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सावन में अगर पानी हैं ढेर सारी सेहत और उन्‍नती तो पालन करें इन नियमों का

सावन में विधि पूर्वक शिवजी की आराधना करने से, मनुष्य को शुभ फल भी प्राप्त होते हैं। इसके साथ ही और क्या करना चाहिए आइये जानते हैं।

By Lekhaka
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सावन का महीना और चारों और हरियाली। भारतीय वातावरण में इससे अच्छा कोई और मौसम नहीं बताया गया है। जुलाई आखिर या अगस्त में आने वाले इस मौसम में, ना बहुत अधिक गर्मी होती है और ना ही बहुत ज्यादा सर्दी।

वातावरण को अगर एक बार को भूला भी दिया जाए, किन्तु अपने आध्यात्मिक पहलू के कारण सावन के महीने का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व बताया गया है। सावन का महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित रहता है।

इस माह में विधि पूर्वक शिवजी की आराधना करने से, मनुष्य को शुभ फल भी प्राप्त होते हैं। इसके साथ ही और क्या करना चाहिए आइये जानते हैं।

Sawan की शुरुआत सोमवार से बनाती है Shiv Pujan का महायोग, जानिए क्या करना है सही | Boldsky
 1. शांति बनाये रखें

1. शांति बनाये रखें

इस महीने घर में शांति बनाये रखें किसी भी अशांति और तनाव से दूर रहें। सावन के महीने में पूरे घर को साथ में रह कर शिव जी की पूजा करनी चाहिए। जिससे उनके आर्शीवाद से परिवार में प्यार बना रहे।

 2. विनम्रता

2. विनम्रता

ऐसा कहा जाता है कि सावन के दौरान भगवान् शिव तीनों लोक के देवताओं के कार्यों का समन्वय करते हैं। इसीलिए इस समय हमे दान दक्षिणा देनी चाहिए साथ ही इस दौरान हमे शाकाहारी भोजन खाना चाहिए और मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

3. दूध उत्पाद

3. दूध उत्पाद

ऐसा कहा जाता है कि सावन के महीने में शरीर का वात बढ़ जाता है और अगर ऐसी स्थिति में अगर दूध या इससे बनी कोई भी वास्तु खाई जाती है तो वह नुक्सान करता है। इसलिए सावन में शिव जी पर दूध चढ़ाया जाता है।

4. बैंगन

4. बैंगन

सावन में महीने में बैंगन ऐसी सब्जी है जिसे खाना वर्जित माना गया है। इसका धार्मिक कारण यह है कि बैंगन को शास्त्रों में अशुद्घ कहा गया है। इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि सावन में बैंगन में कीड़े अधिक लगते हैं। ऐसे में बैंगन का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सावन में बैंगन खाने की मनाही है।

5. भक्त का अपमान नहीं करना चाहिए

5. भक्त का अपमान नहीं करना चाहिए

श्रावण के महीने में जो व्यक्ति शिव जी की पूजा कर रहा है उसका अपमान नहीं करना चाहिए। अगर आप श्रावण मास में ऐसा नहीं कर रहें हैं तो दूसरे को नहीं रोकना चाहिए। कावड़िये जो शिव की भक्ति में रूरे देश में घूमते हैं हमे उनकी सेवा करनी चाहिए।

6. हरी पत्तेदार सब्जी खाना है वर्जित

6. हरी पत्तेदार सब्जी खाना है वर्जित

स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सावन में कुछ चीजों को खाना वर्जित बताया गया है। ऐसी चीजों में पहला नाम साग का आता है। जबकि साग को सेहत के लिए गुणकारी माना गया है। लेकिन सावन में साग में वात बढ़ाने वाले तत्व की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिए साग गुणकारी नहीं रह जाता है। यही कारण है कि सावन में साग खाना वर्जित माना गया है। दूसरा कारण यह भी है कि इन दिनों कीट पतंगों की संख्या बढ़ जाती है और साग के साथ घास-फूस भी उग आते हैं जो सेहत के लिए हानिकाक होते हैं। साग के साथ मिलकर हानिकारक तत्व हमारे शरीर में नहीं पहुंचे इसलिए सावन में साग खाने की मनाही की गई।

7. जानवर की मदद करें

7. जानवर की मदद करें

श्रावण मास में किसी भी जानवर को आप देंखे फिर चाहे वह सड़क पर हो या घर के बाहर उसे भगाये नहीं। इसके बदले उसे कुछ खाने को दें। इससे भगवान् शंकर खुश होंगे और आपको आशीर्वाद देंगे।

8. क्रोध न करें

8. क्रोध न करें

क्रोध से मन की एकाग्रता और सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो जाती है। आवेश में लिए गए फैसले भी अधिकतर नुकसानदायक ही होते हैं। ये एक बुराई है और इससे बचना चाहिए। शिवजी के कृपा पाने के लिए खुद को शांत रखना बहुत जरूरी है। क्रोध से मन अशांत हो जाता है और ऐसे में पूजा नहीं की जा सकती है।

 9. जल चढ़ाएं

9. जल चढ़ाएं

सुबह भगवान शिव पर चढ़ाने से पिछले भूरे कर्मों से मुक्ति मिलती है। इसके लिए रात भर पानी को शिव की मूर्ति के सामने रखें और अगले दिन सुबह वहीँ पानी उसके ऊपर चढएं।

श्रवण मास के हर दिन आपको किसकी पूजा करनी है

श्रवण मास के हर दिन आपको किसकी पूजा करनी है

1. सोमवार के दिन भगवान् शंकर की पूजा होती है। मंगलवार को घर की महिलाएं अपने परिवार की सुख और सम्बृद्धि के लिए गौरी की पूजा करती हैं।

2. बुधवार

2. बुधवार

श्रवण मास के हर बुधवार को विठाला की पूजा होती है, जिन्हे भगवान विष्णु या कृष्ण के अवतार कहा जाता है। शिव जी के साथ इनकी पूजा करने से घर में प्यार, सम्मान और समृद्धि आती है।

 3. गुरुवार

3. गुरुवार

गुरुवार के दिन बुध और गुरु की पूजा करनी चाहिए सुबह जल्दी उठें और इनको जल अर्पित करें। इसे साथ मांस खाना छोड़ दें

4. शुक्रवार

4. शुक्रवार

शुक्रवार को लक्ष्मी और तुलसी जी की पूजा करनी चाहिए। या फिर रोज़ लक्ष्मी जी की आरती करनी चाहिए और शाम को उनकी मूर्ति के सामने दीपक जलाना चाहिए। इसके साथ शाम होते ही तुलसी जी के पेड़ के सामने दीपक जलाना चाहिए।

5. शनिवार

5. शनिवार

श्रवण मास में हर शनिवार शनि की मूर्ति पर तिल के बीज और सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए।

 6. रविवार

6. रविवार

रविवार के दिन सुबह जल्दी उठ कर सूर्य भगवान को जल चढ़ना चाहिए। इसके साथ सूर्य की रौशनी में थोड़ी देर रहना चाहिए। इससे शरीर को विटामिन डी मिलता है।

English summary

The holy month of Sawan and its benefits

To make this Sawan beneficial for you, here are the things that you should or should not do in this month!
Story first published: Monday, July 10, 2017, 15:05 [IST]
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