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Vikata Sankashti Chaturthi: संकट की स्थिति में भगवान गणेश करेंगे उद्धार, पूजा के लिए जानें शुभ मुहूर्त

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हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने चतुर्थी तिथि दो बार आती है। वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी या विकट चतुर्थी कहा जाता है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूरे विधि विधान से गणपति भगवान की पूजा करने से लाभ मिलता है।

Vikata Sankashti Chaturthi 2021:

जीवन में आने वाला संकट टलता है और उनकी कृपा बनी रहती है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने वाली महिलाओं को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद भी मिलता है। जानते हैं किस दिन विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा, शुभ संयोग के साथ साथ पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।

विकट संकष्टी चतुर्थी 2021 तिथि और शुभ मुहूर्त

विकट संकष्टी चतुर्थी 2021 तिथि और शुभ मुहूर्त

विकट संकष्टी चतुर्थी तिथि: 30 अप्रैल 2021, शुक्रवार

चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 29 अप्रैल 2021 को रात 10:09 बजे

चतुर्थी तिथि समाप्त: 30 अप्रैल 2021 को शाम 07:09 बजे

विकट संकष्टी चतुर्थी पर विशेष योग

विकट संकष्टी चतुर्थी पर विशेष योग

पंचांग के अनुसार इस साल संकष्टी चतुर्थी पर शिव और परिध योग बनेगा। ये दोनों ही योग बहुत शुभ माने जाते हैं। 30 अप्रैल की सुबह 08 बजकर 03 मिनट तक परिध योग रहेगा। इसके बाद से शिव योग का शुभारंभ हो जाएगा। यदि कोई शत्रु से संबंधित मामला हो तो परिध योग में विजय प्राप्ति होती है। शिव बहुत ही शुभ लाभदायी माना जाता है। इस योग में प्रभु के स्मरण के साथ किसी भी मंत्र के जाप से कई गुना लाभ मिलेगा।

विकट संकष्टी चतुर्थी का महत्व

विकट संकष्टी चतुर्थी का महत्व

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। यह जीवन में आने वाले सभी संकट और विघ्न का नाश करते हैं। संकष्टी चतुर्थी का दिन गणपति भगवान का स्मरण करने और उनकी पूजा-अर्चना करने के लिए उत्तम दिन माना गया है। इस दिन विघ्नहर्ता अपने भक्तों की प्रार्थना सुनते हैं और उन्हें शुभता का आशीर्वाद देते हैं।

विकट संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि

विकट संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि

इस व्रत को करने वाले जातक सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करके निवृत्त हो जाएं। स्वच्छ वस्त्र धारण करें। एक चौकी पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद संकष्टी चतुर्थी व्रत का संकल्प लें। धुप-अगरबत्ती और दीया जलाएं। गणेश जी को 21 दूर्वा चढ़ाएं। अब मंत्रों के साथ नैवेद्य, दूर्वा घास, पुष्प, अक्षत, लड्डू, पान आदि अर्पित करें। पूजा के समय 'ॐ गणेशाय नमः' या 'ॐ गं गणपते नमः' मंत्रों का जाप करें। अब घी के दिये से भगवान की आरती करें। फिर उन्हें प्रसाद चढ़ाएं। शाम में चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें। इस पूजा में चंद्रमा को अर्घ्य देना जरूरी माना जाता है। रात में चंद्रदेव के दर्शन करें। फिर अगले दिन व्रत का पारण करें।

English summary

Vikata Sankashti Chaturthi 2021: Date, Muhurat, Shubh Sanyog, Significance, Puja Vidhi in Hindi

Check out the details of Vikata Sankashti Chaturthi 2021 in Hindi.
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