जरूर करना चाहिए।
ग्रहण के दौरान आपको ये कार्य करने चाहिए :
- कालक्रम के अनुसार जिन जगहों पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव पड़ रहा है और जहां पर सूर्य ग्रहण दिखाई देगा वहां रहने वाले लोगों को नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
- सबसे पहले, जब सूर्य ग्रहण की शुरआत हो तो आप स्नान कर लें और ग्रहण के दौरान ध्यान और मंत्रों का उच्चारण करें।
- ग्रहण की समाप्ति पर दान करें और जरूरतमंद एवं गरीबों की सहायता करें।
-
ग्रहण
के
समाप्त
होने
के
पश्चात्
भी
स्नान
करें
और
अनाज,
कपड़ों
और
पैसों
का
दान
करें।
इन
तीनों
कार्यों
को
करने
के
बाद
भी
स्नान
जरूर
करें।
सूर्य
ग्रहण
के
दौरान
मंत्र
जाप
आमतौर पर ग्रहण के दौरान किसी भी मंत्र का जाप करना फलदायी होता है। इसके अलावा सूर्य ग्रहण के दौरान आप सूर्य मंत्र का उच्चारण भी कर सकते हैं। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से जीवन की सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है। महामृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है :
मंत्र
ऊं
त्र्यंबकं
यजामहे,
सुगन्धिं
पुष्टिवर्धनं,
उर्वारुक्मिाव,
बंधनात्,
मृत्योंर्मुचीय
मामृतात्।।
गायत्री
मंत्र
ऊं
भूभर्व:
स्वं:
तत्सपवितुरर्वरेण्यं
भर्गो
देवस्य
धीमहि
धियो
यो
न:
प्रचोदयात्।।
सूर्य
मंत्र
सूर्य
ग्रहण
के
दौरान
सूर्य
मंत्र
का
जाप
करना
भी
शुभ
माना
जाता
है।
सूर्य मंत्र है : ऊं घृणि सूर्याय नम:।।